फोरम में मौलिकता की कमी है ?
मुझे इस फोरम से जुड़े कुछ एक दिन ही हुए है, इन दिनों में मैंने जो कुछ यहाँ पढ़ा है उससे मुझे लगता है की इस फोररूम में मौलियता की कमी है.
तकरीबन सभी बड़े बड़े थ्रेड्स मात्र कापी पेस्ट ही दिखाते है. मेरे ख़याल से ये फोरम इंटरनेट पर हिंदी की एक मात्र प्रसिद्द और एक्टिव फोरम है , ये देख कर मुझे निराशा हो रही है की चिंतन के नाम पर मुझे यहाँ ज्यादा विषय नहीं मिल पाए है. आप लोगों की इस विषय पर क्या राय है ? |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
अजय जी मैं आपकी बात से सहमत हूँ। यहाँ बहुत ही Intelligent users हैं पर Interesting Topics नहीं हैं।सभी Members की Activity भी रेगुलर नहीं हो पाती। कुछ सूत्र जो वास्तव में ज्ञानवर्धक होते हैं वो सभी सदस्यों के योगदान के अभाव में बीच में ही बंद हो जाते हैं।
पर ये फोरम हमारा है तो मुझे लगता है शिकायत करते रहने से बेहतर है कि इसकी बेहतरी के लिए प्रयास किये जाएं। हम सभी अच्छे विषय पढ़ना चाहते हैं , अच्छे विचार जानना चाहते हैं। और अगर हम एक दूसरे को सहयोग दें तो फोरम पर सदस्यों की activity भी बढ़ेगी और नए ज्ञानवर्धक , रोचक विषय भी सामने आएंगे। क्यूंकि इस फोरम पर मेरा अनुभव कहता है कि यहाँ के सदस्य बुद्धिजीवी भी हैं , और सहायता करने के लिए और दूसरे सदस्यों को आगे बढ़ाने के लिए सदैव तत्पर भी रहते हैं। |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
प्रिय अजय जी, आपने एक सुंदर प्रश्न यहाँ रख्खा हें जो वाकई इस विषय पर चिंतन चाहता हें, आपने कहा की यहाँ तकरीबन सभी बड़े बड़े थ्रेड्स मात्र कापी पेस्ट ही दिखाते है, तों मेरा यह मनना हें की कापी पेस्ट में भी कुछ सूत्र बेहतर ही हें, मोलिकता तभी आती हें जब सूत्रों को पढकर टिप्पणी करने वाले अधिक हों तों सूत्रधार को भी लिखने में आनंद आता हें,
में प्रिय पवित्रा जी की बात से शतप्रतिशत सहमत हू की ये फोरम हमारा है तो मुझे लगता है शिकायत करते रहने से बेहतर है कि इसकी बेहतरी के लिए प्रयास किये जाएं........ इस विषय पर सुंदर विचार प्रगट करने के लिये आप दोनों का हार्दिक धन्यवाद...... |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
अजय जी ,... धन्यवाद ,.. आपने आपने विचार यहाँ रखे पर आपसे कहना चाहूंगी की सिरफ़ कॉपी पेस्ट ही नही हैं यहाँ काफी मात्र में सब लिखते भी है लेखक गन भी हैं यहाँ
और कॉपी पेस्ट कोई भले ही करे किन्तु अगर बातें ज्ञान वर्धक हों और जिन बातों से किसी का भला हो , और उस पर आगे सभी पाठक गन अपने अपने आपने मंतव्य रखते जाय तो वो विषय आपने आप मौलिक हो जायेगा न. और यदि हम सब मिलकर हिंदी फोरम को और ज्यदा अच्छा बनना चाहते हैं तो सबसे पहले हमे ही अपना ज्यादा से ज्यादा समय देना होगा और अधिकतम पोस्ट खुद की लिखनी होगी ( यदि आप और किसी की यहाँ नही देना चाह्ते तब ) बाकि पवित्रा जी , और डॉ श्री विजय जी ने आपको जो कहा है मै उससे पूरी सहमत हूँ और आपसे आशा है की आगली पोस्ट आपकी आपनी लिखी होगी जो की हिंदी फोरम के लिए आपकी और से एक बहुत अच्छा मौलिक तोहफा होगा और इसका इंतज़ार हमे बेसब्री से रहेगा |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
फोरम पर मौलिकता ?
हे ईश्वर, यह आपने कौन सा तान छेड़ दिया। मौलिकता के लिए दिमाग चाहिए, जो अपने पास तो बिलकुल भी नहीं है। अगर गलती से कुछ मौलिक लिख भी दिया तो कौन सा मेहनताना मिलने वाला है। सो अपन ऐसे ही ठीक है। (नोट: ये वाला पोस्ट बिलकुल मौलिक है - कोई कॉपी पेस्ट नहीं है) |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
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Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
मित्रो, आपके विचारों को जान कर अच्छा लगा. मैं इतना ही निवेदन करना चाहता हूँ कि यह फोरम हम सब का है और इसकी विषयवस्तु हम सब के द्वारा तरतीब दी जाती है. मेरा अपना विचार है कि इस फोरम पर हम अपेक्षाकृत अधिक स्वतंत्र हैं पोस्ट करने के लिए. यहाँ हम अपनी कमियों के बावजूद अपनी रचनाएं पोस्ट कर सकते हैं. हां, यह सामग्री स्वस्थ व शालीन अवश्य होनी चाहिए. हमारा उद्देश्य है सुबोध, मनोरंजक व ज्ञानवर्धक सामग्री का प्रकाशन करना.
कुछ शब्द इसकी कार्य विधि पर. इस फोरम पर रचना को पहले एप्रूव कराने की आवश्यकता नहीं है (आवश्यक होने पर बाद में एडिट किया जा सकता है). इसका एक बड़ा लाभ यह है कि हमारे नए लेखक मित्रों को प्रोत्साहन मिलता है और उनमे लेखन की ललक बढ़ती है व आत्मविश्वास में भी बढ़ोत्तरी होती है. हमारे बहुत से नए सदस्य बहुत अच्छी रचनाएं दे रहे हैं. यह न सिर्फ मनोरंजक हैं बल्कि ज्ञानवर्धक व विचारोत्तेजक भी हैं. जिस प्रकार पुस्तकालय में हर प्रकार की विभिन्न विषयों पर पुस्तकें उपलब्ध रहती हैं, उसी प्रकार फोरम पर पाठ्य सामग्री का नया-पुराना खजाना है. इसे आप एक्स्प्लोर कर सकते हैं. >>> |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
रही बात कट-पेस्ट करने की. मेरा यह मानना है कि फोरम पर उपलब्ध सारी सामग्री कट-पेस्ट का नतीजा नहीं है. इसमें देखने वाली बात यह है कि क्या यह सामग्री हमारे सदस्यों-पाठकों को अपील करने वाली है, उनका स्वस्थ मनोरंजन करती है, ज्ञानवर्धक पोस्टों के ज़रिये उन्हें जागरूक बना पाती है या उन्हें जानकारी दे पाने में सक्षम है अथवा नहीं. कट-पेस्ट कर्म में भी हमारे साथियों की मेहनत, समय और सोच का योगदान होता है. वे अपनी ओर से भी इसमें काफी कुछ जोड़ते हैं. मैं इसे वैल्यू एडिशन कहना चाहता हूँ.
हम यदि अपनी कमियों से अवगत हैं तो उनसे बाहर निकलने का रास्ता भी हमें ही ढूँढना होगा. यहाँ रचनाये स्पोंसर नहीं की जाती या तथाकथित बड़े लेखकों को पाठ्य सामग्री भेजने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता. यह जो कुछ है, जैसा भी है हम सबका बनाया हुआ गुलदस्ता है. इसमें और सुन्दर सुन्दर फूल लगाने का कार्य भी हमें ही करना होगा. मौलिकता को फोरम के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा. अजय जी को एक महत्वपूर्ण विषय पर विचार आमंत्रित करने के लिए और पवित्रा जी, डॉ. श्री विजय, पुष्पा सोनी जी तथा भाई emptymind जी द्वारा चर्चा में अपने सुलझे हुये विचार रखने के लिए मैं आप सुधिजनों का धन्यवाद करता हूँ. |
Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
मैं यहाँ अपने नए मित्र से जानना चाहूँगा की उनकी दृष्टि में मौलिकता की परिभाषा क्या है. मेरी नजर में तो जो भी कुछ मैं यहाँ देखता हूँ मौलिक ही लगता है क्योंकि दूसरी जगह मैं झांकता ही नहीं हूँ.
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Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
आप सभी लोगों को इस सूत्र में विचार रखते देख कर मुझे प्रसन्नता हो रही है. मौलिकता से मेरे आशय यही था की जो कुछ आपके मन में हो उसे आप व्यक्त करे.
मैंने अभी तक सरसरी तौर पर जो सूत्र देखे है, उनमे ज्यादातर कुछ इस प्रकार के कॉपी पेस्ट है, जिनमे 'अच्छा है' 'बहुत खूब' जैसे जुमलों के अलावा ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. आप लोग खुद ही समझ सकते है, इस सूत्र में जितने सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये है, उसका एक कारण इसके विषय के भीतर छुपी हुई संभावना भी है. ठीक इसी प्रकार ऐसे बहुत से सामजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक विषय हमारे आस पास घटित होते रहते है, जिन पर हम अपने विचार रख सकते है - फोरम का अर्थ भी यही होता है - ऐसा मंच जहाँ सभी अपने अपने विचार रख सके. आशा है सभी सदस्यों के सहियोग से इस फोरम में भी ऐसा निरंतर हो पाएगा :) |
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