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-   -   ऐसी की तैसी। (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1261)

arvind 17-11-2010 12:34 PM

ऐसी की तैसी।
 
नेता धर्म।

"जो कुछ अच्छा हुआ,
वह हमने किया,
जो कुछ बुरा हुआ,
वह किया अधिकारियों ने",
यह सीधी बात नहीं समझती जनता,
ख़ुद भी होती है परेशान,
हमें भी करती है परेशान.
कुछ मत देखो,
कुछ मत सुनो,
कुछ मत कहो,
बस हमें वोट देते रहो

arvind 17-11-2010 12:45 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
दिल जलता है तो जलने दे

जी भर घपले घोटाले कर
मौक़ा न गवाँ इनकार न कर
जब तक इल्ज़ाम न साबित हो
काहे का भय काहे का डर
जी भर घपले घोटाले कर

यह देश है गूँगे बहरों का
सहमें और बेबस चेहरों का
सहना तो इनकी आदत है
मस्ती से किये जा फ़िक्र न कर
जी भर घपले घोटाले कर

हर बात यहाँ बेमानी है
अब किसकी आँख में पानी है
सबकी फ़ितरनत मनमानी है
चुपचाप किये जा ज़िक्र न कर
जी भर घपले घोटाले कर

arvind 17-11-2010 12:51 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
कर चले हम फिदा जानो-तन साथियो

हार का न करो कोई ग़म साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

दौर जब तक चले कोई फुरसत न लो
घर में, जितनी बने लक्ष्मी दाब लो
वक़्त होता है मेहमान, कुछ देर का
उसके जाने से पहले, उसे नाप लो
फिर करो बैठ कर ऐश तुम साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

हींग भी न लगे न लगे फ़िटकरी
हो मगर जिंदगी में, मज़ा ही मज़ा
ये सियासत भी क्या चीज़ है दोस्तो
ख़ूब डालो डकैती न होगी सज़ा
उल्टे सब लोग, चूमें क़दम साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

सूट और टाई में दाग़ लगते नहीं
व्यर्थ इनपे ना पैसा बहाया करो
सर पे टोपी धरो खादी पहना करो
नाम गाँधी का ले ले के घपला करो
फिर मिलेगा न दूजा जनम साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

ndhebar 18-11-2010 04:37 AM

Re: ऐसी की तैसी।
 
बहुत ही अच्छी पैरोडी है
पर मेरे भाई "ये दिल मांगे मोर "

arvind 22-11-2010 05:01 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
1 Attachment(s)

kamesh 22-11-2010 05:08 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
Quote:

Originally Posted by arvind (Post 15300)
नेता धर्म।

"जो कुछ अच्छा हुआ,
वह हमने किया,
जो कुछ बुरा हुआ,
वह किया अधिकारियों ने",
यह सीधी बात नहीं समझती जनता,
ख़ुद भी होती है परेशान,
हमें भी करती है परेशान.
कुछ मत देखो,
कुछ मत सुनो,
कुछ मत कहो,
बस हमें वोट देते रहो

कितनी सच बात को लिखा है मेरे भाई
सलाम आप को

arvind 25-11-2010 06:00 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
है प्रीत जहां की रीत सदा.....

है “चीट” जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…

काले-गोरे का भेद नहीं हर जेब से हमारा नाता है
कुछ और ना आता हो हमको हमें रिश्वत लेना आता है…
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ…
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…

जीते हों किसी ने देश तो क्या, “कंधार-मसूद” तो भ्राता हैं
यहाँ हर्षद अब तो है नर में, नारी मे अब तो “एकता” है..
इतने “रावण” हैं लोग यहाँ… मैं नित-नित धोखे खाता हूँ..
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…

इतनी ममता, नदियों को भी जहाँ नाला मिलकर बनाते हैं
इतना आदर ढोर तो क्या नेता भी पूजे जाते हैं..
इस धरती पे मैने जनम लिया… ये सोच के मैं घबराता हूँ..
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…



amit_tiwari 25-11-2010 06:05 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
Quote:

Originally Posted by arvind (Post 15302)
कर चले हम फिदा जानो-तन साथियो

हार का न करो कोई ग़म साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

दौर जब तक चले कोई फुरसत न लो
घर में, जितनी बने लक्ष्मी दाब लो
वक़्त होता है मेहमान, कुछ देर का
उसके जाने से पहले, उसे नाप लो
फिर करो बैठ कर ऐश तुम साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

हींग भी न लगे न लगे फ़िटकरी
हो मगर जिंदगी में, मज़ा ही मज़ा
ये सियासत भी क्या चीज़ है दोस्तो
ख़ूब डालो डकैती न होगी सज़ा
उल्टे सब लोग, चूमें क़दम साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

सूट और टाई में दाग़ लगते नहीं
व्यर्थ इनपे ना पैसा बहाया करो
सर पे टोपी धरो खादी पहना करो
नाम गाँधी का ले ले के घपला करो
फिर मिलेगा न दूजा जनम साथियो
तुम तो कर लो इकट्ठा रक़म साथियो

साधु साधु :rolling::rolling::dance-moves::thank-you:

आपके ऊपर तो शीला की जवानी भी कुर्बान गुरु | छाये रहो | :bravo:

amit_tiwari 25-11-2010 06:07 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
Quote:

Originally Posted by arvind (Post 18899)
है प्रीत जहां की रीत सदा.....

है “चीट” जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…

काले-गोरे का भेद नहीं हर जेब से हमारा नाता है
कुछ और ना आता हो हमको हमें रिश्वत लेना आता है…
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ…
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…

जीते हों किसी ने देश तो क्या, “कंधार-मसूद” तो भ्राता हैं
यहाँ हर्षद अब तो है नर में, नारी मे अब तो “एकता” है..
इतने “रावण” हैं लोग यहाँ… मैं नित-नित धोखे खाता हूँ..
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…

इतनी ममता, नदियों को भी जहाँ नाला मिलकर बनाते हैं
इतना आदर ढोर तो क्या नेता भी पूजे जाते हैं..
इस धरती पे मैने जनम लिया… ये सोच के मैं घबराता हूँ..
भारत का रहने वाला हूँ “इंडिया” की बात सुनाता हूँ…



:gm::gm::gm: जबरदस्त ज़बरदस्त |

ndhebar 25-11-2010 06:29 PM

Re: ऐसी की तैसी।
 
Quote:

Originally Posted by amit_tiwari (Post 18900)
साधु साधु :rolling::rolling::dance-moves::thank-you:

आपके ऊपर तो शीला की जवानी भी कुर्बान गुरु | छाये रहो | :bravo:

हीरो भाई
मेरी तरफ से माया की खूबसूरती भी कबूल करो :gm::gm:


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