गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
॰ बिन सोचे तुम खो मत जाना अनजाने के प्यार मेँ मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ सब पे ही विश्वास न करना बहुत जरूरी डर के रहना तेरी चिन्ता मेँ पल भर भी नीँद न आती प्यारी बहना दम घुटता है मेरा भी अब टोले या बाजार मेँ- मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ बहना कोई जल जाती है सुन कर जान निकल जाती है बेटी से है दुनिया फिर भी दुनिया उसको छल जाती है अच्छा होता जल जाती ये धरती ही इक बार मेँ- मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ लोगोँ मेँ ईमान कहाँ है नारी का सम्मान कहाँ है घूम रहे पापी ऐसे अब प्रश्न उठे भगवान कहाँ है देर बहुत अंधेर बहुत है उसके भी दरबार मेँ- मन के भद्दे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ गीत- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri ॰ पता- वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
आकाश जी, आपका यह गीत हमारे सारे समाज की पीड़ा व्यक्त करता नज़र आता है. क्या यही वो आज़ादी है जिसके लिये हज़ारों लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी थी और सलोने सपने देखे जाते थे. जिनके पास समस्याओं के समाधान होने चाहियें वह सिर्फ बयानबाजी के और कुछ नहीं कर रहे.
सोचने पर विवश कर देने वाले इस सुंदर गीत के लिये बहुत बहुत धन्यवाद. |
Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
आकाश जी,आपने समाज में फेले भद्दे लोगो पर सीधा वार किया है रजनीश जी की प्रतिक्रिया से सहमत हूँ !
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Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
bhut bariya akash ji
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Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
आदरणीय रजनीश माँगा जी! आपकी अनमोल प्रतिक्रिया के लिए अत्यन्त आभारी हूँ। सादर नमन्।
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Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
:bravo::bravo::bravo::bravo::bravo:
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Re: गीत- मन के भद्दे लोग बहुत...
संपादन के बाद-
गीत- मन के छोटे लोग बहुत... ॰ बिन सोचे तुम खो मत जाना अनजाने के प्यार मेँ मन के छोटे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ सब पे ही विश्वास न करना बहुत जरूरी डर के रहना तेरी चिन्ता मेँ पल भर भी नीँद न आती प्यारी बहना दम घुटता है मेरा भी अब टोले या बाजार मेँ- मन के छोटे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ बहना कोई जल जाती है सुन कर जान निकल जाती है बेटी से है दुनिया फिर भी दुनिया उसको छल जाती है अच्छा होता जल जाती ये धरती ही इक बार मेँ- मन के छोटे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ लोगोँ मेँ ईमान कहाँ है नारी का सम्मान कहाँ है घूम रहे पापी ऐसे अब प्रश्न उठे भगवान कहाँ है देर बहुत अंधेर बहुत है उसके भी दरबार मेँ- मन के छोटे लोग बहुत बच के रहना संसार मेँ गीत- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri ॰ पता- वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
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समसामयिक चिंता एवम् सामजिक-मानवीय मूल्यों के विघटन का सुन्दर चित्रण. पुनः धन्यवाद, आकाश जी.
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