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Arvind Shah 28-12-2014 12:16 PM

आओ प्रण करें !
 
आओ प्रण करें !

मित्रों तीन दिन बाद नया साल प्रारम्भ हो जायेगा ।
घड़ी की सेकण्ड की सुई अपने हर क्लिक के साथ हमे भुतकाल में ढकेलने का अनथक प्रयास करती है ।
...और इस 1 सेकण्ड की हमारे जीवन में क्या मूल्य है वो हम में से अधिकांश नहीं जानते है । और ये सेण्कड दर सेकण्ड जुडते हुए ढेर सारा समय हमने अपने पिछले सालों में बरबाद कर दिया है जो कि किसी भी मूल्य पर वापस नहीं प्राप्त होने वाला !

....खेर जो हुआ सो हुआ ...कहा है कि बिती ताही बिसार देई आगे की सुधी लेहु !!
..तो मित्रो बिती बातों पर मिट्टी डाल के नये साल का स्वागत हम कुछ प्रण करते हुए करें ताकी हमारा जीवन सार्थक सिद्ध हो जाए !

मित्रों इस हेतु आप सभी के विचार आमंत्रित है ! यहां पर अपने वो कायदे लिखिये जो आप अपने जीवन में तो लागु किये हुए है और आप चाहते है कि वो और सभी को भी अपनाने चाहीये और जो देश हित व सामाजिकता से सारोकार रखने वाले हों एसे तमाम बातें आप यहां शैयर कर सकतें है !!

...पर ध्यान रहे यहां सिर्फ आदर्शवादी बातें ना लिखें ! यहां पर सिर्फ और सिर्फ वो ही बातें लिखे जो आप स्वयं अपने जीवनें उतारे हुए हों !! क्योंकी दूरों को गुड़ छुड़ाने से पहले स्वयं को गुड का त्याग करना जरूरी होता है !!! इससे ये भी साबित हो जायेगा कि दनिया में आपकी कही का पालन करने में आपकी भमिका भी पुरजोर है !!

तो मित्रों इस नये साल की शुरूआत समय के मूल्य को समझते हुए इसे ना व्यर्थ बरबाद करने के प्रण से करें ! समय का ऐसा सदूपयोग करें जों ना केवल अपने स्वयं के लिए ही हो अपितु जन हितकारी भी हो !!

नये साल की आप सभी को अग्रीम शुभकामनाएं !
नया साल आपके जीवन में ढेरों खुशीयां लाएं और आपके द्वारा ऐसे जन कल्याण कारी कार्य सम्पन्न होवें कि दूनिया आपको यूगों—यूगां तक आपके माहान कार्य के लिए याद करें !

आदिम मानव द्वारा आग और पहिये के आविष्कार से ले कर आज तक के तमाम जनहितकारी आविष्कारकों जैसे महापुरूष बनें इसी शुभकामनाओं के साथ... जय हिन्द !!

rajnish manga 28-12-2014 11:02 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
नव वर्ष के निकट आपने बहुत सुंदर विचार फोरम पर शेयर किये, उसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया. आपकी सभी बातें हृदय को छूने वाली हैं. आपको भी नव वर्ष की मंगल कामनाएं.

Arvind Shah 29-12-2014 12:11 AM

Re: आओ प्रण करें !
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 544672)
नव वर्ष के निकट आपने बहुत सुंदर विचार फोरम पर शेयर किये, उसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया. आपकी सभी बातें हृदय को छूने वाली हैं. आपको भी नव वर्ष की मंगल कामनाएं.

बहुत—बहुत शुक्रिया रजनीशजी !
आपसे भी पुरी अपेक्षा है कि आप अपने जीवन में लागु ऐसी आदतें व बातें जो सभी को अपनानी चाहीये को हम सभी से भी सांझा करें !!

rajnish manga 31-12-2014 12:34 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
अरविंद जी ने ऊपर बहुत श्रेष्ठ विचार व्यक्त किये है. मैं भी नए वर्ष की पूर्व संध्या पर कुछ विचार रखना चाहता हूँ. कृपया ध्यान रखें कि इनके लिए कोई प्रण या प्रतिज्ञा करने की आवश्यकता नहीं है. हाँ, इनके प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की जरुरत होगी. ऐसा करने से समाज की विघटनकारी ताकतों को निर्बल करना आसान हो जायेगा. तो आइये, निम्न बिन्दुओं पर दृष्टि डालते हुए इन पर मनन करें:

1. हम अपने झूठे अहम् से मुक्ति पायें.
2. मानवमात्र से ही नहीं बल्कि प्राणीमात्र से प्यार करें.
3. महिलाओं व बच्चों के प्रति विनम्रता का भाव रखें और वैसा ही बर्ताव करे.
4. माता-पिता तथा बुजुर्गों की इज्ज़त करें.
5. सहयोग और साहचर्य की भावना का अपने अंदर विकास करे.
6. अपने अधिकारों की बात करने से पहले देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भी याद रखें और उनका पालन करें.
7. दूसरे लोगों द्वारा आपके मत से भिन्न मत व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान करें और उसकी रक्षा करें.
8. अच्छी पत्र-पत्रिकायें व पुस्तकें पढ़ें.
9. समाज की हर समस्या के लिये देश को दोषी न ठहरायें.
10. प्रश्न करने के साथ साथ उसका संभावित उत्तर व समाधान भी सुझायें.



बहुत बहुत धन्यवाद. आप सभी को नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें.


Arvind Shah 31-12-2014 04:30 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 544946)
अरविंद जी ने ऊपर बहुत श्रेष्ठ विचार व्यक्त किये है. मैं भी नए वर्ष की पूर्व संध्या पर कुछ विचार रखना चाहता हूँ. कृपया ध्यान रखें कि इनके लिए कोई प्रण या प्रतिज्ञा करने की आवश्यकता नहीं है. हाँ, इनके प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की जरुरत होगी. ऐसा करने से समाज की विघटनकारी ताकतों को निर्बल करना आसान हो जायेगा. तो आइये, निम्न बिन्दुओं पर दृष्टि डालते हुए इन पर मनन करें:

1. हम अपने झूठे अहम् से मुक्ति पायें.
2. मानवमात्र से ही नहीं बल्कि प्राणीमात्र से प्यार करें.
3. महिलाओं व बच्चों के प्रति विनम्रता का भाव रखें और वैसा ही बर्ताव करे.
4. माता-पिता तथा बुजुर्गों की इज्ज़त करें.
5. सहयोग और साहचर्य की भावना का अपने अंदर विकास करे.
6. अपने अधिकारों की बात करने से पहले देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भी याद रखें और उनका पालन करें.
7. दूसरे लोगों द्वारा आपके मत से भिन्न मत व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान करें और उसकी रक्षा करें.
8. अच्छी पत्र-पत्रिकायें व पुस्तकें पढ़ें.
9. समाज की हर समस्या के लिये देश को दोषी न ठहरायें.
10. प्रश्न करने के साथ साथ उसका संभावित उत्तर व समाधान भी सुझायें.



बहुत बहुत धन्यवाद. आप सभी को नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें.


बहुत सुन्दर विचार रजनीशजी !

प्रण से तात्पर्य मेरा यही है ! यथा योग्य व यथा शक्ति पालन से तात्पर्य है !!

प्रण इतना सहज होना चाहीये की वो बन्धन ना लगे !

soni pushpa 01-01-2015 05:11 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
अच्छा सूत्र अच्छी बाते है आपके इस सूत्र में अरविन्द जी ,.. देश की समस्याएं देश के लोग ही मिलकर सुलझा सकते है एइसा मेरा मानना है . यदि हरेक घर में जागरूकता के साथ कार्यनिष्ठा अ जय तब ही ये प्रण मुमकिन होगा न की आदर्शवादी बातो से ही किन्तु सिरफ़ बाते नही अपितु आदर्श का होना जीवन में जरुरी है क्यूंकि इन्सान एक आदर्श को आगे रखकर ही आगे बढ़ सकता है
.
आपके विचार तो बहुत अच्छे हैं किन्तु समाज में सब प्यूरिटी के साथ नही जी सकते क्यूंकि स्वार्थ आड़े आ ही जाता है , जहा खुद की सुरक्षा की भावना, खुद के लाभ की भावना रहेगी तब तक कोई किसी के लिए कुछ न त्याग कर सकता है न सेवा हो सकती है इसलिए मेरा मानना है की सबसे पहले इंसान को खुद संभलना अच्छे विचार रखना और खुद के परिवार से अच्छाई की शुरुवात करनी होगी रही प्रण की बात तो मै इतना कहूँगी की प्रण अच्छी चीज़ है यदि सच में दिल से उसे अपनाया जाय किन्तु कुछ विरले ही होते है मानव समाज में जो अपने प्रण पर अडिग रह सकते हैं बाकि मानव के जीवन में आज इतनी सारी मुश्किलें हैं की वो चाहते हुए भी अपने प्रण को पूरा नही कर सकता .

rajnish manga 01-01-2015 10:30 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
विचारणीय विषय पर पुष्पा सोनी जी के विचार बहुत सुलझे हुये और यथार्थ से उपजे हैं. जब तक अधिकांश लोग अपनी स्वार्थबद्धता से मुक्त नहीं होते तब तक किसी से सच्ची सेवा की उम्मीद नहीं की जा सकती. लेकिन अच्छे गुणों का अपनाया जाना एक सामूहिक क्रिया न हो कर एक व्यक्तिगत कोशिश का ही एक भाग है जो धीरे धीरे प्रतिफलित होता है. चंदन का वृक्ष जहाँ होता है, उसकी सुगंध चारों ओर के वातावरण में खुद ब खुद व्याप्त हो जाती है और उस दायरे में सब को प्रभावित करती है..

Deep_ 02-01-2015 09:23 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 544946)


7. दूसरे लोगों द्वारा आपके मत से भिन्न मत व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान करें और उसकी रक्षा करें.
9. समाज की हर समस्या के लिये देश को दोषी न ठहरायें.
10. प्रश्न करने के साथ साथ उसका संभावित उत्तर व समाधान भी सुझायें.

रजनीश जी के सारे मुद्दे अच्छे थे, जिनमें से यह वाले मुझे बहुत योग्य लगे।

Deep_ 02-01-2015 09:43 PM

Re: आओ प्रण करें !
 
Quote:

Originally Posted by arvind shah (Post 544663)
आओ प्रण करें !

...पर ध्यान रहे यहां सिर्फ आदर्शवादी बातें ना लिखें ! यहां पर सिर्फ और सिर्फ वो ही बातें लिखे जो आप स्वयं अपने जीवनें उतारे हुए हों !! क्योंकी दूरों को गुड़ छुड़ाने से पहले स्वयं को गुड का त्याग करना जरूरी होता है !!! इससे ये भी साबित हो जायेगा कि दनिया में आपकी कही का पालन करने में आपकी भमिका भी पुरजोर है !!

मै भी अपनी बहुत छोटी सी बात यहां जोडना चाहूंगा जिसे मैने अपने जीवन में उतारा है। अपने ओफिस में मुझे किसी से यह बात सीखने को मिली थी।

अपने काम की तुलना दुसरों के काम के साथ न करें। ईससे काम की गुणवत्ता पर फर्क पडता है।

Arvind Shah 05-01-2015 12:39 AM

Re: आओ प्रण करें !
 
सूत्र में पधारने एवं अपने विचार रखने के लिए आप सभी मित्रों का हार्दिक धन्यवाद !


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