If you've never seen this before, you're too young
If you've never seen this before, you're too young :cheers::cheers::cheers::cheers::cheers:
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Re: If you've never seen this before, you're too young
धन्यवाद अभिषेक जी. इस सूत्र के माध्यम से एक हलके-फुल्के विषय पर बहुत अच्छी शुरुआत की गयी है. इसमें उन वस्तुओं की झलक मिलती है जिन्हें हम पिछले कई दशकों में प्रयोग कर चुके हैं और हो सकता है आज की युवा पीढ़ी इनको देख कर विस्मय करे.
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उपरोक्त फोन हमें उस समय की याद दिलाता है जब स्वचालित टेलीफोन एक्सचेंज अस्तित्व में आ चुके थे और हम अपने घर से या दफ्तर में बैठे हुए या पोस्ट ऑफिस से अपना मनचाहा नंबर डायल करते थे और कॉल थ्रू होने पर वांछित व्यक्ति से बात कर लेते थे. लेकिन इस स्टेज से पहले स्थिति भिन्न थी.
मुझे याद है जब सन 1974 में जब मैंने एक छोटे शहर में अपनी नौकरी ज्वाइन की तो वहां हमारे टेलीफ़ोन में नंबर डायल करने की व्यवस्था नहीं थी. हम क्रेडल से रिसीवर उठा कर कान से लगाते तो दूसरी ओर से नगर के टेलीफ़ोन एक्सचेंज से ऑपरेटर की अव्वाज आती "नंबर प्लीज़". तब हम उन्हें अपना वांछित नंबर बताते. वे अपने स्टार पर उस नंबर से संपर्क करके उसका नंबर उससे कन्फर्म करते और उसे बताते कि 'आपका कॉल है, बात करिए'. फिर ऑपरेटर हमें बोलता- बात कीजिये. इसी प्रकार एसटीडी कॉल बुक करवाते थे और एक्सचेंज वाले नंबर मिलवाते थे. तब कही जा कर काफी देर बाद बात हो पाती थी. |
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