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arvind 07-05-2012 02:58 PM

सत्यमेव जयते
 
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सत्यमेव जयते


Satyamev Jayate (English: Truth Alone Prevails) is an Indian TV talk show that airs on various channels within Star Network along with Doordarshan's DD National. The show premiered on May 6, 2012 and marked the television debut of Indian Bollywood actor and filmmaker Aamir Khan. While Hindi is the primary language of the show, it is also dubbed and simulcast in other Indian languages such as Bengali, Malayalam, Marathi, Tamil and Telugu.

Upon its premiere, the show received positive reviews from both the critics and the public. Film celebrities and politicians also praised the show for bringing out social issues in front of public. The first episode of the first season was based on female foeticide in India and the show urged the Government of Rajasthan to take action against the people who were shown in the programme through sting operation and also to take actions to stop illegal practice of female foeticide. Child sexual abuse in India was the theme of its second episode in the season. Dowry- The impact and effects of "dowry system in India" was the theme of its third episode in the season. Medical malpractice - The medical negligence and malpractice which is prevalent in the current India is the theme of its Fourth episode. The fifth episode was about the issue of honour killings associated with love marriages against the society and parent's beliefs.

arvind 07-05-2012 03:02 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
‘सत्यमेव जयते’ की पहली कड़ी में कन्या भ्रूण हत्या के प्रति जागरूकता फैलानेकी कोशिश की गई। इसमें अहमदाबाद, दिल्ली और मध्य प्रदेश के तीन मामलों के जरिए आमिर खान ने दिखाया कि लड़के की चाह में अंधे कुछ परिवार किस तरह कन्या भ्रूण की हत्या कर देते हैं। उन्होंने लोगों की इस धारणा को भी तोड़ने का प्रयास किया कि कन्या भ्रूण की हत्या सिर्फ गांवों या छोटे कस्बों में होती है।

आमिर ने कहा कि बच्चे का लिंग पिता के क्रोमोजोम पर निर्भर करता है। ऐसे में महिलाओं को इसके लिए कुसूरवार ठहराना ठीक नहीं। उन्होंने कहा, ‘अगर हम दुर्गा की पूजा करते हैं तो कन्या भ्रूण को क्यों मारते हैं।’ आमिर के इन शब्दों से कभी लोगों के आंसू छलके, तो कभी उनका गुस्सा फूट पड़ा। भावनाओं का यह सैलाब स्टूडियो से बाहर निकलकर घरों में टीवी स्क्रीन पर बैठे दर्शकों तक भी पहुंच गया। सभी ने आमिर के प्रयास की सराहना की।

ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर मिस्टर परफेक्शनिस्ट के लिए बधाइयों का तांता लग गया। ‘सत्यमेव जयते’ की आधिकारिक वेबसाइट पर तो संदेशों की ऐसी बाढ़ आई कि यह कुछ देर के लिए ठप पड़ गई। आमिर शो को मिली शानदार प्रतिक्रिया से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं न ही चीजें बदल सकता हूं, न ही किसी समस्या का समाधान कर सकता हूं। मैं सिर्फ मुद्दे उठा सकता हूं। बदलाव लाना आपके हाथों में है।’

arvind 07-05-2012 03:05 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
हमेशा लीक से हटकर कुछ अलग करने वाले मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान छोटे परदे पर कुरीतियों के खिलाफ एक वैचारिक आंदोलन लेकर उत्तर प्रदेश के तीन गांवों की ओर निकले। यहां उन्नाव के टिकरी बैरागर, बाराबंकी के लालपुर करौता में उन्होंने बहुप्रचारित टीवी शो सत्यमेव जयते का लोगों से सीधा सरोकार महसूस किया जबकि गोरखपुर के मानीराम तक उनकी मुहिम रविवार को नहीं पहुंच सकी।

स्नेहालय और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से उनके शो के पहले एपीसोड ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगों को लामबंद करने की कोशिश की। उन्होंने शो के प्रसारण के लिए ऐसे गांवों को चुना, जहां अभी तक रोशनी नहीं पहुंची है। इरादा समाज के अंतिम व्यक्ति तक आवाज पहुंचाने और मुहिम का दृष्टिकोण पता करने का रहा और आखिर हुआ भी वही।

मुहिम की चोट निशाने पर रही! बाराबंकी जिला मुख्यालय से करीब 62 किमी दूर का घाघरा की तलहटी पर बसा लालपुर करौता गांव। लालपुर की आबादी महज 2000 व वोटर 1600 के आसपास। इतनी बड़ी आबादी में महज 13 घरों में बिजली। गांव वाले गदगद हैं कि फिल्म अभिनेता आमिर खान ने 'सत्यमेव जयते' की स्क्रीनिंग के लिए उनके गांव को चुना है। रविवार को आमिर खान के टीवी शो 'सत्यमेव जयते' की स्क्रीनिंग हुई। प्रात: 11 से 12 बजे तक चले सीरियल को देखने हुजूम उमड़ा। दर्शक मोहम्मद रफी कहते हैं कि सच यही है कि कन्या भ्रूण हत्या रोककर ही समाज निर्माण कर सामाजिक असंतुलन ठीक किया जा सकता है। शफसुल्ला खां ने कहा कि शो के जरिए आमिर खान ने समाज को दिशा देने का प्रयास किया है। मो. इमरान कहते हैं कि इससे समाज में जागरूकता आएगी, अच्छा संदेश जाएगा। मोहम्मद कामिल का कहना है कि ग्रामीण इलाकों की प्रगति में यह सीरियल मील का पत्थर बनेगी।

उन्नाव का टिकरी बैरागर चार हजार की आबादी वाला गांव है। यहां आज तक बिजली नहीं पहुंची। प्राथमिक विद्यालय है लेकिन प्राथमिक चिकित्सा ढाई कोस दूर है। साल में तीन-चार माह गांव पानी से घिरा रहता है। यहां रविवार सुबह से सत्यमेव जयते देखने के लिए टिकरी, मुख्तारखेड़ा, बैरागर, पदमरा, हड़वाखेड़ा, खन्नापुरवा गांवों से सैकड़ों महिला-पुरुष जुटने लगे। ठीक 11 बजे प्रधान की चौपाल में सन्नाटा छा गया और शुरू हो गया प्रोजेक्टर के जरिए सत्यमेव जयते का प्रसारण। आमिर खान की बात पर जब शो में ताली बजती तो चौपाल में बैठे लोग भी ताली बजाने लगते। अहमदाबाद की अमिषा व मुरैना की परवीन खान की आपबीती सुनकर लोगों की आंखें डबडबा गईं।

टिकरी बैरागर की प्रधान नीलम ने बताया कि शो से उन महिलाओं को संघर्ष की प्रेरणा मिलती है जो हालात में फंसकर अपनी आंखों के सामने मासूम की हत्या करवाने को विवश होती हैं। सुखरानी बोलीं, कोई मां गर्भ में पल रहे शिशु की हत्या नहीं चाहती लेकिन परिवार के दबाव में उसे पाप में भागी बनना पड़ता है। शो से संघर्ष की प्रेरणा मिलती है।

arvind 07-05-2012 03:08 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
'सत्यमेव जयते' के जरिए आमिर की दमदार प्रस्तुति ने समाज में सन्नाटे की रेखा खींच दी है। बरसों से चली आ रही 'बालिकाओं की खामोश हत्या' और 'नन्ही चीखों' से बेखबर समाज के मुंह पर जैसे किसी ने जोरदार तमाचा जड़ दिया हो।

समाज का विकृत सच देख कर आने वाली पीढ़ी के मस्त-बिंदास नौजवानों के मुंह खुले के खुले रह गए। कल तक स्त्री-पुरुष भेदभाव को मात्र 'फेमेनिज्म' मान लेने वाले युवा उसी विषय पर आमिर की विशेष तैयारी और गहन रिसर्च को देखकर हतप्रभ रह गए। आमिर की आंखों के आंसू उनकी आंखों से भी ढूलक पड़े।

arvind 07-05-2012 03:08 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
जाने-अनजाने आमिर खान ने सारे देश के मीडिया को बता दिया कि यह समाज सनी लियोन, कैटरीना, निर्मल बाबा और पूनम पांडे के अलावा भी बहुत कुछ देखना-सुनना और जानना चाहता है, चाहता रहेगा। सच का आईना देखकर आधुनिक समाज मुंह नहीं छुपाता अब, बल्कि अपने चेहरे की हर कालिख को खुली आंखों से पोंछ देना चाहता है।

नन्ही बेटियां किस बेरहमी से कोख में कत्ल की जा रही है और समाज की मानसिकता में 'एक कदम आगे दो कदम पीछे' का बदलाव कितनी गहरी चिंता का विषय है, सत्यमेव जयते ने यह सिद्ध कर दिया है। आंकड़ों के पीछे का रूदन 'कोख' से उठकर ढीले सरकारी प्रयासों तक 'नक्कारखाने में तूती की आवाज' मात्र रह जाता है।

arvind 07-05-2012 03:09 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
बात मात्र एक नन्ही-सी जान की नहीं बल्कि एक पूरी की पूरी नारी अस्मिता की है। बात मा*त्र किसी गांव के सैकड़ों लोगों के कुंवारे रह जाने की नहीं है बल्कि उन सैकड़ों के लिए आने वाली 'हजारों की जिंदगियां' कुचल देने की है।

मानवीयता का यह कैसा शर्मनाक पहलू है कि हम 'अपनी ही कोख' को 'अपने ही हाथों' मसल देने से बाज नहीं आ रहे हैं? आखिर फूल-सी कोमल बच्चियां किस अबोध-अनदेखे अपराध की सजा पा रही है? वह स्त्री लिंग है, इस बात के लिए ना वह स्वयं जिम्मेदार है ना उसकी जन्मदात्री, फिर भी सजा पा रही है वही स्त्री और उसकी कोख का वही स्त्री लिंग?

arvind 07-05-2012 03:10 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
सत्यमेव जयते की 'नन्ही' के लिए यह 'बड़ी' पहल सराहनीय तो है ही अनुकरणीय कहीं अधिक है। हर मोहल्ले के दस घर भी अगर बेटियों को उसके हिस्से का कोमल परिवेश देने लगे और दस घरों के दस दिल भी अगर नाजुक कलियों के लिए धड़कने लगे तो यह कदम समाज को बदलने की दिशा में सही मायनों में कारगर होगा।

अगर आपके घर में भी एक नन्हा सा हाथ कोख से बाहर आने से पहले थामने की मार्मिक गुहार लगाए तो उसकी मीठी नन्ही आवाज नजरअंदाज ना करें, उसे इस दुनिया में लाकर एक खूबसूरत आगाज करें, सत्यमेव जयते का पवित्र मंत्र सार्थक करें।

ndhebar 07-05-2012 03:20 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
परवीन खान की कहानी देखकर तो सचमुच दिल कराह उठा
आखिर इंसान ऐसा कैसे कर सकता है, कर ही नहीं सकता
वो जरूर इंसान के रूप में भेड़िया होगा, जिसने ऐसी हरकत की

prashant 07-05-2012 06:38 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
ये शो मैं भी देखा.इसमें समाज में कहे जाने वाले सो कोल्ड पर्शानो का जो चेहरा दिखाया वह बहुत ही विचारणीय है.
इस शो में जिस भी महिला का दर्द बताया गया वे सभी पढ़े लिखे और समझदार आदमी थे.
२००५ में सहारा के द्वारा किये गए स्टिंग ओपरेशन को देख कर भी सरकार आज तक गुनहगारो को सजा नहीं दिलवा सकी, यह कार्य हमारे देश के नेताओ के कर्मण्यता को दर्शाता है....क्योकि इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने दोषियों को सख्त सजा देने की वकालत की थी.यदि स्पष्ट साक्ष को देखकर भी यदि गुनहगारो को सजा नहीं होती है को वास्तव में कानून की देवी गांधारी है.जिसे सब कुछ स्पष्ट होने के बाद भी अलग चश्मे की जरुरत पड़ती है.आशा करते है की इस शो के बाद सरकार या कानून अपने कार्यों में तेजी लाएगा.

malethia 08-05-2012 05:36 PM

Re: सत्यमेव जयते
 
इस शो ने एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया ,हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या का आकंडा चौकाने वाला है !
इस शो में दिखाई गयी प्रवीन खान की कहानी सच में दिल दहला देने वाली थी !


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