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rajnish manga 03-01-2017 04:02 PM

Re: आज का शायर
 
आपने शायर के बारे में पढ़ा और उनका कलाम भी पढ़ कर उसकी भरपूर सराहना की, इसके लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.


rajnish manga 03-01-2017 04:59 PM

Re: आज का शायर
 
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2 जनवरी


rajnish manga 03-01-2017 11:06 PM

Re: आज का शायर
 
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4 जनवरी



rajnish manga 07-01-2017 09:09 PM

Re: आज का शायर
 
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6 जनवरी

rajnish manga 15-01-2017 09:47 AM

Re: आज का शायर
 
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डॉ. वृन्दावनलाल वर्मा (9 जनवरी)



http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1484459124

rajnish manga 15-01-2017 09:51 AM

Re: आज का शायर
 
डॉ. वृन्दावनलाल वर्मा (9 जनवरी)

जिस समय हिंदी में मुंशी प्रेमचंद सामाजिक विषयों पर विपुल कथा-साहित्य की रचना कर रहे थे, उसी समय डॉ वृन्दावन लाल वर्मा ऐतिहासिक कहानियों तथा उपन्यासों के द्वारा हिंदी साहित्य को समृद्ध करने के काम में जुटे हुये थे. मुझे उनके अधिकतर उपन्यास पढ़ने का सौभाग्य मिला. यह उनकी लेखन शैली का कमाल था कि हमारे ऐतिहासिक पात्र पाठक के सामने जीवंत हो उठते थे, झांसी की रानी को केंद्र में रख कर उन्होंने ‘मृगनयनी’ उपन्यास की रचना की. उनके कुछ उपन्यास इस प्रकार हैं: मृगनयनी, गढ़कुण्ढार, विराटा की पदमिनी, राखी की लाज, लगान, कुण्डली चक्र आदि. इस लोकप्रिय एवम् महान साहित्यकार का आज जन्मदिन है. उनको हमारा सादर नमन.


rajnish manga 15-01-2017 09:57 AM

Re: आज का शायर
 
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भारत रत्न
स्व. लाल बहादुर शास्त्री (11 जनवरी)


rajnish manga 15-01-2017 10:01 AM

Re: आज का शायर
 
भारत रत्न
स्व. लाल बहादुर शास्त्री (11 जनवरी)

स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के तौर पर स्व. श्री लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल यद्यपि बहुत कम (9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक) रहा किंतु इस छोटे कार्यकाल में ही उन्होंने वो काम कर दिखाया जिससे उन्हें सदा याद किया जायेगा. सर्वप्रथम, उनके नेतृत्व में भारत ने भारत-पाक युद्ध में गौरवशाली विजय प्राप्त की. तत्पश्चात, शांति को प्रतिबद्ध भारत ने ताशकंद में पाकिस्तान से समझौता किया. दूसरा, उनका नारा- जय जवान जय किसान आज तक लोगों के दिलो दिमाग़ में कायम है. उन दिनों शास्त्री जी ने देश में खाद्य समस्या के चलते हर सोमवार की शाम को उपवास रखने का आह्वान किया जिसे स्वेच्छा से सारे देशवासियों ने अपनाया. सोमवार शाम को न तो घरों में चूल्हा जलता था और न ही होटल,रेस्त्राँ, या ढाबों पर खाना परोसा जाता था. एक शेर उन्हें बहुत पसंद था:

हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं......तो चर्चा नहीं होता

इस महान विभूति को हमारी सादर श्रद्धांजलि.



rajnish manga 15-01-2017 10:04 AM

Re: आज का शायर
 
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अज़ीम शायर इब्न-ए-इंशा (11 जनवरी)


http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1484460223



rajnish manga 15-01-2017 10:24 AM

Re: आज का शायर
 
अज़ीम शायर इब्न-ए-इंशा (11 जनवरी)

इंशा साहब की अनेक ग़ज़लें कई प्रसिद्ध गायक कलाकारों द्वारा गाई गई हैं जिन्हें यू ट्यूब पर तलाश किया जा सकता है व सुना जा सकता है. इनके व्यंग्य लेखों की एक मशहूर पुस्तक 'उर्दू की आख़िरी किताब' हिंदी में भी उपलब्ध है जिसे राजकमल प्रकाशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है. इब्न-ए-इंशा की एक ग़ज़ल श्रद्धांजलि स्वरूप यहाँ प्रस्तुत की जा रही है:


ग़ज़ल (शायर: इब्ने इंशा)
कल चौदहवीं की रात थी, शब-भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा

हम भी वहाँ मौजूद थे, हम से भी सब पूछा किये
हम हँस दिये, हम चुप रहे, मन्ज़ूर था पर्दा तेरा

इस शहर में किससे मिलें, हमसे तो छूटीं मेहफ़िलें
हर शक़्स तेरा नाम ले, हर शक़्स दीवाना तेरा

कूचे को तेरे छोड कर जोगी ही बन जायें मगर
जँगल तेरे, परबत तेरे, बस्ती तेरी सहरा तेरा

हम और रस्म-ए-बन्दग़ी, आशुफ़्तगी उफ़्तादगी
एहसान है क्या-क्या तेरा, ऐ हुस्न-ए-बेपरवा तेरा

दो अश्क़ जाने किस लिये, पलकों पे आकर टिक गये
अल्ताफ़ की बारिश तेरी, इकराम का दरया तेरा

ऐ बेदारेग़-ओ-बेअमाँ, हमने कभी की है फ़ुग़ाँ
हमको तेरी वहशत सही, हमको सही सौदा तेरा

तू बेवफ़ा तू मेहरबाँ, हम और तुझसे बदगुमाँ,
हमने तो पूछा था ज़रा, ये वक़्त क्यूँ ठहरा तेरा

हमपर ये सख्ती की नज़र, हम हैं फ़क़ीर-ए-रहगुज़र
रस्ता कभी रोका तेरा, दामन कभी थामा तेरा

हाँ-हा तेरी सूरत हसीं, लेकिन तू ऐसा भी नहीं
इस शख्स के अश'आर से, शोहरा हुआ क्या-क्या तेरा

बेशक़ उसी का दोश है, कहता नहीं, खामोश है
तू आप कर ऐसी दवा, बीमार हो अच्छा तेरा

बेदर्द सुननी हो तो चल, कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल
आशिक़ तेरा रुसवा तेरा, शायर तेरा 'इन्शा' तेरा






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