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rajnish manga 15-05-2014 11:30 PM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
फिल्म बॉम्बे टू गोवा अगेन

महमूद ने अपने अंतिम दिनों में अपने दोस्त को जीवनी लिखवाई थी. उसमें वे कहते हैं, 'मैं कभी टाइप्ड नहीं हुआ. मेरी अपनी निश्चित स्टाइल भी नहीं थी. मुझमें ऑब्जरवेशन की ताकत अद्भुत थी. मैं अच्छा नकलची था. इसने मुझे अच्छा कॉमेडियन बना दिया. फिल्म सबसे बड़ा रुप्पैया में मैंने फिल्मिस्तान के सेठ तोलाराम जालान की कॉपी की थी.'

समाचार है कि बॉलीवुडके कॉमेडी किंगमहमूदकी फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' को फिर से रिलीज किया जाएगा।महमूदके भाई अनवर अली ने कहा कि हम लोगों नेमहमूदभाई की 10वीं पुण्यतिथि (23 जुलाई 2014) के अवसर पर उनकी फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' को फिर से रिलीज करने कानिश्चय किया है ताकि आज की युवा पीढ़ी को उनके कृतित्व तथा मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान से अवगत कराया जा सके. यह उस महान कलाकार को उनके चाहने वालों की ओर से एक भावभीनी श्रद्धांजलि होगी.

हम कॉमेडी किंग महमूद साहब की स्मृति को नमन करते हैं.

rajnish manga 16-05-2014 10:43 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
1 Attachment(s)
जॉनी वॉकर और महमूद की दोस्ती
जॉनी वॉकर की बेटी तसनीम खान के संस्मरण

बहुत कम लोगों को पता है कि अब्बा जॉनी वॉकर और महमूद अंकल आपस में जिगरी दोस्त थे और इन्डस्ट्री में उनकी दोस्ती के बारे में अधिक चर्चा नहीं होती थी. यद्यपि कॉमेडियन के तौर पर एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी और विरोधी माने जाते थे लेकिन यह एक हकीकत है कि जॉनी वॉकर साहब के अपने समकालीनों जैसे गुरु दत्त, दिलीप कुमार, सुनील दत्त और नौशाद साहब और मौ. रफ़ी साहब के अलावा महमूद अंकल से भी बड़े घनिष्ट व मधुर सम्बन्ध रहे.

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rajnish manga 16-05-2014 10:47 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
महमूद अंकल अब्बा (जॉनी वॉकर) के बड़े शुभचिंतक तथा प्रशंसक थे और इंडस्ट्री में उनकी उपलब्धियों और कामयाबियों से बड़े उत्साहित होते थे. मुमताज़ अली साहब जब मृत्यु शैया पर थे तो उन्होंने अपने बेटेमहमूद को बुला कर कहा कि “मेरे जाने के बाद जॉनी को अपना बड़ाबुज़ुर्ग समझना”. इस घटना से पता चलता है कि उन दोनों के बीच की दोस्ती कितनी गहरी थी और उनमें कितनी आत्मीयता थी. इन दोनों कलाकारों के परिवार अनेक वर्षों तक अच्छे और बुरे वक्तों में एक दूसरे का साथ निभाते रहे.

जैसे जैसे वक़्त बीतता गया, उम्र के साथ अब्बा (जॉनी वॉकर) को भी कई बीमारियों ने घेर लिया था और गिरते स्वास्थ्य के चलते अब्बा ने बिस्तर पकड़ लिया. ऐसे में एक दिन महमूद अंकल का अमरीका से फोन आया. अब्बा की कमज़ोर आवाज़ को सुन कर अंकल रोने लगे. अब्बा अंकल को ढाढस बंधाते हुये बोले, “बेटा, रो मत.” महमूद अंकल अपने प्रति अब्बू का प्यार देख कर इतने इमोशनल हो गये और कहने लगे कि “जॉनी भाई, आप इतने बीमार हैं फिर भी मुझे ढाढस बंधा रहे हैं. आप ग्रेट हैं, मेरे प्यारे जॉनी भाई.”

rajnish manga 16-05-2014 10:49 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
अब्बा के इंतकाल के बाद महमूद अंकल का कई बार टेलीफोन आता था और वे उन दिनों को याद करते करते भावनाओं में बह जाते जब वो और अब्बू साथ हुआ करते थे. कई बार वो ग़मगीन हो जाते और कई बार फ़ोन कर के बताया करते कि “आज मैंने जॉनी भाई के लिये दुआएँ माँगी. मैं उनको बहुत मिस करता हूँ.”

दूसरे कॉमेडियन्स जैसे मारुती, आग़ा मुकरी और जगदीप अंकल के परिवार भी आपस में मिलते रहते थे और उनमे बड़ा भाईचारा था. वो सभी एक व्यवसाय में थे और एक प्रकार से एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी थे. लेकिन अब्बू उनके काम की तारीफ़ किया करते थे और बदले में वो सब भी अब्बू पर अपना प्यार बरसाते थे. अब्बू अपने रूह की सच्चाई और विशाल हृदय के कारण ही इतने सारे लोगों की दोस्ती पा सके जो उनके बाद उनके बच्चों द्वारा भी आगे भी निभाई जाती रही.

मुझे यह बताते हुये खुशी होती है कि इन दो महान दोस्तों के परिवारों की दोस्ती उनके जाने के बाद ही खत्म नहीं हो गयी बल्कि उनके बच्चों ने भी परस्पर दोस्ती के उसी जज़्बे को बरकरार रखा है.

rajnish manga 16-05-2014 10:53 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
शंकर जयकिशन, महमूद और मो. रफ़ी

महमूद साहब ने अपने कैरियर में बहुत से गीतों पर अभिनय किया होगा मगर जितने बढ़िया गीत उन्हें शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में मिले उतने कदाचित किसी और के निर्देशन में नहीं मिले. याद कीजिये फिल्म “सांझ और सवेरा” का वो सुमधुर गीत – अजहूँ न आये बालमा..sss.. सावन बीता जाये. यह रफ़ी द्वारा गाये और शंकर जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध किये गये सर्वोत्तम क्लासिकल गीतों में से एक है. इसके बाद चर्चा करते हैं फिल्म “गुमनाम” के गीत ‘हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं’ जो हमेशा के लिये महमूद का ट्रेडमार्क गीत बन गया. इसमें रफ़ी साहब ने महमूद के स्टाइल और अभिनय को ध्यान में रखते हुये ही गाया है. इसे सुनते हुये यूँ लगता है जैसे खुद महमूद ने ही इसे अपना स्वर दिया हो. फिल्म “छोटी बहन” का वह भावुकतापूर्ण गीत “मैं रिक्शा वाला’ और फिल्म “ज़िन्दगी” में ‘घुंघरवा मोरा छम छम बाजे’ भी इन महान विभूतियों की समवेत रूप से उल्लेखनीय रचनाएं हैं.


rajnish manga 16-05-2014 11:05 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
मन्ना दा (मन्ना डे) के इंटरव्यू का एक अंश
प्रश्न:
हाल ही में महमूद गुज़र गए. आपने उनके लिए कुछ विस्मयकारी गाने गाए थे जैसे किशोर के साथ (‘पड़ोसन’ फिल्म का) “एक चतुर नार” और (‘दूज का चाँद’) का “फुल गेंदवा ना मारो”. महमूद एक तरह के अभिनेता बन गए थे, जब फ़िल्में उन्हें केंद्र में रख कर लिखी जाती थीं. उनके साथ गाने का अनुभव कैसा रहा?


उत्तर:
बेहद शानदार. महमूद मेरे साथ बैठते थे और नोट्स लेते जाते थे और पूछते रहते थे कि मैं कैसे गाता हूँ वगैरह. मुझे गाता हुआ देखकर वे अपनी भंगिमाओं में मेरी आवाज़ की सारी गतियाँ और भावनाएं ले आया करते थे. वे बेहद दयालु और मजेदार इंसान थे.

rajnish manga 23-05-2014 11:38 PM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
2 Attachment(s)
अरुणा ईरानी और महमूद


अरुणा ईरानीइस बात को स्वीकार करती हैं कि उनके जीवन में अभिनेता-निर्माता-निर्देशक महमूद का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान रहा. वह कहती है, “हाँ, हम दोनों अच्छे दोस्त थे. बल्कि दोस्तों से भी अधिक थे. आप इसे कुछ भी कह सकते हैं – घनिष्टता, आदत या और कुछ. लेकिन यह सच था कि हमने शादी जैसा कदम नहीं उठाया था और न ही हममें कोई प्रेम सम्बन्ध था. यदि ऐसा कुछ होता तो हमारा रिश्ता मजे से चलता रहता. प्यार कहीं रुकता नहीं, चलता जाता है. जैसा मैंने कहा, मैंने अपने अतीत को गुडबाई कह दिया.
अरुणा स्वीकार करती हैं कि महमूद से उनकी अत्यधिक निकटता की वजह से उनको व्यावसायिक रूप से घाटा उठाना पड़ा, “तीन वर्षों तक मेरे पास कोई काम नहीं था. लोगों ने हमारे आपसी रिश्तों को गलत समझा, बल्कि वो इस मुग़ालते में थे कि हम दोनों ने शादी कर ली है. उन्होंने सोचा कि वह मिझे काम नहीं करने देगा. हमने बहुत सी फिल्मे साथ में की और हमारे बीच बहुत बढ़िया केमिस्ट्री रही. साथ ही मैं उम्र के उस पड़ाव पर थी जब आपस में नजदीकियां पनपने की सम्भावना रहती है. मेरे साथ भी ऐसा हुआ. लोग हमारे बारे में तरह तरह की बातें करते. हमारे बारे में बहुत कुछ छप रहा था. पर मैंने कोई सफ़ाई देने की जरुरत नहीं समझी. मुझे लगा कि मीडिया मेरा पक्ष जानने की कोशिश करेगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और न ही मैंने कोई स्पष्टीकरण या बयान जारी किया, जिसका मुझे अफसोस है. मेरी चुप्पी ने मेरे कैरियर को बहुत नुक्सान पहुंचाया.

rajnish manga 26-05-2014 12:14 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
http://myhindiforum.com/attachment.p...1&d=1400084428

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I tried my best to find out an extensive interview of Mehmood Sahab but could manage to have the clippings of his two interviews which, nonetheless, give us an insight into what kind of a man he was. Come, let us take a look at both the interviews:

1. Interview done by Shekhar Suman

http://www.youtube.com/watch?v=EgCScMxID24

2. Interview in which Mehmood talks about Amitabh Bachchan

http://www.youtube.com/watch?v=DsQ2ODaco2U

rajnish manga 26-05-2014 07:31 PM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
1 Attachment(s)
Mehmood with his sister Minoo Mumtaz and other siblings
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bindujain 27-05-2014 07:12 AM

Re: बॉलीवुड शख्सियत
 
अच्छी जानकारी है


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