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-   -   कहीं आप भी तो नहीं हैं वह दुखियारा इनसान (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=7034)

bindujain 09-03-2013 04:29 PM

कहीं आप भी तो नहीं हैं वह दुखियारा इनसान
 
http://prabhatkhabar.com/sites/defau.../review_66.jpg
हम सभी के आसपास ऐसा एक ऐसा इनसान जरूर होता है, जो हमेशा ही दुखी रहता है. ऐसे लोग खुशी के मौके पर भी दुख की ही बातें करते है. वे पार्टी में अकेले, गुमसुम, कोने में बैठे रहते हैं और लोगों को इन्जॉय करते देखते हैं. वे अपने जीवनसाथी के साथ खुश रहने के बजाय, पुराने प्यार के बारे में सोच-सोच कर दुखी होते हैं. वे दर्द भरे नगमें सुनते हैं और उन्हें सुन कर और दुखी हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि भगवान ने सबसे ज्यादा बुरा उन्हीं के साथ किया है. कई लोग तो घर, गाड़ी, जॉब, बैंक बैलेंस के बावजूद दुख के किसी वाकये को याद कर हमेशा दुखी रहते हैं.

bindujain 09-03-2013 04:30 PM

Re: कहीं आप भी तो नहीं हैं वह दुखियारा इनसान
 
http://prabhatkhabar.com/sites/defau.../review_66.jpg
सुजीत भी ऐसा ही है. उसके बहुत ही कम दोस्त हैं. वजह है उसका दुख भरी बातें करना. सुजीत उन्हीं लोगों से दोस्ती करना चाहता है, जो उसकी दुखभरी दास्तान सुनें. पिछले दिनों उसे एक नया दोस्त अमर मिला. उसने भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया था. दोनों मिले बातचीत हुई और दोनों ने एक-दूसरे को अपने संघर्ष और दुखों के बारे में बताया. सुजीत को लगा कि अब उसे बिल्कुल उसके जैसा इनसान मिल गया, जो उसे समझ सकता है. अमर भी एक भावुक व नरमदिल दोस्त को पाकर खुश हुआ. दोनों हर दूसरे दिन मिलते और अपने पुराने जीवन पर चर्चा करते
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bindujain 09-03-2013 04:31 PM

Re: कहीं आप भी तो नहीं हैं वह दुखियारा इनसान
 
कुछ दिनों तक यह चलता रहा. दिल के दर्द बता देने के बाद अमर का मन तो हल्का हो गया, लेकिन सुजीत को तो मानो इसी में मजा आता था. अमर ने शुरू में उसके जीवन के दुखभरे पलों के बारे में सुना, उसे सांत्वना दी, सुझाव दिया कि कैसे ये दुख कम हो सकते है.. लेकिन जब उसने देखा कि उसका यह प्रयास बेकार जा रहा है, तो वह सुजीत से दूर रहने लगा. सुजीत को यह बात पसंद नहीं आयी कि आजकल अमर उसे वक्त नहीं दे रहा. उसने उससे सीधे यह सवाल पूछ लिया

bindujain 09-03-2013 04:32 PM

Re: कहीं आप भी तो नहीं हैं वह दुखियारा इनसान
 
अमर ने भी उसे वजह बता दी. सुजीत एक बार फिर दुख की खाई में गिर गया. इस पूरी कहानी में अमर की भी गलती नहीं थी. वर्तमान में हर व्यक्ति भीतर से किसी न किसी वजह से दुखी है. वह खुश रहने के लिए ऐसे लोगों का साथ चाहता हैं, जो उसे हंसा सकें. यदि आप हमेशा ही दुख की बातें करेंगे, तो आपको दुख में ही रहना होगा.

bindujain 09-03-2013 04:33 PM

Re: कहीं आप भी तो नहीं हैं वह दुखियारा इनसान
 
बात पते कीः-

हर इनसान के साथ जीवन में कुछ-न-कुछ बुरा होता ही है, उस बात को पकड़ कर बैठ जाने से जीवन नहीं चलता. बेहतर है उसे भूल कर आगे बढ़ें.

खुश रहने के तरीके खोजें. दुख बांटनेवाला दोस्त तलाशने के बजाय, खुश रहनेवाला और रखनेवाला दोस्त तलाशें. यही आपके लिए बेहतर है.



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