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-   -   कृष्णा जन्माष्टमी और कान्हा (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=16104)

soni pushpa 05-09-2015 07:00 PM

कृष्णा जन्माष्टमी और कान्हा
 
" कृष्ण जन्माष्टमी और कान्हा "
मेरे सभी पाठकों को और पुरे भारतवर्ष को जन्माष्टमी की अनेकानेक बधाइयाँ और शुभेक्षाएं ..और दुनिया के सभी देशों में बसे सभी भारतीय भाई बहनों को भी जन्माष्टमी की अनेकानेक हार्दिक बधाइयाँ ....



कृष्ण का नाम आते ही मन में एक छबि बन जाती है एक महान योध्धा की , प्यारे से यशोदाके लाल की, एक सच्चे मित्र की और एक सच्चे प्रेमी की राधा प्रिय श्याम सुन्दर की और भक्तवत्सल भगवन की कौन सा गुण है जो हमारे कान्हा में नहीं है इसलिए तो उन्हें पूर्ण पुरुषोतम कहा गया है न ? आज एइसे कान्हा के जन्म दिवस पर मन करता है की लिखते ही जाएँ लिखते ही जाय जितना लिखे उतना कम है क्यूंकि कान्हा हैं ही इतने प्यारे नन्द के दुलारे ,नन्द के दुलारे शब्द से एक कान्हा के जन्मोत्सव के समय का आनंद याद आता है जब हम नंदोत्सव मनाते है तब और जब कान्हा का जनम होता है मंदिरों में तब सब मिल बोलते हैं .,नन्द घेर आनंद भयो ,"जय कन्हैया लाल की ,हाथी दीन्हो घोडा दीन्हो और दीन्हो पालकी .और इन शब्दों को सुनते ही संसार के सारे बंधन छोड़ के भक्त जन नाचने लगते हैं और एक अनंत अनुभूति के आनन्द में डूब जाते हैं , एइसे हैं हमारे कान्हा का प्रभाव इतना प्यारा इतना बेमिसाल की कुछ कहना ही मुश्किल है
ऐसे में इतने महान कान्हा के जन्म के समय यदि मुझे कुछ न लिखने का मन हो तो वो ताज्जुब की बात होगी मैं क्या आप भी इस समय जन्माष्टमी की संध्या पर जन्माष्टमी की तेयारियो में मशगुल होंगे ही क्यूंकि हजारो साल पुराना कान्हा आज भी बाल कृष्ण है आज भी द्वारकाधीश है आज भी बांके बिहारी है इन्सान तो क्या गौओको गौको माता बनाकर उसने ही इन्सान को बताया की गौ हमारे लिए कितनी पवित्र और महान है . .

आज जब कृष्णा का जनम दिवस हम मना रहे हैं , और आज भी शिक्षक दिवस है हमें कृष्ण के गुरुकुल के दिनों को याद करना ही होगा गुरु भक्ति में भी कृष्ण किसी से कम न थे आपने गुरु के पुत्र को पुनः जीवित करके विश्व को ये सन्देश दिया की जीवन मरण रिश्ते नाते सब कुदरत के नियम है ...


कृष्ण के बचपन से नहीं जनम से ही उनकी लीला का वर्णन करने जाय तो तो भगवत जितनी रचना हो जाएगी यह किन्तु संछेप में जरुर लिखना चाहूंगी
यमलार्जुन को पेड़ के अवतार से मुक्ति देना , मासी पूतना की मुक्ति ,उसके बाद कालिय मर्दन ,गोवर्धन पर्वत का उठाकर इंद्रा के घमंड का नाश करना कंस को मारना और महाभारत के युध्द में पांडवो साथ और गीता का ज्ञान देकर साडी दुनिया को सच्ची राह बताना और रुक्ष्मिनी संग ब्याह के बाद राक्षस द्वारा गोपियों के हरण बात के बाद जब घर के लोगो ने उनका त्याग किया तब उनसे ब्याह रचकर उन्हें समाज में स्थान देना ये सब महँ कार्य किसी के बस की बात नहीं थी .कृष्ण केइतने गुण हैं की हम साधारण इंसान उनके गुणों का जितना बखान करें वो कम ही है

rajnish manga 05-09-2015 10:44 PM

Re: कृष्णा जन्माष्टमी और कान्हा
 
Quote:

Originally Posted by soni pushpa (Post 554517)
" कृष्ण जन्माष्टमी और कान्हा "
मेरे सभी पाठकों को और पुरे भारतवर्ष को जन्माष्टमी की अनेकानेक बधाइयाँ और शुभेक्षाएं ..और दुनिया के सभी देशों में बसे सभी भारतीय भाई बहनों को भी जन्माष्टमी की अनेकानेक हार्दिक बधाइयाँ ....

कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आपको तथा अन्य सदस्यों एवम् समस्त भारत वासियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं. इस अवसर पर आपने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं तथा अन्य दैवी कार्यों का वर्णन कर कान्हा के मनोहर स्वरूप को और भी भव्य बना दिया है तथा उनका जन कल्याणकारी व्यक्तित्व भक्तों की आँखों के सामने उजागर होने लगता है. इतने सुंदर सूत्र के लिए आपको धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

Rajat Vynar 06-09-2015 10:23 AM

Re: कृष्णा जन्माष्टमी और कान्हा
 
Uttam prastuti.

soni pushpa 07-09-2015 11:41 AM

Re: कृष्णा जन्माष्टमी और कान्हा
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 554524)
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आपको तथा अन्य सदस्यों एवम् समस्त भारत वासियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं. इस अवसर पर आपने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं तथा अन्य दैवी कार्यों का वर्णन कर कान्हा के मनोहर स्वरूप को और भी भव्य बना दिया है तथा उनका जन कल्याणकारी व्यक्तित्व भक्तों की आँखों के सामने उजागर होने लगता है. इतने सुंदर सूत्र के लिए आपको धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.



भाई आपने इस सूत्र को इतना पसंद किया इसके लिए हार्दिक आभारसह बहुत बहुत धन्यवाद .. कान्हाजी हैं ही इतने प्यारे की उनके गुणगान में जितना लिखा जाय कम लगता है लिखना बहुत कुछ था पर समयाभाव के कारन बहुत कम शब्दों में कान्हा को नवाजा इस लेख के द्वारा मैंने ..

soni pushpa 07-09-2015 11:42 AM

Re: कृष्णा जन्माष्टमी और कान्हा
 
Quote:

Originally Posted by rajat vynar (Post 554530)
uttam prastuti.


हार्दिक धन्यवाद रजत जी इस रचना को सराहने के लिए .


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