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soni pushpa 19-06-2017 10:41 PM

anjani rahen
 
अनजानी राहें

एक अनजान रह पर चल पड़े मुसाफिर
चलना था, बस चलना ही था इस राह पर

आगे क्या होने वाला है, ये पता नहीं था
अपने सब हैं साथ ख़ुशी थी इसकी काफी

अपनों से दूर हुआ तो सहसा कांप उठा
मन की धरती से आहों का संताप उठा

सुख दुःख किसे सुनायेगा ए पथिक बता
तेरी आँखों में तो भरे हैं अपनों के सपने

तेरे इस पथ पर आते ही उनके सपने पूर्ण हुए
पर मूक अनकहे तेरे अपने अरमा तो चूर्ण हुए

किसे पता सोने के पिंजरे में पंछी की आहों का
दिखता है तो एक मुखौटा झूठ मूठ की चाहों का

मन में दबी उदासी बाहर से नज़र नहीं आती
छुपे हुए आंसू और आहें भी नज़र नहीं आती

अरमा
सबके पूर्ण हुए, है इसका संतोष मगर
दूर तलक मुझको अपनी मंज़िल नज़र नहीं आती

rajnish manga 20-06-2017 04:03 PM

Re: anjani rahen
 
Quote:

Originally Posted by soni pushpa (Post 561062)
अनजानी राहें

एक अनजान रह पर चल पड़े मुसाफिर
चलना था, बस चलना ही था इस राह पर

आगे क्या होने वाला है, ये पता नहीं था
अपने सब हैं साथ ख़ुशी थी इसकी काफी

अपनों से दूर हुआ तो सहसा कांप उठा
मन की धरती से आहों का संताप उठा

सुख दुःख किसे सुनायेगा ए पथिक बता
तेरी आँखों में तो भरे हैं अपनों के सपने
....
मन में दबी उदासी बाहर से नज़र नहीं आती
छुपे हुए आंसू और आहें भी नज़र नहीं आती

अरमा
सबके पूर्ण हुए, है इसका संतोष मगर
दूर तलक मुझको अपनी मंज़िल नज़र नहीं आती


बहुत गहरी और दार्शनिक दृष्टिकोण वाली रचना. सांसारिक अनुभवों तथा आध्यात्मिक संचेतना का समन्वय प्रस्तुत करती है यह कविता. हर लिहाज़ से एक अद्वितीय रचना. यहाँ शेयर करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

soni pushpa 21-06-2017 04:27 PM

Re: anjani rahen
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 561071)
बहुत गहरी और दार्शनिक दृष्टिकोण वाली रचना. सांसारिक अनुभवों तथा आध्यात्मिक संचेतना का समन्वय प्रस्तुत करती है यह कविता. हर लिहाज़ से एक अद्वितीय रचना. यहाँ शेयर करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

हार्दिक आभार सह बहुत बहुत धन्यवाद भाई आपके मार्गदर्शन और पाठकों की रूचि की वजह से कुछ भाव मन में आ जाते हैं पर कई बार शब्द कहीं खो जाते हैं तो कई बार कहीं से आ जाते हैं ये सब आप सबकी वजह से मुमकिन हो पाता है।

किन्ही कारण वश इस कविता का शीर्षक हिंदी में नहीं लिख सकी थी भाई आपने एडिट कर दिया बहुत आभारी हूँ। .

Rahul.jha 22-06-2017 08:48 AM

Re: anjani rahen
 
fantabulous... :) :) bohot he achchi rachna...

soni pushpa 26-06-2017 02:26 AM

Re: anjani rahen
 
Quote:

Originally Posted by rahul.jha (Post 561084)
fantabulous... :) :) bohot he achchi rachna...

प्रसंशात्मक टिपण्णी के लिए हार्दिक आभार सह धन्यवाद राहुल जी।


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