गीत गाता चल
Movie/Album: अनुराधा (1960) Music By: रवि शंकर Lyrics By: शैलेन्द्र Performed By: लता मंगेशकर कैसे दिन बीते, कैसे बीती रतियाँ पिया जाने ना नेहा लगा के मैं पछताई सारी सारी रैना, निंदिया ना आई जान के देखो, मेरे जी की बतियाँ पिया जाने ना... रुत मतवाली आ के चली जाए मन में ही मेरे मन की रही जाए खिलने को तरसे, नन्ही नन्ही कलियाँ पिया जाने ना... कजरा ना सोहे, गजरा ना सोहे बरखा ना भाए, बदरा ना सोहे क्या कहूँ जो पूछे, मोसे मोरी सखियाँ पिया जाने ना... |
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Movie/Album: अनुराधा (1960) Music By: रवि शंकर Lyrics By: शैलेन्द्र Performed By: लता मंगेशकर हाये रे वो दिन क्यों ना आये जा जा के ऋतू लौट आये झिलमिल वो तारें, कहा गये सारे मन बाती जले, बुझ जाये हाये रे वो दिन... सुनी मेरी बीना, संगीत बिना सपनों की माला मुरझाये हाये रे वो दिन... |
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Movie/Album: अनुराधा (1960) Music By: रवि शंकर Lyrics By: शैलेन्द्र Performed By: लता मंगेशकर सांवरे सांवरे काहे मोसे करो जोरा-जोरी बैय्याँ ना मरोड़ो मोरी दूँगी दूँगी गारी हटो जाओ जी सांवरे सांवरे संग ना सहेली, पाय के अकेली अब ना जा तू हे मोरे श्याम रोको ना डगर मोरी सांवरे सांवरे... गोपी ग्वाले देखने वाले बिन बेचारे कहेंगे सारे पकड़ी राधा की चोरी सांवरे सांवरे... मुरली बजाओ गैय्याँ चराओ हमरी गली छोड़ो हे छैल मिलो जब आवे होरी सांवरे सांवरे... |
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Movie/Album: अनुराधा (1960) Music By: रवि शंकर Lyrics By: शैलेन्द्र Performed By: लता मंगेशकर जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियाँ मैं तो हूँ जागी, मोरी सो गई अँखियाँ अजब दीवानी भई, मोसे अनजानी भई पल में पराई देखो, हो गई अँखियाँ जाने कैसे सपनों... बरसी ये कैसी धारा, काँपे तनमन सारा रंग से अंग भीगो गई अँखियाँ जाने कैसे सपनों... मन उजियारा छाया, जग उजियारा छाया जगमग दीप सॅंजो गई अँखियाँ जाने कैसे सपनों... कोई मन भा गया, जादू वो चला गया मन के दो मोतियाँ पिरो गयी अँखियाँ जाने कैसे सपनों... |
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Lyrics By: नासिर काज़मी Performed By: गुलाम अली दिल में इक लहर सी उठी है अभी कोई ताज़ा हवा चली है अभी शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में कोई दीवार सी गिरी है अभी दिल में इक लहर सी... कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी और ये चोट भी नयी है अभी दिल में इक लहर सी... याद के बे-निशाँ जज़ीरों से तेरी आवाज़ आ रही है अभी दिल में इक लहर सी... शहर की बेचिराग़ गलियों में ज़िन्दगी तुझको ढूँढती है अभी दिल में इक लहर सी... आगे (गाने में नहीं है): भरी दुनिया में जी नहीं लगता जाने किस चीज़ की कमी है अभी दिल में इक लहर सी... तू शरीक-ए-सुख़न नहीं है तो क्या हम-सुख़न तेरी ख़ामोशी है अभी दिल में इक लहर सी... सो गये लोग उस हवेली के एक खिड़की मगर खुली है अभी दिल में इक लहर सी... तुम तो यारो अभी से उठ बैठे शहर में रात जागती है अभी दिल में इक लहर सी... वक़्त अच्छा भी आयेगा 'नासिर' ग़म न कर ज़िन्दगी पड़ी है अभी दिल में इक लहर सी... |
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Lyrics By: मसरूर अनवर Performed By: गुलाम अली हमको किसके गम ने मारा, ये कहानी फिर सही किसने तोड़ा दिल हमारा, ये कहानी फिर सही दिल के लूटने का सबब पूछो न सबके सामने नाम आएगा तुम्हारा, ये कहानी फिर सही हमको किसके गम ने... नफरतों के तीर खा कर, दोस्तों के शहर में हमने किस किस को पुकारा, ये कहानी फिर सही हमको किसके गम ने... क्या बताएं प्यार की बाजी, वफ़ा की राह में कौन जीता कौन हारा, ये कहानी फिर सही हमको किसके गम ने... |
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Lyrics By: खातिर गज़नवी Performed By: गुलाम अली कैसी चली है अब के हवा, तेरे शहर में बन्दे भी हो गये हैं ख़ुदा, तेरे शहर में क्या जाने क्या हुआ कि परेशान हो गए इक लहज़ा रुक गयी थी सबा तेरे शहर में बन्दे भी हो गये... कुछ दुश्मनी का ढब है न अब दोस्ती के तौर दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में बन्दे भी हो गये... शायद उन्हें पता था कि 'ख़ातिर' है अजनबी लोगों ने उसको लूट लिया तेरे शहर में बन्दे भी हो गये... |
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Lyrics By: नासिर काज़मी Performed By: गुलाम अली ग़म है या खुशी है तू मेरी ज़िन्दगी है तू आफतों के दौर में चैन की घड़ी है तू गम है या खुशी... मेरी रात का चिराग मेरी नींद भी है तू गम है या खुशी... मैं खिज़ां की शाम हूँ रूत बहार की है तू गम है या खुशी... दोस्तों के दरमियाँ वजह दोस्ती है तू गम है या खुशी... मेरी सारी उम्र में एक ही कमी है तू गम है या खुशी... मैं तो वो नहीं रहा हाँ, मगर वोही है तू गम है या खुशी... 'नासिर' इस दयार में कितना अजनबी है तू गम है या खुशी... |
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उस्ताद गुलाम अली द्वारा गाई गई चुनिन्दा गज़लें (लिखित एवं गायन) प्रस्तुत करने हेतु हार्दिक धन्यवाद.
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गीत: राम करे ऐसा हो जाये
चित्रपट: मिलन (1967) संगीत: लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल गीतकार: आनंद बक्षी स्वर: मुकेश राम करे ऐसा हो जाये मेरी निंदिया तोहे मिल जाये मैं जागूँ तू सो जाये गुज़र जायें सुख से तेरी दुःख भरी रतियाँ बदल दूँ मैं तोसे अँखियाँ गुज़र जायें सुख से तेरी दुःख भरी रतियाँ बदल दूँ में तोसे अँखियाँ बस में अगर हो यह बतियाँ माँगूँ दुआएँ हाथ उठाये मेरी निंदिया तोहे मिल जाये मैं जागूँ तू सो जाये मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ तू ही नहीं मैं ही नहीं सारा ज़माना दर्द का है एक फ़साना तू ही नहीं मैं ही नहीं सारा ज़माना दर्द का है एक फ़साना आदमी हो जाए दीवाना याद करे गर भूल न जाए मेरी निंदिया तोहे मिल जाए मैं जागूँ तू सो जाये मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ स्वप्न चला आये कोई चोरी चोरी मस्त पवन गाये लोरी स्वप्न चला आये कोई चोरी चोरी मस्त पवन गाये लोरी चन्द्र किरण बन के डोरी तेरे मन को झूला झुलाये मेरी निंदिया तोहे मिल जाये मैं जागूँ तू सो जाये मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ राम करे ऐसा हो जाये मेरी निंदिया तोहे मिल जाये मैं जागूँ तू सो जाये मैं जागूँ मैं जागूँ |
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