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कांग्रेस पार्टी के आला नेता के कुछ सच... जरूर पढ़िए और शेर करे
े १- कपिल सिब्बल -- कभी लालू यादव की पार्टी से राज्यसभा सांसद थे, ये दिल्ली मे नारे लगाते थे- "गली गली मे शोर है, राजीव गाँधी चोर है" २- प्रणव मुखर्जी -- कभी राजीव गाँधी को भ्रष्ट और तानाशाह कहा था पार्टी ने तब पार्टी से भगा दिया था फिर इन्होने अपनी खुद की दुकान खोली थी ३- पी चिदाम्बरम -- कभी जनता दल मे थे फिर कांग्रेस मे गए फिर जी.के. मूपनार केसाथ मिलकर तमिल मनीला कांग्रेस बनाई और राजीव सोनिया को 'दुनिया का सबसे भ्रष्ट इंसान' बोला था ४- रेणुका चौधरी - कांग्रेससे तीन बार भगाई जा चुकी है, कभी चन्द्र बाबू है नायडू के साथ रही उस ससमय टीवी डिबेट पर तेलगु देशम की तरफ से कांग्रेस के प्रवक्ताओ से बकायदा हाथापाई पर उतर आती थी... आज कांग्रेस की प्रवक्ता हैं ५- जयपाल रेड्डी -- बीपी सिंह केनिकट सहयोगी, सारी उम्र कांग्रेस को गाली देते रहे... आज उसी कांग्रेस मे केबिनेट मंत्री है ६- सुबोधकांत सहाय -- ये भी बीपी सिंह, फिर चंद्रशेखर केसाथ रहे... सारी उम्र कांग्रेस को गाली देते रहे... आज केबिनेट मंत्री है ७- पवन कुमार बंसल -- तीन बार कांग्रेस छोड़ चुके थे आज मंत्री है ८- बेनी प्रसाद बर्मा -- सारी उम्र मुलायम के साथ कांग्रेस से लड़ते रहे... कांग्रेस को भ्रष्टों की जमात कहते थे आजउसी कांग्रेस की गोद मे बैठकर मंत्री है ९- रीता बहुगुणा जोशी -- तीन पार्टी बदल चुकी है सपा मे रही और सोनिया को 'विदेशी ताकतों का एजेंट' कहती थी आजफिर कांग्रेस मे है" |
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एक नौजवान अन्ना टोपी लगाकर अन्ना हजारे की सभा सुनकर घर
जा रहा था, रास्ते में कुछ बदमाशों ने उसको पकड़ कर पीटना शुरू कर दिया, अहिंसावादी होने के कारण वो मार खाता रहा, अचानक झटके से उसके सर पर लगी हुई टोपी गिर गयी। टोपी गिरते ही लड़के ने सिंहम स्टाइल में बदमाशों को कुटना शुरू कर दिया। बदमाश उस के पैरों में गिर गए, उन में से एक बदमाश बोला आप में अचानक इतनी ताकत कहाँ से आ गयी ? लड़का बोला- टोपी गिरते ही अन्ना का भूत उतर गया और भगत सिंह शरीर में आ गया !! |
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अमिताभ बच्चन का अभी पेप्सी कंपनी के खिलाफ बयान आया है कि पेप्सी ज़हर है । और एक स्कूल की बच्ची के बताने पर कि पेप्सी ज़हर है उन्होंने पेप्सी का विज्ञापन करना बंद कर दिया । चलिए ये कहने की हिम्मत तो इनमे आ गयी किन्तु इसमें भी झूठ बोल गए । ये रहा अमिताभ बच्चन का इंटरव्यू लिंक पर क्लिक कर के पढ़ सकते हैं ।
http://navbharattimes.indiatimes.com...w/29806203.cms अब सच्चाई जानिये राजीव भाई के व्याख्यान से कि आखिर क्यूँ छोड़ना पड़ा अमिताभ बच्चन को पेप्सी का विज्ञापन ? आप सबको याद होगा एक बार अमिताभ बच्चन बीमार पड़े थे और उनका ओपरेशन हुआ था और नौ घंटे तक ओपरेशन चला । उसको बीमारी क्या हुयी ? "प्राइमरी कोलाइटिस "। बड़ी अंतड़ियों का रोग होता है और इसमें अंतड़ियाँ सड़ जाती हैं । तो जिस डॉक्टर ने उनका ओपरेशन किया उस डॉक्टर को राजीव भाई ने एक बार पूछा कि भाई आपने नौ घंटे अमिताभ बच्चन का क्या ओपरेशन किया ?? तो उसने कहा कि उनकी बड़ी आंत सड़ गयी थी जगह जगह से उसको काट कर निकाला । तो नौ घंटे लगे ?? उन्होंने कहा हाँ लगे । तो काट काट कर अंतड़ियां आपने क्यूँ निकली ?? तो उन्होंने कहा अगर नहीं कटता तो वो मर जाते तो उनको बचाने के लिए ये किया । तो कैसे सड़ गयी उनकी बड़ी आंत क्यूंकि बड़ी आंत तो साधारण लोगों की आसानी से नहीं सड़ती ?? जो लोग बहुत शराब पीते हैं उनकी बड़ी आंत सडती है । जो बहुत सूअर का मांस खाते हैं जिसको पोर्क कहा जाता है उनकी बड़ी आंत सडती है । जो बहुत ज्यादा गुटखा खाते हैं उनकी बड़ी आंत सडती है । जो लोग ज्यादा पिज़्ज़ा बर्गर हॉट डॉग कोल्ड डॉग मेग्गी खाते हैं उनकी भी बड़ी आंत सड़ती है । लेकिन अमिताभ बच्चन ये कुछ भी नहीं करता ?? ना पिज़्ज़ा बर्गर खाता है, ना शराब पीता है , ना बीडी सिगरेट, गुटखा खाता है ये कुछ भी नहीं करता फिर कैसे सड़ गयी ?? तब उस डॉक्टर ने कहा वो पेप्सी कोक पीता है और इससे बड़ी आंत सड़ गया और आपको बता दूं वो दस साल से पीता है । और दस साल में उसकी बड़ी आंत सड़ गयी तो राजीव भाई ने पूछा उस डॉक्टर से कि क्या आपने ये बात बताया ?? अमिताभ बच्चन को ?? उसने कहा हाँ बता दिया । तो राजीव भाई ने बोला उनका क्या रिएक्शन है ?? तो अमिताभ बच्चन ने अगले ही दिन से वो विज्ञापन करना बंद कर दिया । अब वो पेप्सी का विज्ञापन नहीं करते पहले वो करता था अब नहीं करता । जब ये कन्फर्म हो गया तो राजीव भाई ने अमिताभ बच्चन को ईमेल किया । और उससे ये सब बातें पूछी तो उसने कहा Yes it is all true ये सब सत्य है । मेरी बड़ी आंत सड़ी उसका कारण पेप्सी कोक है । तो राजीव भाई ने कहा तो आप ये बात टीवी पर बोल दीजिये फिर । हाँ कि मेरी बड़ी आंत सड़ गयी है उसका कारण ये पेप्सी कोका कोला है । और अपने साथ अपने डॉक्टर को भी दिखा दीजिये वो बयेगा क्यूंकि ओपरेशन उसीने किया है । तो अमिताभ बच्चन ने कहा कि मैं ये नहीं कर सकता । तो राजीव भाई ने कहा तो चलिए आप इस पर आप एक फिल्म बना दो फिर कि कैसे पेप्सी कोक पीने से बड़ी आंत सड़ जाती है तीन घंटे की फीचर फिल्म बना दो । तो उसने कहा ये भी नहीं कर सकता । क्यों ?? क्या तकलीफ है ?? तो उसने कहा मैंने इस कंपनी से सौ करोड़ रुपये लिए हैं पेप्सी से । और जब रुपये लिए थे तो समझौता किया एग्रीमेंट किया कि जब तक ये कंपनी भारत में रहेगी मैं इसके खिलाफ कोई बात नहीं बोलूँगा । कंपनी ने मुझसे लिखवा लिया और अगर मैंने बोला तो कंपनी मुझ पर पांच सौ करोड़ का दावा करेगी और पांच सौ करोड़ मुझे देना पड़ेगा मेरे पास इतना पैसा नहीं है । मैं कंगाल और भिखारी हो जाऊंगा इस लिए मैं ये बोल नहीं सकता । तो राजीव भाई ने उनसे पूछा मैं बोलूं ?? तो उसने कहा हाँ आप बोलो आपने तो कोई समझौता नहीं किया है । तो राजीव भाई ने कहा मैं आपका नाम ले कर बोलूं ?? तो उसने कहा हाँ मेरा नाम ले कर बोल सकते हो । अगर मेरा नाम लेकर बोलो और इससे लोगों का भला हो सकता है तो मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है ।आप बोलो कि अमिताभ बच्चन को पेप्सी कोक पीने से ये हुआ है । तो आप सोचिये ये पेप्सी कोक कितना खरनाक है । चलिए अमिताभ बच्चन ने कुछ तो बोला इस ज़हर के खिलाफ । अगर पूरा सच बोलते तो ज्यादा अच्छा रहता । पूरा व्याख्यान सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें । पूरा लेख पढने के लिए धन्यवाद । मित्रों लाइक के साथ साथ शेयर भी करें । अमर बलिदानी भाई राजीव दिक्षित जी की जय । भारत माता की जय । वन्दे मातरम । |
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एक दिन एक साधू घूमता हुआ एक गाँव में पहुँचा तो वहाँ कि स्थिति देख कर बहुत ही आश्चर्य हुआ | लोग दयनीय अवस्था में पड़े हुए हैं लेकिन सभी ऊँच नीच के भेदभाव में इस कदर जकड़े हुए थे कि कोई किसी की मदद करने को तैयार नहीं था |
लोगों ने साधू की खूब आव भगत की और अपनी दरिद्रता से मुक्ति का मार्ग पूछा | महाराज ने कुछ सोचा और बोला कि कल शाम को बताऊंगा | सभी साधू को आराम करने के लिए छोड़ कर चले गए | सुबह जब गाँव वाले उठे तो देखा कि साधू गायब हो गया | सभी जगह साधू को खोजा नहीं मिला साधू | लोगों ने दुनिया भर की बातें करनी शुरू कर दी और इसी प्रकार बातें करते और साथ ही साथ कुछ लोग साधू को खोजते जंगल की तरफ निकल गए | अभी गाँव से थोड़ी ही दूर गए थे कि देखा साधू एक पेड़ के नीचे खुदाई कर रहा है | लोग भाग कर उसके पास पहुँचे और पूछा कि क्या कर रहे हो ? साधू चुपचाप खोदता रहा | थोड़ी देर बाद एक व्यक्ति आगे बढ़ा और बोला बाबा मुझे दे दो कुदाल, आप थोड़ा आराम कर लो | साधू ने मना कर दिया | अब लोगों की बैचेनी और बढ़ गई थी | थोड़ी देर में ही आसपास के और गाँव के लोग भी इकठ्ठा हो गये और जानना चाहा कि बाबाजी गड्ढा क्यों खोद रहें है | सभी लोग अपनी अपनी सलाह भी दे रहे थे | एक ने बताया कि कुदाल चलाते समय कौन सा पैर आगे रखना है और कौन सा पीछे | एक ने कहा कि कुदाल चलाने से पहले एक गिलास गाय का दूध पीना जरुरी है | एक ने कहा कि पहले कुदाल की आरती उतारनी चाहिए थी | एक ने कहा कि कुदाल पूरब की दिशा में मुँह करके चलानी चाहिए.... साधू चुपचाप सब कुछ सुनता रहा और कुदाल चलाता रहा | आखिर लोगों की बैचैनी और बढ़ गई लेकिन साधू कुछ बोलने को तैयार नहीं था | अब गाँव वाले भी परेशान कि बिना जाने जाएँ तो जाएँ कैसे ? कोई भी हिलने को तैयार नहीं था | देखते देखते दोपहर होने को आयी तो साधू ने कहा कि आप लोग जाइए यहाँ आप लोग अपना समय मत बर्बाद कीजिए | खाने का समय हो गया है और आप लोगों और भी काम होंगे उन्हें निबटाइए | लेकिन लोगों के तो पेट में दर्द हो गया था कि राज क्या है और बाबा किसी को बता क्यों नहीं रहे ? लोगों जाने से साफ़ इनकार कर दिया और वहीँ खाने पीने की व्यवस्था भी सभी लोगों ने मिलकर कर दी | सभी गाँव के लोगों ने वहीँ खाना बनाया और साथ साथ सभी खाए | खाने के बाद गाँव वालों ने फिर पूछा कि क्यों खोद रहें हैं ? साधू बोला कि यदि बता दूँगा तो बहुत मुश्किल हो जायेगी | आप सभी इतने सारे लोग हैं और हिस्सा मांगेंगे तो पता नहीं कितना निकले और सभी को मिल भी पायेगा या नहीं.... इतना सुनना था कि लोगों में होड़ लग गई खुदाई करने की | कुछ अपने घर भागे और कुदाल फावड़ा जो मिला उठा लाये | साधू बहुत चिल्लाया अरे मेरी बात तो सुन लो... लेकिन गाँव वाले मुर्ख थोड़े ही थे जो इतना भी नहीं समझते कि साधू बिना किसी को बताये पेड़ के नीचे क्यों खुदाई कर रहा था | सो उन्होंने साधू महाराज के लिए चारपाई की व्यवस्था कर दी और वहीँ आराम करने को कह कर खुदाई में लग गए | इस तरह हफ्ते भर खुदाई होती रही | वहीँ खाना वहीँ सोना वहीँ प्रवचन.... क्योंकि कोई भी नहीं चाहता था कि उसके जाने के बाद कुछ निकले और वह जब तक लौटे तो सब बंट चुका हो | इस एक हफ्ते में सभी गाँव वाले आपस में इतने घुल मिल गए कि यही नहीं पता चलता था कि दो तीन गाँव के लोग यहाँ इकट्ठे हैं | गाँव वालों ने पूछा कि बाबा अब तो पानी भी निकल आया लेकिन खजाना तो निकला ही नहीं | बाबा बोले मैंने कब कहा था कि नीचे खजाना है ? तुम लोग तो सुनने को ही तैयार नहीं थे और खजाना नीचे नहीं ऊपर है | लोगों ने ऊपर पेड़ पर नजर दौड़ाई | वहाँ नहीं अपने आसपास नजर दौडाओ | तुम सब की एकता ही वह खजाना है | अब देखो तुम सब ने मिलकर काम किया तो कितनी जल्दी कुंवा खुद गया और इस कुँए से सभी गाँव के लोगों का भला होगा | इसी प्रकार यदि सभी लोग मिलकर एक दूसरे के सुख दुःख में काम आयें तो ऐसी कौन सी विपदा है जो दूर नहीं होगी और ऐसी कौन सी सम्पदा है जो प्राप्त नहीं हो सकती ? सारे एक दूसरे का मुँह देखने लगे | -विशुद्ध चैतन्य |
Re: फेसबुक समाचार
बेहतरीन जानकारी........... |
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Quote:
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Re: फेसबुक समाचार
भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ की कोई नयी ट्रेन का ऐलान नहीं हुआ,
साहब बुलेट ट्रेन का सपना दिखा रहे हैं, जनता को बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए, पहले जो है, उसी को सही करिए, दिन पर दिन जनसँख्या बढ़ता जा रहा ऊपर से अबकी बार बच्चे चार का ऐलान कर रहे हैं, पर कोई नया ट्रेन का बजट में प्रावधान नहीं रखा गया, जनता कैसे सफ़र करेगी जनाब ?? |
Re: फेसबुक समाचार
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