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-   -   Best of "अताउल्लाह खान" (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1626)

Hamsafar+ 15-12-2010 10:02 AM

Best of "अताउल्लाह खान"
 
1 Attachment(s)

Hamsafar+ 15-12-2010 10:05 AM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा

बिखरी-बिखरी जुल्फें तेरी पसीना माथे पर है,
सच तो ये है तुम गुस्से में और भी प्यारे लगते हो
चाहें तकना तारे गिरना, सादिक काम हमारा है,
आज मगर क्या बात है तुम भी जागे लगते हो


ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा

वफाऐ मेरी याद करोगी...

…कर याद वो जमाना मेरे प्यार का

चैन लूटना तू दिल का करार का

ओ जब दुनिया में मैं न रहा

तो किसे बरबाद करोगी...

ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा,

वफाऐ मेरी…

तेरा दिल कोई जब भी दुखायेगा

याद तुझको ये मेरा प्यार आयेगा,

तेरा दिल ओ दिल लेने वाले टूटे जब तार

तो रोके फरियाद करोगी

ओ दिल तोड़ के हंसती हो...

शुर्किया आपकी नवाजिसी का,

गम की दौलत मुझे अदा कर दी

तूने हंस-हंस के इब्तदा की थी,

मैंने रो-रो के इन्तहां कर दी

मेंहदी प्यार वाली हाथों में लगाओगि

घर मेरे बाद गैर का बसाओगी...

ओ मुझे मरने से पहले ही यकीन था

ये काम मेरे बाद करोगी,

दिल तोड़ के …

जब 'ताहिर' की याद तुझे आयेगी

तेरी आँखों से ये नींद रुठ जायेगी,

जब ताहिर की......

ओ मोती अश्कों के-2 गिर जायेंगे

तो मुझे याद करोगी

ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा ...

MUNNA BHAI 15-12-2010 10:45 AM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
Insahallah ..... Keep Posting more of Ataullah khaan:)

Hamsafar+ 15-12-2010 11:07 AM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
तुझे भूलना तो चाहा,



तुझे भूलना तो चाहा,

लेकिन भुला न पाये...

जितना भुलाना चाहा...

तुम उतना याद आये,

तुझे भूलना तो चाहा,

लेकिन भूला न पाये…

गुजरे जमाने संगादिल,

देखी न तेरी सूरत...

दिल कोसता रहे हैं,

तेरे प्यार की जरुरत,

हाय आके याद तेरी,

मेरी नींद रुठ जाये,

तुझे भूलना…

तूने कदर न जानी,

अनमोल चाह्तों का...

खाया है मैंने धोखा तुझसे मोहब्बतों का...

अल्लाह करे ये धोखा,अल्लाह करे ये धोखा

तू भी किसी से खाये तुझे भूलना तो चाहा,

लेकिन भूला न पाये…

मेरे दिल में रह गए हैं,

अरमाँ मचल-मचल कर,

अरमाँ मचल-मचल कर,

खुशियों के सारे सामां,

अश्कों में बह गये हैं

आने का वायदा करके,आने का वायदा करके

तुम लौट के न आये तुझे…।

ऐ फूर्कतों तुम्हारा है मजा ही कुछ निराला

ऐ फूर्कतों तुम्हारा है मजा ही कुछ निराला

देकर लहू जिगर का,

ये रोग मैंने पाला,

'सादिक' जहाँ में ऐसा,

'सादिक' जहाँ में ऐसा कोई रोग न लगायें

तुझे भूलना तो चाहा …

Hamsafar+ 15-12-2010 11:45 AM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
मैं दुनियां तेरी छोड़ चला


मौत का गम नहीं है,

गम तो ये है आज ही

तू मेरे घर नहीं है,

तेरी आगोश में जां निकले,

ऐसा मुकदर नहीं है

अपने गेसू निचौड़ो कि कुछ तो लाश की

हुशन मिल जाये मेरा,

डाल दो अपने आँचल का टुकड़ा,

मेरी मय्यत पर चादर नहीं है


मैं दुनियां तेरी छोड़ चला...

जरा सूरत तो दिखला जाना

दो आँसू लेके आँखों में...

तुम लाश पे मेरी आ जाना

मैं दुनियां तेरी छोड़ चला,

जरा…

तेरी राहें देखते देखते ही सांसों की डोरी टूट गई

मुझे प्यार तुम्हारा मिल ना सका

मेरे दिल की नगरी लुट गई

कहीं खबर न हो जाए दुनिया को ...

मुझे चुपके से दफना जा

मैं दुनिया तेरी…

गैरों का दामन थाम बैठे,

तुम भूल के प्यार गरीबों का

तेरी दीद की नजरें प्यासी हैं

अब छोड़ दो साथ नकाबों का

मैं आखिर तेरा आशिक हूँ...

आँखों की प्यास बुझा जाना

मैं दुनिया तेरी छोड़ चला,

जरा मुझे मालूम है संगादिल तुझे इस बात का डर है

कि तेरी बेवफाई का चर्चा मैं आम कर दूंगा

न आयेगा रुकीबों के तसब्बर में कभी 'सादिक'

मैं अपने नाम को कुछ इस तरह गुमनाम कर दूंगा

अब खाक में मिल जाए खाक मेरी

जब तुमसे जुदा मैं हो जाऊँ

जब हो जाए मय्यत दफन मेरी

जब गहरी नींद में सो जाऊँ

तुम आक्र मेरी तरबत पे...

एक प्यार का दीप जला जाना,

मैं दुनिया मेरी लहद से हो जब गुजर तेरा

कुछ देर जरा तुम रुक जाना

जरा हाथ उठाकर संगादिल तुम

आँखों से मोती बरसाना

फिर कब्र पे लिपट सादिक की...

संगादिल का हाल सुना जाना,

मैं दुनियाँ…

Hamsafar+ 15-12-2010 02:18 PM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
दोनों को आ सकी न निभानी मुहब्बत

"जमाना'कुछ भी कहे,उसका एहतराम न कर
जिसे जमीर न माने -उसे सलाम न कर
शराब पीकर बहकना है,तो उसे न ही कर
हलाल चीज का इस तरह से हराम न कर"


दोनों को आ सकी न निभानी मुहब्बत
अब पड़ रही है हमको भुलानी मुहब्बत,
दोनों…
किन2 रिफाकतों से दिए बासी मुहब्बत मगर
उसकी न याद आई पुरानी मुहब्ब्त्…
दोनों को
गुजरती रुतों के जख्त अभी तक भरे नही
फिर और क्यो किसी को पढ़नी मुहब्बत-
अब -हमने तो करवटों में जवानी गुजार दी,
हसरत से दर्द गैर का दर देखते रहे
बस पशे रकाब का मंजूर न पूछिए,
क्या देखना था अपना जिगर देखते रहे
इस पर दरे फरेव है क्या इनका एतवार
ये प्यार खुशनसीब पुरानी मुहब्बत- अब
जाने वो कौन से रास्ते से आए घर
हर सुखों का अपना अपने साथ लाया है,
मुहब्बत जानू तन्हा मेरे हिस्से में आया है,
मोहब्बत इब्बत मेरी मोहब्बत इन्तहा मेरी,
मोहब्बत से एकराब है वफा फना मेरी।
मोहब्बत आरजू मेरी मोहब्बत जुस्तजू मेरी,
मोहब्बत खामोशी मेरी, मोहब्बत गुफ्तगू मेरी
मुहब्बत ही मेरी ताकत, मोहब्बत ही जवानी है
मुहब्बत हो न वीरान ,मेरी जिन्दगानी है
जाने वो आज कौन से रस्ते से घर
हरमोड़ हर गली पे दिखा दी मोहब्बत
अब क्या दिल की हालों का,बयां सबके सामने
न पूछा कैसे-कैसे गुजरती है,
जिन्दगी ऐ दोस्त ,बड़ी तवील कहानी है ,
फिर कभी ऐ दोस्त पिया नसीब भी मुझसा न हो जमाने में
तेरे बगैर गुजरती है चाँदनी ऐ दोस्त
क्या दिल की हालतों का बयां सबके सामने
क्या अप्ने आपसे भी तो पाली मोहब्बत
अब पड़ रही है हमको भुलानी मुहब्बत
दोनों को आ सकी न निभानी मुहब्बत...

Nitikesh 17-12-2010 02:27 PM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
अब शब्दों के बाद संगीत का आनंद लें.


ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा



Nitikesh 17-12-2010 02:29 PM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
अच्छा सिला दिया मेरे प्यार का...





Nitikesh 17-12-2010 02:32 PM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
दोनों का सकी न निभानी मोहब्बत




Hamsafar+ 17-12-2010 02:32 PM

Re: Best of "अताउल्लाह खान"
 
Its Great Draikula Find........................Thanks


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