My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   Mehfil (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=17)
-   -   ‘बंसी’ तुझे दीवाली मनाने का कोई हक़ नहीं....bansi (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=14029)

Bansi Dhameja 20-10-2014 09:27 PM

‘बंसी’ तुझे दीवाली मनाने का कोई हक़ नहीं....bansi
 
दीवाली तो हर साल मानते हैं मगर
दीवाली के महतव पर ध्यान देते नहीं

दीये बाहर तो बहुत जलाते हैं मगर
मन का अंधेरा तो मिटाते नहीं

मीठाईयाँ आपस में तो बाँटते हैं मगर
रिश्तों को दिल से मीठा तो बनाते नहीं

सफाई तो हर दिवाली पर करते हैं मगर
सफाई मन से मन की तो करते नहीं

हर साल रावण को भी जलाते हैं मगर
अन्दर के रावण को तो जलाते नहीं

राम की पूजा तो करते हैं मगर
राम के दिखाए रास्ते पर तो चलते नहीं

दिवाली तो हर साल मानते हैं मगर
अपने जीवन में सुधार तो लाते नहीं

अगर मन का मैल निकल ना सकें तो भी
मन में और मैल तो इकठ्ठा करें नहीं

अगर रिश्तों में मिठास ना घोल सकें तो भी
कड़वाहट को रिश्तों में तो बड़ाएँ नहीं

राम के दिखाए रास्ते पर चलना कठिन है तो भी
उस राह पर चलने की कोशिश तो छोड़ें नहीं

‘बंसी’ तू अपने को बदलने की कोशिश करता नहीं तो
‘बंसी’ तुझे दीवाली मनाने का कोई हक़ नहीं
बंसी(मधुर)

rajnish manga 21-10-2014 12:35 PM

Re: ‘बंसी’ तुझे दीवाली मनाने का कोई हक़ नहीं....bansi
 
विचारों की सुन्दर अभिव्यक्ति. आपकी अन्य रचनाओं की भांति यहाँ भी आपने व्यक्ति के द्वारा आत्म-विकास की दिशा में प्रवृत्त होने के लिये जरुरी क़दमों का उल्लेख किया है. लेकिन मैं मानता हूँ कि दिवाली मनाने का अधिकार सभी को है. आपने सुना होगा कि तिहाड़ जेल में भी दिवाली मनाई जाती है. मकसद है, अच्छे विचारों का संचरण होना, बुराई को त्यागना और अच्छाई का वरण करना. हर व्यक्ति अपने अपने तरीके से कोशिश करता है. इसका परिणाम भी हरेक के लिये अलग अलग श्रमसाध्य व समयसाध्य हो सकता है.



Bansi Dhameja 21-10-2014 10:03 PM

Re: ‘बंसी’ तुझे दीवाली मनाने का कोई हक़ नहीं....bansi
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 534292)
विचारों की सुन्दर अभिव्यक्ति. आपकी अन्य रचनाओं की भांति यहाँ भी आपने व्यक्ति के द्वारा आत्म-विकास की दिशा में प्रवृत्त होने के लिये जरुरी क़दमों का उल्लेख किया है. लेकिन मैं मानता हूँ कि दिवाली मनाने का अधिकार सभी को है. आपने सुना होगा कि तिहाड़ जेल में भी दिवाली मनाई जाती है. मकसद है, अच्छे विचारों का संचरण होना, बुराई को त्यागना और अच्छाई का वरण करना. हर व्यक्ति अपने अपने तरीके से कोशिश करता है. इसका परिणाम भी हरेक के लिये अलग अलग श्रमसाध्य व समयसाध्य हो सकता है.


मॅंगा जी बहुत बहुत शुक्रिया.
आपने सही कहा है दिवाली मनाने का अधिकार तो सब को है और मनानी भी चाहिया
मेरा सोचना है कि अगर हम अपने जीवन को सुधारने की कोशिश ही नहीं करते तो दिवाली मनाना या ना मनाना एक ही है
अगर हमने अपने जीवन को संवारना हैं ती वो हमें ही करना है कोई और यह नहीं कर सकता



All times are GMT +5. The time now is 08:50 PM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.