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-   -   मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=14302)

soni pushpa 10-12-2014 10:41 PM

मानव जीवन ki मूश्किले or सरलताये
 
इंसानी जीवन को लेकर आज एक वाकया पढ़ा कहीं मैंने , जिसका सार ये था की जीवन में कठिनाइयाँ और मुश्किलें आनी ही चहिये बिना मुश्किलों के जीवन में कोई रस नही रह जाता ... अब मै यहन अपने विचार रखना चाहूंगी फिर आप सब क्या सोचते हो इस बारे में कृपया इस सूत्र पर अ पने अपने विचार रखने की कृपा कीजियेगा ..


मुश्किलों को लेकर मेरा येही कहना है की मानव जीवन में यदि कभी कभार मुश्किलें आतीं है, तो उससे इन्सान सही में स्ट्रोंग बनता है., और जीवन के कडुवे अनुभवों से वो बहुत कुछ सीखता भी है, किन्तु अगर किसी को हर समय दुःख, तकलीफे, कठिनाइयाँ ही मिलती रहे तब मै नही मानती की हर पल की मुश्किलें इन्सान को मजबूत बनाती है ,या एईसी मुश्किलों की वजह से इन्सान आगे बढ़ता है हर समय की मुश्किलें इन्सान को तोड़ देती हैं ...

आप सबका मानना क्या है मै आप सबकी राय जानना चाहूंगी ...

Arvind Shah 11-12-2014 12:25 AM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
सोनीजी मैं कुछ हद तक आपकी बात से सहमत हू !..पर पूर्णरूप से नहीं !

भावुकता इन्सान को भगवान की बहुत बड़ी नेमत है तो खामी भी है ! भावुक व्यक्ति का तराजु उसके दिल में होता है !

वह सामने आनेवाली हर स्थिति और परिस्थिति को इसी तराजु से तौल के सुखी और दूखी होता रहता है ।

कठीनाईयां और मुश्कीले ऐसे तमाम व्यक्तियों के लिए दुख देने वाली ही साबीत होती है वो चाहे एक बार हो या बार—बार हो !

फीतरती तौर पर ऐसे तमाम लोग कठीनाईयां और मुश्कीलो से घबराते है और बार—बार अगर ये कठीनाईयां और मुश्कीले आती रहीं तो ये टुटने के कगार पर पहुच जाते है !


सोनीजी आपका ये विषय भी मेरी निजी जिन्दगी से बहुत ही गहरे से ताल्लुक रखने वाला है । बद्किस्मत से ये कठीनाईयां और मुश्कीले मेरे जीवन में लगातार रही है अब तक !....हर मुश्कील ने मुझे एक नई सीख दी है और ...और ज्यादा ताकत से लडने का होसला दिया है !!

....हर मुश्कील ने मुझे नि:सन्देह तकलिफ जरूर दी पर अन्त में मुस्कराहट भी अवश्य दी !

जीवन में भावुकता अवश्य होनी चाहीये पर इतनी ज्यादा भी नहीं कि व्यक्ति कायर बन जाए !!

भावुकता से इन्सान में निरंकुशपना खत्म हो जाता है और वो एक सामाजिक प्राणी बना रहता है ...पर जीवन में भावुकता का स्थान नियत होना जरूरी है !

आप चिंटीं जैसे छोटे जीव पर प्रयोग करना कभी ! जाती हुई चिटीं के राह में आप उंगली रखना ! ...वो तुरन्त अपना रास्ता बदल के आगे बढ जायेगी चाहे आप किनी ही बार व्यवधानपैदा करे !

संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है !... और ये कठीनाईयां और मुश्कीले इस जीवन को सजाने और संवारने के औजार है नाकी व्यवधान !!

soni pushpa 11-12-2014 07:57 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
धन्यवाद अरविन्द जी आपने अपने विचार रखे यहाँ आपका हार्दिक स्वागत है इस बहस पर आगे सबके विचार जानना चाहूंगी .

DevRaj80 11-12-2014 09:29 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
सोनी जी और अरविन्द भाई ......मई तो अभी आप जितनी बड़ी सोच नहीं रखता ...

एक कालेज में पढाता हूँ ..... आज तक एक ही बात सीखी है ...

एक ही रंग ....... जैसे ....

दुनिया को रंग तो सकता है परन्तु रंगीन नहीं बना सकता

वैसे ही जिन्दगी में .....

ख़ुशी :hug::hug::hug:होया गम :cry::cry::cry:

कठिनाई:help::help: हो या सुलभता .....


जीवन को रस पूर्ण नहीं बना सकता ...:bravo::bravo:


अथ :iagree::iagree::iagree: जीवन में कठिनाइया परेशानियां भी उतना ही महत्त्व रखती है जितनी की खुशिया...

धन्यवाद ...:egyptian::egyptian::egyptian::egyptian:

आपका देवराज



soni pushpa 12-12-2014 02:06 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
आपका हार्दिक अभार्र देवराज जी , आपने इस बहस में भाग लिया और अपने मंतव्य रखे हैं .बहुत बहुत धन्यवाद .

Pavitra 14-12-2014 09:23 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
मुझे लगता है कि जीवन में आने वाली मुश्किलें हमें मज़बूत बनाएंगी या कमज़ोर कर देंगी ये हमारी सोच पर निर्भर करता है। अगर व्यक्ति ये ठान ले कि उसे कोई मुश्किल हरा नहीं सकती तो फिर उसकी जीत निश्चित है। आपने अब्राहम लिंकन के बारे में ज़रूर सुना होगा जिन्होंने इतनी कठिनाइयों का सामना करने के बाद भी अमेरिका के राष्ट्रपति का पद प्राप्त किया। तो वास्तव में ये हमारी सोच होती है जो निर्धारित करती है कि हम मुश्किलों से सीख लेकर मज़बूत बनते हैं या हार मानकर कमज़ोर बनना स्वीकार कर लेते हैं।
अक्सर लोग कहते हैं कि अच्छे लोगों के जीवन में ही कठिनाइयां आती हैं , पर हम ये नहीं सोचते कि ये कठिनाइयां आती हैं जीवन में तभी तो हमें अच्छे लोगों की अच्छाई का पता चलता है। हर मुश्किल के बाद लोग पहले से बेहतर बनकर सामने आते हैं , कुछ अच्छा सीख कर जिससे जीवन को बेहतर बना सकें। भगवान हम सभी को एक जैसा बनाते हैं , हम सभी के जीवन में मुश्किलें भी आती हैं , कुछ लोग मुश्किल समय में अपने मूल्यों से समझौता कर लेते हैं और कुछ लोग अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं करते और अपनी अच्छाई बनाये रखते हैं।

soni pushpa 15-12-2014 12:05 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
पवित्रा ji बहुत बहुत धन्यवाद ,...आपने इस सूत्र पर अपने विचार रखे बहुत अच्छा लगा मुझे .. मै आपकी अभारी हूँ की अपने अपना अमूल्य समय दिया .

soni pushpa 04-01-2015 05:56 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
Quote:

Originally Posted by arvind shah (Post 541316)
सोनीजी मैं कुछ हद तक आपकी बात से सहमत हू !..पर पूर्णरूप से नहीं !

भावुकता इन्सान को भगवान की बहुत बड़ी नेमत है तो खामी भी है ! भावुक व्यक्ति का तराजु उसके दिल में हो
सोनीजी आपका ये विषय भी मेरी निजी जिन्दगी से बहुत ही गहरे से ताल्लुक रखने वाला है । बद्किस्मत से ये कठीनाईयां और मुश्कीले मेरे जीवन में लगातार रही है अब तक !....हर मुश्कील ने मुझे एक नई सीख दी है और ...और ज्यादा ताकत से लडने का होसला दिया है !
....हर मुश्कील ने मुझे नि:सन्देह तकलिफ जरूर दी पर अन्त में मुस्कराहट भी अवश्य दी !
जीवन में भावुकता अवश्य होनी चाहीये पर इतनी ज्यादा भी नहीं कि व्यक्ति कायर बन जाए !!
भावुकता से इन्सान में निरंकुशपना खत्म हो जाता है और वो एक सामाजिक प्राणी बना रहता है ...पर जीवन में भावुकता का स्थान नियत होना जरूरी है !
आप चिंटीं जैसे छोटे जीव पर प्रयोग करना कभी ! जाती हुई चिटीं के राह में आप उंगली रखना ! ...वो तुरन्त अपना रास्ता बदल के आगे बढ जायेगी चाहे आप किनी ही बार व्यवधानपैदा करे !
संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है !... और ये कठीनाईयां और मुश्कीले इस जीवन को सजाने और संवारने के औजार है नाकी व्यवधान !!

मैंने आप सबके मंतव्य जाने इस सूत्र पर बहुत अच्छा लगा की आप सबने इस सूत्र को आगे बढाया ...और अपने विचारों से मुझे अवगत कराया ..अरविन्द शाह जी मैंने ये ही कहा की कभी कभार की मुश्किलें हमे आगे बढाती है और उन मुश्किलों के बाद की सफलताएँ हमे मुस्कराहट भी देतीं हैं किन्तु जीवन में यदि किसी इंसान को लगातार दुखों का , मुश्किलियों का ही सामना करना पड़े तब उसे उसका जीवन भारी लगने लगता है हताशा छा जाती है, और निरसता आ जाती है . कोई रस नही रह जाता जीवन जीने का एइसे दुखी लोगो में .
पर
आपका कहना सही है की कभी कभी जीवन में आई मुश्किलें इंसान को मजबूती देती है भावुकता तो सुखी इंसान को भी दुखी बना सकती है क्यूंकि उन्हें हर बात में रोंने के बहाने मिल जाते हैं अति भावुकता भी अच्छी नही एइसा मेरा मानना है . बहुत बहुत धन्यवाद अरविन्द शाह जी आपके अनमोल विचारो की प्रस्तुति के लिए

soni pushpa 04-01-2015 06:46 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
[QUOTE=Pavitra;542468][size="3"]मुझे लगता है कि जीवन में आने वाली मुश्किलें हमें मज़बूत बनाएंगी या कमज़ोर कर देंगी ये हमारी सोच पर निर्भर करता है। अगर व्यक्ति ये ठान ले कि उसे कोई मुश्किल हरा नहीं सकती तो फिर उसकी जीत निश्चित है। आपने अब्राहम लिंकन के बारे में ज़रूर सुना होगा

ग़लतफ़हमी न हो इस वजह से मैंने उस महिला की कहानी को यहाँ से निकल दिया है अब बस इतना कहूँगी की अतिसय दुःख इन्सान को हरा देता है और थका भी देता है कभी कभार के दुःख चिंताए हमे जीवन में आगे बढाती है जीवन में एक रस भरती है क्यूंकि हरपल मीठा हम नही खा सकते जीवन का मजा कुछ खट्टी कुछ मीठीबातो में होता है पर कई लोग एइसे भी है इस दुनिया में जो हर पल जिंदगी से लड़के भी सिरफ़ दुखों के घेरे में घिरे रहते हैं उनके दुःख का कोई अंत नही होता

Pavitra 05-01-2015 02:52 PM

Re: मानव जीवन और मूश्किले बनाम सरलताये
 
[QUOTE=soni pushpa;545219]
Quote:

Originally Posted by Pavitra (Post 542468)
[size="3"]भगवन से पूछने के लिए एक सवाल उभरता है की आखिर क्यों किसी एक को ही आप इतने दुःख एक साथ दे देते हो ? क्यों आखिर क्यूँ

मैं समझ सकती हूँ उनका दुःख , शुरू से लेकर अंत तक किसी को सिर्फ दुःख ही दुःख मिलें तो अक्सर हम सोचने लगते हैं कि क्यों हमारे ही साथ ऐसा होता है ? क्यों हमें ही हमेशा परेशानी सहनी पड़ती है ? पर भगवान दुःख भी शायद उन्ही को देते हैं जो इतने साहसी हों कि उस दुःख को सह सकें।
और बाकि सोनी पुष्पा जी आप भी जानती हैं कि कुछ पूर्व जन्म के कर्म होते हैं जो हमारा भाग्य बन कर इस जन्म में हमारे सामने आते हैं।
मैं ये नहीं कहती कि भाग्य को दोष देकर चुप चाप सब सहो , बस ये कहती हूँ कि जो बदलना हमारे हाथ में नहीं है उसके लिए शिकायत करते रहना सही नहीं है। हम सभी को एक खास उद्देश्य से मानव जीवन मिला है , हर पल हमारे सामने जो चुनौतियाँ आती हैं उनका सामना करते हुए कुछ नया सीख कर इस जीवन को सार्थक बनाते हुए हमें जीना चाहिए।

हम सभी के जीवन में समस्याएं आती हैं। ऐसा नहीं होता कि कोई एक व्यक्ति दुःख ही दुःख सहे और दूसरा सुख ही सुख। हमारे जीवन को सुख और दुःख दोनों का सामना करना पड़ता है।

मेरी ज़िन्दगी में मैंने भी बहुत सी परेशानियां देखी हैं , पर बहुत सी खुशियां भी पायी हैं। और मैं ही क्यों आपके साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। हर किसी को अच्छा और बुरा दोनों समय देखना होता है। जो बात ध्यान में रखनी है वो ये कि सुख में घमंड नहीं करना और दुःख में हताश नहीं होना।

So I believe that - Life is like a Roller Coaster ride अगर अभी आप नीचे हैं तो जल्दी ही ऊपर भी आएंगे। और अगर ऊपर हैं तो नीचे भी जाना ही पड़ेगा। So just enjoy this Ride , Don't complain .....आप अकेले नहीं हैं जो दुःख सह रहे हैं , यहाँ हर किसी को ही दुःख का सामना करना पड़ता है।


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