film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
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Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
"DOUBLE DHAMAAL" star cast
संजय दत्त-इन्पेक्टर कबीर नायक अरशद वारसी-आदि जावेद जाफरी-मानव रितेश देशमुख-रॉय आशीष चौधरी-बोमन मल्लिका शेहरावत-कामिनी कंगना रानावत-किया सतीश कौशिक-बाटा भाई निर्देशक-इंद्र कुमार निर्माता-अशोक ठाकरिया,इंद्र कुमार |
Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
"डबल धमाल":-कहीं सुर कहीं ताल
किसी फिल्म को आंशिक भी सफलता मिलती है तो उसका सीक्वल बनना तय मानिए....ये बालीवुड का नया ट्रेंड है..डबल धमाल इसी ट्रेंड के अंतर्गत बनी एक ऐसी कामेडी फिल्म है जिसे देखने के लिए आपको अपना दिमाग घर पे ही छोडना पड़ेगा..गलती से दिमाग सिनेमाघर तक साथ ले गए तो दिक्कत शुरू हो जायेगी... |
Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
जी हाँ इधर कामेडी के नाम पर ज्यादातर ऐसी ही फिल्मे बन रही हैं और सफल भी हो रही हैं...ऐसी फिल्मो की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इनमे कहानियाँ नदारद रहती हैं....डबल मीनिंग वाले डायलोग और अंग प्रदर्शन के सहारे फिल्मकार अपना काम निकाल लेता है...अगर बड़े स्टारों के साथ ये फिल्मे ना बने तो पहले ही शो मे इनका कचूमर निकलना तय है.......
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Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
आइये बात करते हैं फिल्म की कहानी की:
सगी बहन कंगना रानावत और लवर मल्लिका शेहरावत के साथ मिलकर वन टू का फोर करते हुए पैंसे कमा रहा कबीर नायक (संजय दत्त ) तब मुश्किल मे पड़ता जब उसके पूर्व परिचित चार सडकछाप आदि (अरशद वारसी), मानव (जावेद जाफरी), बमन (आशीष चौधरी ) और रॉय (रितेश देशमुख) उसे मिल जाते हैं और असलियत जानने के नाम पर ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं..कबीर इन्हें बड़ी चालाकी से लाइन मे लाता है और खूब छकाता है,, |
Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
इसके बाद शुरू होता है बदले का खेल...
बदले की आग से भभक रहे इन चरों जनो का मुंबई से मकाऊ तक पहुँच जाना और फिर वहां कबीर से बदला लेने का घटनाक्रम थोडा बहुत बांधता है.. बीच मे लोकल डान के रूप मे सतीश कौशिक की एंट्री भी प्रभावित करती है...वैसे सम्पूर्णता मे फिल्म की कहानी इनती तितर बितर है कि कोई भी सिर ढंग से पकड़ मे नहीं आता है.... |
Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
अब बात करते हैं अभिनय की:
इस फिल्म मे किसी भी कलाकार के अभिनय ने प्रभावित नहीं किया है..दरअसल किसी भी किरदार मे उन्हें करने के लिए कुछ भी नयापन नहीं है....इस स्थिति मे बेचारे स्टार भी क्या करें?पचासों बार परदे पर दोहराई गयी कामिक सिचुएशन फिर से रिपीट की जाय तो परेशानी हो ही जाती है...लेकिन आइटम सोंग "जलेबी बाई" हिट है..मुन्नी और शीलाओं वाले आइटम के इस दौर मे आगे की कड़ी जलेबी बाई है:cheers: |
Re: film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)
"रेटिंग" फिल्म को मिले हैं २/५ रेटिंग पॉइंट........फिल्म को एक बार देखा जा सकता है....लेकिन उसके लिए शर्त ये है कि आपको अपना दिमाग घर मे छोड कर आना होगा:giggle:...फिल्म मे दिखाए गए दृश्यों पर अगर आप दिमाग लगाएंगे तो सर पकड़ कर बैठ जाओगे.......:bang-head:....कई सीन और संवाद आप पहले भी देख चुके हैं......लेकिन कुछ दृश्य जरुर बाँधने मे कामयाब रहते हैं.......:bravo: |
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