ज़िन्दगी गुलज़ार है
~ज़िन्दगी गुलज़ार है~ |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है। ये हम सब जानते हैं। ज़िन्दगी हमें कितना कुछ देती है , सुख , अनुभव , सीख। ज़िन्दगी सबसे अच्छी शिक्षक होती है। इंसान जितना अपनी ज़िन्दगी से सीखता है उतना शायद कोई और उसे नहीं सीखा सकता।
पर फिर भी हमारी ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसे पल आते हैं जब हमें लगता है कि अब सब ख़त्म हो गया। अब ज़िन्दगी जीने का कोई फायदा नहीं। जब हम ज़िन्दगी से निराश हो जाते हैं। जब हमें लगने लगता है कि हमने ज़िन्दगी से कुछ नहीं पाया। पर क्या सच में ऐसा हो सकता है कि ज़िन्दगी ने हमें कुछ न दिया हो? ज़िन्दगी के ऐसे ही अच्छे - और कम अच्छे पहलुओं (कम अच्छे इसलिए क्यूंकि मुझे लगता है कि ज़िन्दगी बुरा किसी के साथ नहीं करती ) की चर्चा करने के लिए ये सूत्र शुरू किया गया है। |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
ऐसा क्या करें कि हमारी ज़िन्दगी बहुत बहुत खूबसूरत हो जाये?
रिश्ते , प्रेम , शोहरत , संतुष्टि , सब कुछ मिले हमें। |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
My Hindi Forum पर अब तक का मेरा अनुभव कहता है कि यहाँ पर बुद्धिजीवी लोग हैं जो हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं , हमारी समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमारी मदद कर सकते हैं।
इस सूत्र में मैं अपनी समझ के हिसाब से तो पोस्ट करुँगी ही , पर अगर जीवन से जुडी आपकी कोई समस्या हो तो आप यहाँ सभी के साथ बाँट सकते हैं , क्या पता आपकी समस्या का समाधान मिल जाये , और बाकि सदस्यों को उस समस्या और समाधान के माध्यम से कुछ सीख मिल जाये। |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
हमारी ज़िन्दगी में जो चीज़ हमें सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है वो हैं "रिश्ते".
तो सबसे पहले मैं ज़िन्दगी के इस पहलू से ही चर्चा शुरू करती हूँ। |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
रिश्ते कभी कच्ची डोर की तरह कमज़ोर होते हैं तो कभी ज़ंज़ीर की तरह मजबूत कि अगर तोड़ने का प्रयास किया भी जाये तो भी तोडना असंभव होता है।
ये सब हमारी आपसी समझ पर निर्भर करता है , रिश्ते में मौजूद प्रेम पर , और एक दूसरे पर जो विश्वास होता है हमें उस पर निर्भर करता है। |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
पर जो चीज़ सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है किसी भी रिश्ते में वो होती है - रिश्ता बनाये रखने की इच्छा
अगर रिश्ता बनाये रखने की इच्छा है आपमें तो फिर परिस्थितियां चाहें कितनी भी विपरीत क्यों न हों , रिश्ता कायम रहता ही है। 100 खामियों के बावजूद रिश्ता बना ही रहता है। और अगर ये इच्छा ख़त्म हो गयी तो चाहे 100 बहाने क्यों न हों साथ रहने के, रिश्ता निभ ही नहीं सकता। |
Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
एक विलक्षण चर्चा का आरम्भ करने के लिये आपको बधाई देना चाहता हूँ, पवित्रा जी. इसका शीर्षक भी विशेष रूप से आकर्षक है जो हमें याद दिलाता है की जीवन एक वरदान है, एक कभी न खत्म होने वाला वसंतोत्सव है. मानव जीवन है तो समाज भी है. समाज है तो आपसी रिश्ते भी हैं, रिश्ते हैं तो उन्हें समाज की बेहतरी के किये बनाए रखने की ज़रूरत भी है. इसके लिए चाहिए परस्पर विश्वास और एक-दूसरे के लिए आदर व स्नेह की भावना. 'जीओ और जीने दो' का महामंत्र जन-जीवन में गुंजायमान हो. हम अपनी उन्नति के लिए किसी अन्य व्यक्ति का मार्ग न अवरुद्ध करें बल्कि सबको आगे बढ़ने ने का बराबर अवसर मिले अर्थात् सामूहिक विकास का मार्ग अपनाया जाये. परिवार तथा समाज, व्यवसाय अथवा उद्योग सब जगह इसी विचारधारा का बोलबाला हो तो कोई कारण नहीं की 'गुलज़ार ज़िन्दगी' का हमारा सपना पूरा न हो.
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Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
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Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
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पर इस स्वार्थी दुनिया में आज सभी पाने की ही अभिलाषा रखते हैं इसलिए मैंने लिखा था कि - ऐसा क्या करें जो ये सब हमें मिले। |
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