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Deep_ 15-12-2016 10:47 PM

Re: कुछ ओर!
 
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दुनिया


ये दुनिया है बेईमानी सी,
सो लगती जानीमानी सी ।

यह पहले तो रुमानी थी,
अब भी तो है दिवानी सी!

उपर से शोर मचाती है,
अंदर भी है तुफानी सी ।

यहां सबकी एक कहानी है,
खुद भी एक कहानी सी !

रंग एसे बदलती रहती है,
आदत हो जैसे पुरानी सी ।

जब हम ही आते-जाते है,
क्युं यह लगती है फानी सी ?

बेशर्म हुए जब से ईन्सान,
यह हो गई पानी-पानी सी !

है कैसी हमें न बतलाओ,
हमको है दुनिया ज़ुबानी सी ।


[31.5.16]

rajnish manga 16-12-2016 08:57 AM

Re: कुछ ओर!
 
बहुत सुंदर ... ग़ज़ल खुबसूरत एहसास का एक महकता गुलदस्ता है जिसका हर श'र ज़बरदस्त है. इसे शेयर करने के लिये आपका धन्यवाद, दीप जी.


Deep_ 16-12-2016 09:36 PM

Re: कुछ ओर!
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 560043)
बहुत सुंदर ... ग़ज़ल खुबसूरत एहसास का एक महकता गुलदस्ता है जिसका हर श'र ज़बरदस्त है. इसे शेयर करने के लिये आपका धन्यवाद, दीप जी.


आपका बहुत धन्यवाद रजनीश जी!

Deep_ 29-06-2017 02:08 PM

Re: कुछ ओर!
 
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तकलीफ

मत पूछ खैरियत,
तकलीफ होती है!
बताने में हकीकत
तकलीफ होती है!

मांग कर तुम्हें खोया,
यह जान कर रोया...
जता कर जरुरत,
तकलीफ होती है!

तनहाई की कभी
आदत नहीं पड़ती
तनहाई की सोहबत,
तकलीफ होती है!

बीतने दो यादें
समय के बहाव में
रख कर अहमियत,
तकलीफ होती है।

(२९.६.१७)

rajnish manga 30-06-2017 06:11 PM

Re: कुछ ओर!
 
Quote:

Originally Posted by deep_ (Post 561191)


तकलीफ

मत पूछ खैरियत,
तकलीफ होती है!
बताने में हकीकत
तकलीफ होती है!

(२९.६.१७)

बहुत सुंदर ग़ज़ल. इसका एक एक शे'र भावनाओं की खुबसूरत अभिव्यक्ति से भरपूर है. धन्यवाद, दीप जी.

Pavitra 01-07-2017 12:23 PM

Re: कुछ ओर!
 
तकलीफ
[/B]

मांग कर तुम्हें खोया,
यह जान कर रोया...
जता कर जरुरत,
तकलीफ होती है!


(२९.६.१७)[/QUOTE]

वाह! बहुत उम्दा अभिव्यक्ति....... :bravo:

Deep_ 02-07-2017 12:51 AM

Re: कुछ ओर!
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 561194)
बहुत सुंदर ग़ज़ल. इसका एक एक शे'र भावनाओं की खुबसूरत अभिव्यक्ति से भरपूर है. धन्यवाद, दीप जी.

Quote:

Originally Posted by Pavitra (Post 561249)
तकलीफ
[/B]

मांग कर तुम्हें खोया,
यह जान कर रोया...
जता कर जरुरत,
तकलीफ होती है!


(२९.६.१७)

वाह! बहुत उम्दा अभिव्यक्ति....... :bravo:[/QUOTE]

रजनीशजी और पवित्राजी को ढेर सारा धन्यवाद!:hello:


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