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rajnish manga 12-02-2015 08:00 PM

भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
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भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
(इन्टरनेट से)


जीवन में गुरु की अपनी एक विशेष जगह है। कहते है बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नहीं होता। सच्चा ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको किसी न किसी को गुरु बनाना पड़ता है चाहे फिर वो एकलव्य की तरह मिट्टी की मूरत ही क्यों ना हों। गुरु की इसी महता को प्रमाणित करते है भगवान दत्तात्रेय जो की स्वयं भगवान विष्णु के अवतार थे फिर भी उन्होंने अपने जीवन में 24 गुरु बनाए जिसमे कीट, पक्षी और जानवर तक शामिल है। उन्होंने जिससे भी कुछ सीखा उसे अपना गुरु माना।

कौन है भगवान दत्तात्रेय भगवान दत्तात्रेय ब्रह्माजी के मानस पुत्र ऋषि अत्रि के पुत्र हैं। इनकी माता का नाम अनुसूइया था। कई ग्रंथों यह बताया गया है कि ऋषि अत्रि और अनुसूइया के तीन पुत्र हुए।

ब्रह्माजी के अंश से चंद्रमा, शिवजी के अंश से दुर्वासा ऋषि, भगवान विष्णु के अंश दत्तात्रेय का जन्म हुआ। कहीं-कहीं यह उल्लेख भी मिलता है कि भगवान दत्तात्रेय ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव के सम्मिलित अवतार हैं।

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rajnish manga 12-02-2015 08:02 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

पृथ्वी- सहनशीलता व परोपकार
की भावना सीख सकते हैं।
पृथ्वी पर लोग कई प्रकार के आघात करते हैं, कई
प्रकार के उत्पात होते हैं, कई प्रकार खनन कार्य होते हैं,
लेकिन पृथ्वी हर आघात को परोपकार का भावना से
सहन करती है।
पिंगला वेश्या- पिंगला नाम की वेश्या से दत्तात्रेय ने
सबक लिया कि केवल पैसों के लिए
जीना नहीं चाहिए। वह वेश्या सिर्फ
पैसा पाने के लिए किसी भी पुरुष
की ओर इसी नजर से
देखती थी वह धनी है और
उससे धन प्राप्त होगा। धन की कामना में वह
सो नहीं पाती थी। जब एक
दिन पिंगला वेश्या के मन में वैराग्य जागा तब उसे समझ
आया कि पैसों में नहीं बल्कि परमात्मा के ध्यान में
ही असली सुख है, तब उसे सुख
की नींद आई।

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rajnish manga 12-02-2015 08:05 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

कबूतर- कबूतर का जोड़ा जाल में फंसे बच्चों को देखकर खुद
भी जाल में जा फंसता है। इनसे यह सबक
लिया जा सकता है कि किसी से बहुत ज्यादा स्नेह
दु:ख ही वजह होता है।
सूर्य- सूर्य से दत्तात्रेय ने सीखा कि जिस तरह एक
ही होने पर भी सूर्य अलग-अलग
माध्यमों से अलग-अलग दिखाई देता है।
आत्मा भी एक ही है, लेकिन कई रूपों में
दिखाई देती है।
वायु- जिस प्रकार अच्छी या बुरी जगह
पर जाने के बाद वायु का मूल रूप स्वच्छता ही है।
उसी तरह अच्छे या बुरे लोगों के साथ रहने पर
भी हमें
अपनी अच्छाइयों को छोडऩा नहीं चाहिए।
हिरण- हिरण उछल-कूद, संगीत, मौज-
मस्ती में इतना खो जाता है कि उसे अपने आसपास
शेर या अन्य किसी हिसंक जानवर के होने का आभास
ही नहीं होता है और वह मारा जाता है।
इससे यह सीखा जा सकता है कि हमें
कभी भी मौज-मस्ती में
इतना लापरवाह नहीं होना चाहिए।


rajnish manga 12-02-2015 08:07 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

समुद्र- जीवन के उतार-चढ़ाव में भी खुश
और गतिशील रहना चाहिए।
पतंगा- जिस प्रकार पतंगा आग की ओर आकर्षित
होकर जल जाता है। उसी प्रकार रूप-रंग के
आकर्षण और झूठे मोह में उलझना नहीं चाहिए।
आकाश- दत्तात्रेय ने आकाश से सीखा कि हर देश,
काल, परिस्थिति में लगाव से दूर रहना चाहिए।
जल- दत्तात्रेय ने जल से सीखा कि हमें सदैव पवित्र
रहना चाहिए।


rajnish manga 12-02-2015 08:10 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

मधुमक्खी - मधुमक्खियां शहद
इकट्ठा करती है और एक दिन छत्ते से शहद
निकालने वाला सारा शहद ले जाता है। इस बात से ये
सीखा जा सकता है कि आवश्यकता से अधिक
चीजों को एकत्र करके
नहीं रखना चाहिए।
मछली- हमें स्वाद
का लोभी नहीं होना चाहिए।
मछली किसी कांटे में फंसे मांस के टुकड़े
को खाने के लिए चली जाती है और अंत
में प्राण गंवा देती है। हमें स्वाद को इतना अधिक
महत्व नहीं देना चाहिए, ऐसा ही भोजन
करें जो सेहत के लिए अच्छा हो।


rajnish manga 12-02-2015 08:14 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

कुरर पक्षी- कुरर पक्षी से
सीखना चाहिए कि चीजों को पास में रखने
की सोच छोड़ देना चाहिए। कुरर
पक्षी मांस के टुकड़े को चोंच में दबाए रहता है,
लेकिन उसे खाता है। जब दूसरे बलवान पक्षी उस
मांस के टुकड़े को देखते हैं तो वे कुरर से उसे छिन लेते हैं। मांस
का टुकड़ा छोड़ने के बाद ही कुरर
को शांति मिलती है।

बालक- छोटे बच्चे से सीखा कि हमेशा चिंतामुक्त और
प्रसन्न रहना चाहिए।

आग- आग से दत्तात्रेय ने सीखा कि कैसे
भी हालात हों, हमें उन हालातों में ढल जाना चाहिए।
जिस प्रकार आग अलग-अलग लकडिय़ों के बीच
रहने के बाद भी एक
जैसी ही नजर आती है।

चन्द्रमा- आत्मा लाभ-हानि से परे है। वैसे ही जैसे
घटने-बढऩे से भी चंद्रमा की चमक और
शीतलता बदलती नहीं है,
हमेशा एक-जैसे रहती है।
आत्मा भी किसी भी प्रकार
के लाभ-हानि से बदलती नहीं है।


rajnish manga 12-02-2015 08:16 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

कुमारी कन्या- कुमारी कन्या से
सीखना चाहिए कि अकेले रहकर भी काम
करते रहना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए। दत्तात्रेय ने
एक कुमारी कन्या देखी जो धान कूट
रही थी। धान कूटते समय उस
कन्या की चूडिय़ां आवाज कर
रही थी। बाहर मेहमान बैठे थे, जिन्हें
चूडिय़ों की आवाज से
परेशानी हो रही थी। तब उस
कन्या ने चूडिय़ों आवाज बंद करने के लिए
चूडिय़ां ही तोड़ दी। दोनों हाथों में बस एक-
एक चूड़ी ही रहने दी।
इसके बाद उस कन्या ने बिना शोर किए धान कूट लिया। अत: हमें
ही एक चूड़ी की भांति अकेले
ही रहना चाहिए।

शरकृत या तीर बनाने वाला- अभ्यास और वैराग्य से
मन को वश में करना चाहिए। दत्तात्रेय ने एक तीर
बनाने वाला देखा जो तीर बनाने में इतना मग्न
था कि उसके पास से राजा की सवारी निकल
गई, पर उसका ध्यान भंग नहीं हुआ।


rajnish manga 12-02-2015 08:19 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

सांप- दत्तात्रेय ने सांप से
सीखा कि किसी भी
संयासी को अकेले ही जीवन
व्यतीत करना चाहिए। साथ ही,
कभी भी एक स्थान पर रुककर
नहीं रहना चाहिए। जगह-जगह ज्ञान बांटते
रहना चाहिए।

मकड़ी- मकड़ी से दत्तात्रेय ने
सीखा कि भगवान भी माय जाल रचते हैं
और उसे मिटा देते हैं। जिस प्रकार मकड़ी स्वयं जाल
बनाती है, उसमें विचरण करती है और
अंत में पूरे जाल को खुद ही निगल
लेती है, ठीक इसी प्रकार
भगवान भी माया से सृष्टि की रचना करते
हैं और अंत में उसे समेट लेते हैं।
भृंगी कीड़ा- इस कीड़े से
दत्तात्रेय ने
सीखा कि अच्छी हो या बुरी,
जहां जैसी सोच में मन लगाएंगे मन
वैसा ही हो जाता है।


rajnish manga 12-02-2015 08:25 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु

हाथी - वन में अपने समुदाय से एकनिष्ठ बन कर रहना


भौंरा - भौरें से दत्तात्रेय ने
सीखा कि जहां भी सार्थक बात
सीखने को मिले उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। जिस
प्रकार भौरें अलग-अलग फूलों से पराग ले लेते है।


अजगर- अजगर से सीखा कि हमें जीवन
में संतोषी बनना चाहिए। जो मिल जाए, उसे
ही खुशी-खुशी स्वीकार कर लेना चाहिए।

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soni pushpa 13-02-2015 04:32 PM

Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
 
bahut bahut dhanywad rajnish ji ,... is sutra ko aage badhane ke liye bahut sari baten janane mili hume guru datarey ji ke bare me ...


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