समय क्या है?
समय क्या है? :think:
दोस्तों यह प्रश्न अति रुचिकर प्रतीत होता है ना? यकीनन यह रुचिकर है और जितना रुचिकर है उतना ही महत्वपूर्ण भी. आईये समझने का प्रयास करते हैं- |
Re: समय क्या है?
प्रथम प्रश्न तो तो यह है कि क्या आप समय के मूल रूप को समझते हैं? समय क्या है? आइन्स्टीन के शब्दों में छलना, एक धोखा, मिथ्याडम्बर. वायुयान से यात्रा करते समय, समय रेखा पर आते ही यात्रियों को घड़ी ठीक करनी पड़ती है.
क्यों? अतीत क्या है? वर्तमान क्या है? भविष्य क्या है? यह सब माया जाल है. बरसों आपको कोठरी में रखा जय तोह क्या आप समय बता सकेंगे? तब समय एक कल्पना मात्र है. इसी कारण हमारे धर्म शास्त्रों में लिखा गया है, कृष्ण के शब्दों में- "मैं अनंत हूँ, अनादि हूँ, समयहीन हूँ." |
Re: समय क्या है?
वाह, बन्धु ! श्रेष्ठ प्रारम्भ के लिए साधुवाद ! आपकी यह समय यात्रा समय की अनेक परतें उधेड़ेगी ऐसा अनुमान है ! सूत्र को निरंतर रखें, तो यह यात्रा और भी रोचक, मनमोहक और रोमांचक प्रतीत होगी !
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Re: समय क्या है?
धन्यवाद् मित्र, हालाँकि मेरे पास समय का कुछ अभाव रहता है परन्तु सूत्र में नियमितता रखने का प्रयास अवश्य करूँगा. :horse:
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Re: समय क्या है?
आपको मुझ जैसे निशाचर का लगातार साथ देते हुए देख कर तो ऐसा कदापि नहीं लगता, बन्धु ! फिर भी अपने अमूल्य समय में से कुछ फोरम के लिए निकालें और इस अमूल्य सूत्र को निरंतर रखें, ऎसी मेरी प्रार्थना है ! मैं इस सूत्र पर रोज उपस्थित रहूंगा, यह वादा है ! धन्यवाद !
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Re: समय क्या है?
सूत्र की प्रस्तावना रोचक जानकारी से भरपूर जान पडती है :):fantastic:
आशा है समय का बंधन इसमें बाधक नही बनेगा:bravo: |
Re: समय क्या है?
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Re: समय क्या है?
बहुत अच्छा ! अध्ययन बहुत ही आवश्यक है बन्धु ! वह सर्वप्रथम है !
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Re: समय क्या है?
समय के जाल की व्याख्या भगवान श्री कृष्ण ने गीता में और आइंस्टीन ने विज्ञान में टाइम थ्योरी, समय सिद्धांत, सापेक्षवाद द्वारा की है.
आइंस्टीन का कथन है कि टाइम थ्योरी से हम अतीत में जा सकते हैं, अगर महाभारत का युद्ध हुआ है तो हम अतीत में प्रवेश करके देख सकते हैं पर गति प्रकाश की चाहिए. जिस दिन मनुष्य वह गति (एक सेकंड में लगभग 1,86,283 मील) प्राप्त कर लेगा, उसी दिन अतीत में प्रवेश करके देख सकेगा, भविष्य जान सकेगा. |
Re: समय क्या है?
विज्ञान कहता है-
जिस मनुष्य की आयु पृथ्वी पर 25 वर्ष होगी, मंगल पर 18 वर्ष होगी, क्यूंकि मंगल का दिन लगभग 24 घंटे, 37 मिनट, 25 सेकंड का होता है. वह 687 दिनों में एक परिक्रमा करता है, अर्थात एक वर्ष पूरा करता है. मंगल का वर्ष हमारी धरती के 2 वर्ष से थोडा कम है. इस तरह समय मिथ्या हो जायेगा. इसी प्रकार पृथ्वी का 1 किलोग्राम वजन मंगल पर 6 किलोग्राम हो जायेगा. भार भी मिथ्या हो गया. इसीलिए वेदों में कहा गया- 'जगन्मिथ्या.' सब कुछ मिथ्या है, झूठा है. |
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