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soni pushpa 08-04-2017 04:49 AM

दर्द (dard )
 
दर्द ने बहुत दर्द दिया है हमको
dard ne bahut dard diya hai hamko

अपनों ने दर्द का अर्थ समझा दिया है हमको
apno ne dard ka arth samjha diya hamko

नादाँ थे न समझ सके थे बेवफ़ाइयां उनकी
naadan the na samajh sake bevafaiyan unki

करते रहे हर वक़्त वो आजमाइशें हमारी
karte rahe har waqt vo aajmaishen hamari

और हम समझें उनको कितनी परवाह है हमारी
or ham samjhe unko kitni parwah hai hamari

उनके स्वार्थ को समझ न सके सोचा ये तो हक़ है उनका
unke swarth ko na samjh sake socha ye to hak hai unka

ढूंढते रहे रह गए अकेले कौन अपने साथ हैं
dhendhate rah gaye akele koun apne sath hai ?

तनहा जीवन को समझ लिया था मेला
tanha jivan ko samjh liya tha mela

ये सोच सोच खुश थे हम तो
ye soch soch khush the ham to

मासूमियत को जिसने नकारा उससे मिले हम बेइंतहा प्यार से
masumiyat ko jisne nakara unse bhi mile ham beimtha pyar se

हर बात को फायदे की नजर से देखने वालों ने जतलाया हमें
har bat ko fayde ki najar se dekhne walon ne jatlaya hame

अगाध स्नेह भी एक अभिशाप है
agadh sneh bhi abhishap hai

खोकर शांति की गोद में जब सोचने को मजबूर हुए
khokar shanti ki god me jab sochne ko majbur hue

पाया सिर्फ खुद को तनहा तब
paya sirf khud ko tanha

और उदासियों में हम खो गए
or udasiyon me ham kho gaye

rajnish manga 08-04-2017 08:17 AM

Re: दर्द (dard )
 
मानवीय संबंधों में आपसी विश्वास की कमी के परिणामस्वरुप पैदा होने वाले सूरते हाल का आपने सुंदर व सटीक चित्रण किया है. जहाँ रिश्तों में एक तरफ़ा शर्तों का वर्चस्व हो वहां रिश्तों को निभाना एक रस्म-अदायगी से अधिक कुछ नहीं हो सकता. इन्हीं भावनाओं पर आपकी सुंदर रचना का स्वागत है. धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

soni pushpa 09-04-2017 05:35 PM

Re: दर्द (dard )
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 560633)
मानवीय संबंधों में आपसी विश्वास की कमी के परिणामस्वरुप पैदा होने वाले सूरते हाल का आपने सुंदर व सटीक चित्रण किया है. जहाँ रिश्तों में एक तरफ़ा शर्तों का वर्चस्व हो वहां रिश्तों को निभाना एक रस्म-अदायगी से अधिक कुछ नहीं हो सकता. इन्हीं भावनाओं पर आपकी सुंदर रचना का स्वागत है. धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

इस कविता के भावार्थ को आपने बख़ूबी समझा और व्यवस्थित तथा सुलझे विचार रखे आपने। .हार्दिक आभार सह धन्यवाद भाई

Rajat Vynar 10-04-2017 10:13 AM

Re: दर्द (dard )
 
अति सुन्दर कविता। हिला के रख दिया।

पहले की अपेक्षा आपकी कविताओं की पंक्तियों में उत्कृष्ट सुधार तथा सधी हुई पंक्तियाँ देखकर अति प्रसन्नता हुई। इतनी अच्छी कविताओं के लेखन के लिए आप कौन सी युक्ति काम में लाती हैं?

इतनी अच्छी कविता हम न लिख सके, बस इसी बात का ग़म है। बधाई स्वीकार करें।

soni pushpa 11-04-2017 02:18 AM

Re: दर्द (dard )
 
Quote:

Originally Posted by rajat vynar (Post 560642)
अति सुन्दर कविता। हिला के रख दिया।

पहले की अपेक्षा आपकी कविताओं की पंक्तियों में उत्कृष्ट सुधार तथा सधी हुई पंक्तियाँ देखकर अति प्रसन्नता हुई। इतनी अच्छी कविताओं के लेखन के लिए आप कौन सी युक्ति काम में लाती हैं?

इतनी अच्छी कविता हम न लिख सके, बस इसी बात का ग़म है। बधाई स्वीकार करें।

प्रसंशात्मक टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार सह धन्यवाद रजत जी .. युक्ति तो कोई नहीं बस सब पाठकों की प्रेरणा दायक टिपण्णी की वजह से थोड़ा बहुत लिख लेती हूँ।


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