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rajnish manga 17-12-2013 01:21 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
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विलियम फॅाकनर (William Faulkner)
विलियम फॅाकनर जब लिखते थे तो खूब व्हिस्की पीते थे. ऐसा तब से शुरू हुआ जब वो शेरवुड एंडरसन से उस समय मिले जिस समय वे दोनों न्यू ओरलियंस में रहते थे (फॅाकनर एक दारू बनाने वाले के लिए काम करते थे). 1957 के एक साक्षात्कार में फॅाकनर ने अपने और एंडरसन के सम्बन्धों का ज़िक्र करते हए बताया कि हम शाम को मिला करते और एक जगह पर पीने चले जाते थे. वहां हम देर रात - एक या दो बजे - तक पीते रहते. इस दौरान वह बोलता रहता और मैं सुनता रहता. तब प्रातः काल के समय वह अलग काम पर चला जाता. और अगली शाम को फिर वही दौर आरंभ हो जाता. और उस समय मेरे दिल में ख़याल आता कि यदि लेखक बनने के लिए ऐसी ही ज़िन्दगी की दरकार है तो मुझे मंजूर है.

rajnish manga 17-12-2013 02:02 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
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व्लादिमिर नबोकोव (Vladimir Nabokov)


व्लादिमिर नबोकोव ने अपने अधिकतर नॉवेल 3X5 इंच के कार्डों पर लिख कर ही तैयार किये जिन्हें वह पेपर क्लिप लगा कर छोटे छोटे बक्सों में तरतीब से लगा कर रखते थे. 1967 में ‘पेरिस रिव्यु’ में छपे एक इंटरव्यू में नबोकोव ने बताया था कि मेरी लिखने की दिनचर्या बहुत लचीली रही है, लेकिन मैं अपने लिखने में सहायक वस्तुओं के बारे में बड़ा ध्यान रखता हूँ, जैसे: लाइनदार ब्रिस्टल कार्ड और अच्छी तरह घड़ी गयी पेंसिलें, जो अधिक हार्ड न हों, व जिनके एक किनारे पर (पेंसिल की लिखाई मिटाने वाले) रबड़ लगे हों.

rajnish manga 17-12-2013 03:11 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
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जोनाथन फ्रेंज़ेन (Jonathan Franzen)
टाइम ने सुप्रसिद्ध अमरीकी उपन्यासकार जोनाथन फ्रेंजेन को कवर स्टोरी में स्थान दिया है. बरसों बाद कोई लेखक टाइम के कवर पर आया था. इसी में बताया गया कि एक लंबे राइटर्स ब्लॉक के दौरान जब फ्रैंजन कुछ नहीं लिख पा रहे थे, तो उन्होंने तंबाकू खाना शुरू कर दिया. यह आदत उनके लेखक मित्र डेविड फ़ॉस्टर वैलेस में थी. वैलेस की आत्महत्या के बाद वह आदत उनमें आ गई. उनकी एक और आदत के बारे में इसी से पता चला कि जब वह लिखते हैं, तो अपने पुराने डेल के लैपटॉप के आगे ज़ोर-ज़ोर से अपने डायलॉग्स बोलते हैं. छह घंटे के लेखन-सेशन के बाद उनका गला बैठ जाता है और यह लगभग रोज़ की बात है. उनका कहना है, ऐसा करने से उनके डायलॉग्स सरल, सहज, अमेरिकी बोलचाल की भाषा में हो जाते हैं. लिखते समय लिखी हुई विषयवस्तु का उच्चारण करने की आदत विलियम फॉकनर में भी थी.

rajnish manga 18-12-2013 10:11 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
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सलमान रूश्दी (SALMAN RUSHDIE)


लिखते समय की कई अजीब आदतें हैं लोगों की. कई तो इतने अनुशासित होते हैं कि कल जहां छोड़ा था, वहीं से आज शुरू कर दिया. जैसे सलमान रूश्दी. वह सुबह उठने के बाद पहला काम जो करते हैं, वह है लिखना. टेबल पर पहुंच गए. कल क्या क्या कितना लिखा था, उसे पढ़ डाला. फिर आगे लिखने बैठ गए. तीन घंटे लिखने के बाद फ्रेश होने जाएंगे. फिर दुनियादारी. शाम को पेज तीन वाली जि़ंदगी में घुसने से पहले एक बार फिर पढ़ेंगे कि सुबह क्या क्या लिखा था. फिर अगली सुबह छुएंगे. कोई करेक्शन हुआ, तो वह भी अगली सुबह.”मिडनाइट्स चिल्ड्रेन” लिखते समय वह नौकरी पर थे. पांच दिन नौकरी करते थे, पांचवीं शाम घर पहुंच घंटा-डेढ़ घंटा गरम पानी में नहाते, फिर लिखने बैठ जाते. सोमवार की सुबह तक सोते-जागते लिखते, फिर अपने काम पर चले जाते, पांच दिन के लिए.

rajnish manga 19-12-2013 08:54 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
अब हम कुछ अन्य शख्सियात की बात करते हैं जिनके काम करने की शैली में कुछ न कुछ विचित्रता थी जो उनकी तरह ही लोक में प्रसिद्ध हो गयी:

1. लेटे हुये लिखने की कोशिश करने वाले

जॉर्ज ओरवेल, मार्क ट्वेन, एडिथ वार्टन, विंस्टन चर्चिल और मार्सेल प्रोउस्ट आदि लेखकों के बारे में मशहूर था कि ये सब अपना अधिकतर लेखन बिस्तर में लेट कर ही करते थे. उपन्यासकार ट्रूमैन केपोटे भी अपने काउच में लेटे लेटे ही लेखन कार्य करते थे.

2. पैदल चलें या बिना किसी प्रयोजन के साइकिल चलाने का शौक

चार्ल्स डिकेन्स और हेनरी मिलर दोनों ही यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों में घूमते रहते थे, उनमे खो जाने के लिए. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार यह एक ऐसी पक्रिया है जो आपकी क्रियात्मकता को बढाती है.

rajnish manga 19-12-2013 09:04 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
3. संगीतमें लीन हो कर काम करना

सफल कॉपीराइटर व ऑनलाइन विक्रेता बेन सैटल दिल को सुकून पहुंचाने वाले संगीत में जीते हैं (हर प्रकार का संगीत नहीं बल्कि प्रेरणादायक फिल्मों का ध्वनि-मुद्रित संगीत).

4. लेखन के लिये दिन का वह उपयुक्त समय निर्धारित करना जो आपकी कार्य क्षमता को मुआफ़िक आ जाये

होनर डी. बाल्ज़ाक के बारे में कहा जाता हैं कि वे आधी रात को उठ जाते थे और देर रात तक ब्लैक कॉफ़ी पीते रहते थे और अपना कार्य भी करते थे. इसी प्रकार फ्लेनरी ओ’कॅानर दिन में केवल दो घंटे ही लेखन कार्य करते थे.

rajnish manga 19-12-2013 09:10 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
5. अपनी पीठ को ऐसे आराम देने वाले

अर्नेस्ट हेमिंग्वे और एल्बर्ट कामू खड़े हो कर लिखना पसंद करते थे और आराम का अनुभव करते थे. इस तरह की तकनीक आज के स्वास्थ्य-संवेदी लेखकों में प्रचलित होती जा रही है. इन्हीं में हम ब्रायन क्लार्क का नाम भी जोड़ सकते हैं.

6. किसी दैवी प्रेरणा का आह्वान करने वाले

“दी वॉर ऑफ़ आर्ट” जैसी अनेकों प्रेरणादायी पुस्तकों के रचयिता स्टीवन प्रेसफील्ड एक पुरानी प्रथा का अनुकरण करते थे. यह प्रथा थी- कुछ भी टाइप करने से पहले महान यूनानी कवि होमर द्वारा रचित ‘देवी का आह्वान’ का पाठ करना. ऐसा करने वाले वह अकेले लेखक नहीं हैं. उनसे पहले शेक्सपीयर, मिल्टन और चॉसर भी इसी रीति का अनुसरण करते थे.

rajnish manga 19-12-2013 09:58 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
7. यदि कोई और टोटका काम ना आये तो ड्रिंक का सहारा लेने वाले

https://encrypted-tbn1.gstatic.com/i...Yocok9JeMA0MEQ


केपोटे और फॅाकनर की तरह विज्ञापन जगत की जानी मानी हस्ती के रूप में विख्यात कॉपीराइटर डेविड ओगिल्वी अक्सर पीते थे ‘... तीन-चार पैग ब्राण्डी या रम ... और ग्रामोफोन पर हॅान्डेल ओरेटोरियो लगा देते’. वे खुद को एक मामूली कॉपीराइटर मगर बढ़िया सम्पादक कहा करते थे. वह अपनी लिखी हुई चीजों को कम से कम 4-5 बार संपादित करते तब कहीं जा कर किसी अन्य व्यक्ति को दिखाया करते.


rajnish manga 22-12-2013 10:19 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
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ओरहन पामुक (Orhan Pamuk)
ओरहन पमुक ने 'अदर कलर्स' में बहुत दिलचस्प किस्से लिखे हैं- अपनी ऐसी आदतों के बारे में. एक निबंध में वह कहते हैं- उन्हें घर में लेखन करना अजीब लगता था. उन्हें हमेशा एक दफ़्तर चाहिए होता, जो घर से अलग हो, जहां वह सिर्फ़ लिख सकें (यह आदत कई लेखकों की रही है. इसके लिए उन्होंने घर के पास या तो कोई फ़्लैट ख़रीद लिया या किराये पर ले लिया और वहां काम किया). ख़ैर, पमुक घर में लिखने की मजबूरी से अलग ही ढंग से निपटे. वह सुबह उठते, नहाते-धोते, नाश्ता करते, बाक़ायदा फॉर्मल सूट पहनते और पत्नि से यह कहकर कि अब मैं ऑफिस जा रहा हूं निकल पड़ते, पंद्रह-बीस मिनट सड़क पर टहलने के बाद वह वापस घर लौटते, अपने कमरे में घुसते, और उसे अपना ऑफिस मान लिखने लग जाते.
https://encrypted-tbn2.gstatic.com/i...wtvtktlr9NfC-w
यहां मुझे हिंदी के महान साहित्यकार अमृतलाल नागर का ध्यान आता है, जो घर के अन्दर तख़्त पर बैठ कर लेखन कार्य करते थे. उन्होंने पत्नि को कह रखा था कि यदि कोई मिलने आये तो कह देना कि नागर जी कानपुर गये हैं. पत्नि को समझाते कि यह तख़्त ही मेरा कानपुर है. जब आज का काम हो जाएगा तो हम कानपुर से लखनऊ अपने घर आ जायेंगे.

rajnish manga 24-12-2013 07:33 PM

Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें
 
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यूडोरा एलिस वेल्टी (EudoraAliceWelty)


विख्यात अमरीकी कथा लेखिका की लेखन शैली बड़ी विचित्र थी. उन्होंने सन 1953 में, यूडोरा वेल्टी ने अपने मित्र विलियम मैक्सवेल को लिखा था कि जैसे जैसे वह अपनी कथा लेखन में पन्ने भरती जाती हैं, वैसे वैसे ही वे उन्हें एक की नीचे एक चिपकाती हैं और एक लम्बी स्ट्रिप बना लेती हैं ताकि पूरी कथा को एक साथ एक नज़र में देखा जा सके, ऐसा करना पढ़ने में वास्तव में मदद ही करता है. “जब कहानियाँ कमरे के अनुपात में अधिक लम्बी हो जाती है तो उन्हें मैं बिस्तर पर या टेबल पर फैला देती हूँ और पिन कर देती हूँ. इस प्रकार मेरी कहानियों का एक पैच-वर्क बन जाता है जिसे आप किधर से भी पढ़ सकते है, ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आता है”.



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