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ABHAY 11-01-2011 04:47 PM

सर्प का संसार(')_~_~_~
 
कहते हैं सांप काटते नहीं लोग कटा बैठते हैं और यह सच है. अन्य बहुतेरे जीवों की तरह सांप भी डरपोक प्राणी है, हाँ अपने प्रजनन काल में नाग - कोबरा आक्रामक हो जाता है जैसा कि कई दूसरे जीव भी ऐसा ही आचरण करते हैं. कल नागपंचमी है- यह त्यौहार नागों-सर्पों के भय से ही उपजा एक त्यौहार है, क्योकि लोकजीवन में सापों से हमेशा दहशत व्याप्त रही है. जहरीले सापों के दंश से अक्सर लोगों की मृत्यु होती रही है. क्योंकि इसका लम्बे समय तक कोई शर्तिया इलाज नहीं था -जैसा कि अब एंटी वेनम है, जो सर्प दंश की एकमात्र भरोसेमंद काट है, इलाज है!

ABHAY 11-01-2011 04:48 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
जन्मेजय का नाग यज्ञ सापों के प्रति असहाय मानवीय प्रतिशोध का पुरा आख्यान है. पुराणों में वर्णन है कि जन्मेजय ने जब नाग /सर्प वंश के समूल नाश के लिए अपना यज्ञ शुरू किया तो एक डुन्डिभी नामक नाग ने आकर प्राण रक्षा की गुहार लगाई थी. उसने कहा था "अन्य ते भुजगा ब्रह्मण ये दंशन्तीह मानवान-अर्थात हे राजन जो साँप मनुष्य को काटते है वे दूसरे होते हैं और बहुत से साँपों की वंश रक्षा हो गयी थी. मगर सांप तो डसते ही हैं, कोई अपना स्वभाव नहीं छोड़ता भले ही मनुष्य द्वारा पीड़ित होने पर ...नागपंचमी के मामले में एक और कथा प्रचलित है जिसमें एक ब्राह्मण ने नाग के सपोलों को अनजाने में हत्या कर दी थी -क्रोधित नागिन ने उसके पूरे परिवार और उसकी बेटी के सभी ससुराल वालों को कट कर उन्हें मौत की नीद सुला दिया था जबकि ब्राह्मण कन्या सांपों की बड़ी पुजारी थी -बाद में ब्राह्मण कन्या की विनती पर नागिन ने सभी को जिला दिया और उसी घटना की याद में नाग पंचमी मनाई जाती रही है ...ऐसी दंतकथाएं यही बताती हैं कि सर्प-भय लोक मानस में गहरे पैठा हुआ है.

ABHAY 11-01-2011 04:48 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
नाग पंचमी के साथ ही अखाड़ों की लड़ाई, मल्लयुद्ध, महुअर जैसे खेल जिसमें भीड़ में किसी पर जादू या 'मूठ' चला दी जाती है और छोटे गुरु बड़े गुरु की पुकार के साथ दरवाजे दरवाजे नाग दर्शन का कार्यक्रम चलता है. वन्य जीव अधिनियम के तहत कोबरा-फन वाले सांप को पकड़ना गैरकानूनी है मगर सैकड़ों वर्षों की परम्पराओं के आगे नियम कानून बौने से बन जाते हैं, कारण कि जनता जागरूक नहीं है और वह खुद ही अवैज्ञानिक बातों को बढ़ावा देती है. आप इन बातों को जांच लें और धीरे धीरे लोगों को जागरूक करें जिससे लुप्त हो चले कोबरा प्रजाति की वंश रक्षा हो सके और एक ऐसी नागपंचमी भी आये जब लोग बस केवल नाग-चित्रों से कम चला लें -नाग को जंगलों में ही विचरण को छोड़ दें.

ABHAY 11-01-2011 04:50 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
1 Attachment(s)
यह कैसे पता किया जाए कि काटने वाला साँप ज़हरीला था अथवा नहीं?
यदि हम भारत की ही बात करें तो हमारे देश में लगभग 20 हज़ार लोग हर साल सर्पदंश के शिकार बनते हैं। इस तरह के आँकड़े सुनने के बाद अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि इस बात की पहचान कैसे की जाए कि काटने वाला साँप ज़हरीला था अथवा नहीं? क्योंकि यदि इस तरह की जानकारी लोगों के पास हो, तो उससे साँप के शिकार व्यक्ति को बचाने में काफी मदद मिल सकती है।
आमतौर से ज़हरीले साँप के काटने के 15 मिनट के भीतर जो लक्षण उभरते हैं, उन्हें देखकर यह स्पष्ट रूप से पहचाना जा सकता है कि काटने वाला साँप ज़हरीला था अथवा नहीं। हालाँकि काटने वाले साँप की प्रजाति तथा सर्प द्वारा दंश के समय छोड़े गये विष की मात्रा पर ये लक्षण काफी हद तक निर्भर होते हैं, लेकिन निम्नांकित लक्षणों को देखकर इस बात की पहचान आसानी से की जा सकती है कि काटने वाला साँप विषैला था या विषहीन।

ABHAY 11-01-2011 04:51 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
ज़हरीले साँप के काटने पर 15 मिनट के भीतर आमतौर से जो लक्षण उभर आते हैं, वे निम्ननानुसार हैं:-

साँप के काटे गये स्थान पर त्वचा का रंग लालिमायुक्त हो जाता है। उस स्थान पर सूजन नजर आने लगती है और पीड़ित व्यक्ति को तेज दर्द का अनुभव होता है।

ज़हरीले साँप के काटने पर पीड़ित व्यक्ति को साँस लेने में कठिनाई होने लगती है (कई मामलों में साँस रूक भी जाती है), उसकी दृष्टि कमजोर होने लगती है, आँखों के आगे धुंधलापन नजर आने लगता है।

पीड़ित व्यक्ति का जी मिचलाने लगता है, उल्टी होने लगती है, मुँह से लार निकलने लगती है और शरीर की त्वचा अत्यधिक पसीना छोड़ने लगती है।

ज़हरीले साँप के काटने पर हाथ-पैरों में झनझनाहट सी होने लगती है, धीरे-धीरे हाथ-पैर सुन्न से होने लगते हैं और लकवे के लक्षण बढ़ने के साथ ही पीड़ित व्यक्ति की आवाज भरभराने लगती है, आँखें उनींदी सी हो जाती हैं और किसी भी वस्तु के निगलने में परेशानी होती है।

धीरे-धीरे ये लक्षण बढ़ते जाते हैं, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है और होंठ तथा जीभ नीली पड़ने लगती है।

ABHAY 11-01-2011 04:51 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
यदि पीड़ित व्यक्ति के अंदर इस तरह के लक्षण उभर रहे हों तो उसे किसी योग्य डॉक्टर के पास ले जाएँ और जल्द से जल्द एंटीवेनम लगवाएँ। क्योंकि सर्पदंश का एकमात्र इलाज एंटीवेनम है। ध्यान रहे, साँप के ज़हर को किसी बूटी, पत्थर अथवा मंत्र द्वारा उतारा जाना सम्भव नहीं है।

ABHAY 11-01-2011 04:53 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
आदमी और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
'इच्छाधरी नाग' कितने रूप बदल सकते हैं?
क्या किसी सिद्धि के द्वारा इच्छाधरी नाग को गुलाम बनाया जा सकता है?
क्या विषकन्याएँ सचमुच सॉपों से भी ज़हरीला होती हैं?
'नागमणि' के द्वारा कौन-कौन से चमत्कार सम्भव हैं?
सबसे ज़हरीला साँप कौन सा होता है?
साँप काटने पर कौन सा मंत्र प्रयोग में लाया जाता है?
क्या साँप के ज़हर को चूसने वाली कोई जड़ी भारत में पाई जाती है?
क्या साँप अपनी आँखों में कातिल की फोटो कैद कर लेता है?

ABHAY 11-01-2011 04:55 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
1 Attachment(s)
ऐसे ही बहुत से सवाल हैं, जो अक्सर हमारे दिमाग में कौंधते रहते हैं। लेकिन हमें कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिल पाता है, जो इस सम्बंध में प्रामाणिक जानकारी दे सके। नतीजतन इधर उधर से मिला आधा-अधूरा ज्ञान लोगों के मन में बचपन से जमे अंधविश्वास की पर्तों को और मोटा करता जाता है।
सम्भवत: भारत में साँपों से जुड़े जितने मिथक और अंधविश्वास प्रचलित हैं, उतने किसी अन्य देश में नहीं। यही कारण है कि एक ओर जहाँ साँप हमारे लिए पूज्यनीय हैं, वहीं दूसरी ओर वे हमारे मस्तिष्क में 'देखते ही मार देने वाले' जीव के रूप में जगह बनाए हुए हैं। इसके पीछे कारण है सिर्फ और सिर्फ साँपों के बारे में प्रचलित मिथ्या धारणाएँ और उनसे जुड़ी हमारी अज्ञानता। 'सर्प संसार' जन समुदाय में प्रचलित इसी अज्ञानता को दूर करने का एक विनम्र प्रयास है।

ABHAY 11-01-2011 04:58 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
क्या सचमुच होते हैं इच्छाधारी नाग/नागिन?
भारतीय जनमानस में इच्छाधारी नाग अथवा नागिर की अनगिन कथाएँ मौजूद हैं। किवदंतियों के अनुसार ये इच्छाधारी नाग अथवा नागिन कोई भी रूप धर सकते हैं, कहीं भी जा सकते हैं। साथ ही कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ऐसे साँपों के पास एक चमत्कारी मणि भी होती है, जिससे रौशनी फूटती रहती है। यदि कोई व्यक्ति उस मणि को हासिल कर ले, तो जिस साँप की वह मणि होती है, वह उसका गुलाम बन जाता है और उसकी सारी आज्ञाओं का पालन करने के लिए विवश हो जाता है। जबकि सच यह है कि ये सारी बातें सरासर बकवास हैं। इन तमाम बातों का सत्य से कोई लेना-देना नहीं है।

ABHAY 11-01-2011 04:58 PM

Re: सर्प का संसार(')_~_~_~
 
कितना घातक है यह अंधविश्वास?
हिन्दी फिल्मकारों ने समाज में व्याप्त सर्प सम्बंधी अंधविश्वास की धारणाओं का जमकर दोहन किया है। उन्होंने न सिर्फ इस विषय फिल्में बनाकर मोटा मुनाफा कमाया है, वरन समाज में अंधविश्वास की धारणा को और ज्यादा गहरा करने का काम भी किया है। शायद यही कारण है कि लोगों को हर साँप में इच्छाधारी साँप का रूप नजर आता है और वे सीधे उसे यमलोक पहुँचाने का रास्ता खोजने लगते हैं। अक्सर इस वजह से ही साँप क्रुद्ध हो जाते हैं और वे लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं।

साँपों के बारे में एक यह भी अंधविश्वास व्याप्त है कि साँप अपनी आँखों में मारने वाले का फोटो कैद कर लेता है, जिसे देखकर उसका प्रेमी अथवा प्रेमिका मारने वाले से बदला लेती है। इस अंधविश्वास के कारण ही लोग साँप को मारने के बाद उसकी आँखें तक नष्ट कर देते हैं।


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