प्रेम, प्रणय और धोखा
1 Attachment(s)
http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1289538704 ज़िंदा है शाहजाहाँ की चाहत अब तक, गवाह है मुमताज़ की उल्फत अब तक ! जाकर देखो इक बार ताज को दोस्तों, पत्थर पत्थर से टपकती है मुहब्बत अब तक !! |
गुड वर्क अनुज प्रेत
लेकिन इसमें जल्दी जल्दी कुछ प्रविष्टियाँ कीजिये ताकि मजे का मीटर तेज चलने लगे |
अच्छा सूत्र है कल्याण जी. कृपया इसी तरह कार्य करते रहे. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ और चित्र. मेरे विचार से खाली चित्र देने के स्थान पर आपने जो दो पंक्तियाँ लिख दीं उसने इनका प्रभाव दस गुना कर दिया.
|
भूत भाई,
बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते....... अब आ ही गए है, तो दिखाईए अपना जलवा.... |
Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
भूत भाई ताजमहल दिखा कर कहा चले गए ??:bike:
|
Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
सब अपनी बीवी को चाहें, सूरत से और शिद्दत से :iloveyou:/
नारि परायी पर जा अटकें, मर्द बेशरम इस आदत से //:cry::bang-head: अब ऐसे इंसा लाखों हैं, जो हर साल बना दें ताजमहल /:bravo: 'जय' वैसे अब ना शाहजहाँ, ना वैसी अब मुमताजमहल // :omg: |
Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
इश्क ने यहाँ कितनों को कोई और मुकद्दर दिया
दिल को तन्हाई तो आँखों को समंदर दिया इबादत-ए-इश्क में जिसे पूजते रहे खुदा मान कर उस कातिल को इस इश्क ने ही तो खंजर दिया |
Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
Quote:
ताजमहल की इमारत हर आशिक को मुहब्बत की मिशाल नजर आती है। मै किस-किस के लिए ताज बनवाउ, मुझे तो हर लड़की मुमताज़ नज़र आती है। :gm: प्यार तो हमें भी करना था, पर कुछ खास नहीं हुआ। ताजमहल तो हमे भी बनाना था, पर अफसोस.......... लोन पास ही नहीं हुआ। :cry: |
Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
1 Attachment(s)
http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1289978604 न जाने क्यूँ गले से लिपट कर रोने लगा, जब हम बरसों बाद मिले, जाते हुए जिसने ने कहा था .... की "तुम जैसे लाखों मिलेंगे"…!!! |
Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
भूत भाई बहुत कम ही फोरम पे आ रहे हो. क्या समय की कोई पाबन्दी है या कुछ और बात !
|
All times are GMT +5. The time now is 11:09 AM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.