अभिवादन
प्रायः दो व्यक्ति आपस में भेंट करते समय अथवा एक-दूसरे से विदा होते समय एक-दूसरे का अभिवादन करके शिष्टाचार का परिचय देते हैं। उत्तर भारतीय हिन्दी भाषी प्रायः नमस्ते, नमस्कार, प्रणाम अथवा किसी देवी-देवता का नाम यथा- जय श्रीराम, राधे-राधे, राम-राम इत्यादि कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 'पाँव लागूँ' कहकर भी अभिवादन किया जाता है। पाश्चात्य सभ्यता में गुड मार्निंग, गुड नून, गुड ईवनिंग, हैलो, हाय कहकर एक-दूसरे का अभिवादन किया जाता है। इस्लाम में 'अस्सलाम अलैकुम' और 'वालेकुम अस्सलाम' अथवा 'आदाब' कहकर एक-दूसरे का अभिवादन किया जाता है। सिख मतावलम्बी एक-दूसरे का 'वाहे गुरु' अथवा 'सत श्री अकाल' कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। राजस्थान में आगन्तुक का आते और जाते- दोनों ही समय 'पधारो सा' कहकर अभिवादन करने का रिवाज है, किन्तु आगन्तुक के जाते समय 'पधारो सा' कहने के लहजे में थोड़ा अन्तर होता है।
|
Re: अभिवादन
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि तमिल भाषा में 'नमस्कार' का समकक्ष शब्द 'वणक्कम्' होते हुए भी इस शब्द का प्रयोग एक-दूसरे का अभिवादन करने में नहीं किया जाता। एक-दूसरे से भेंट करते समय 'वणक्कम्' के स्थान पर एक दूसरे शब्द द्वारा एक-दूसरे का अभिवादन किया जाता है और इस शब्द का अर्थ नमस्कार बिल्कुल नहीं होता। इसी प्रकार एक-दूसरे से विदा होते समय जाने वाला तमिल भाषा में वनक्कम् के स्थान पर एक दूसरा वाक्य बोलकर शिष्टाचार का परिचय देता है और विदा करने वाला प्रत्युत्तर में तमिल भाषा में एक दूसरा वाक्य बोलकर शिष्टाचार का परिचय देता है। तमिल भाषा में इन वाक्यों का बोलना ही अभिवादन करने के समतुल्य होता है। यदि कोई तमिल भाषियों की परम्परा के विरुद्ध हाथ जोड़कर 'वणक्कम्' कहता है तो तमिल भाषियों के कान खड़े हो जाते हैं, क्योंकि इसका सीधा सा अर्थ होता है- आगन्तुक तमिलनाडु का निवासी नहीं अपितु कोई बाहरी व्यक्ति है! (क्रमशः)
|
All times are GMT +5. The time now is 02:33 PM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.