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Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:49 PM

महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये....................
 
महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये....................

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:51 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
सिंहासन बत्तीसी एवं बत्तीस पुतलियों कथा..........

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:53 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
कहां से आया सिंहासन, कौन थीं 32 पुतलियां ?
सिंहासन बत्तीसी की दिलचस्प कहानी............

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:56 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
प्राचीन समय की बात है। उज्जैन में राजा भोज राज्य करते थे। वह बड़े दानी और धर्मात्मा थे। उनके बारे में प्रसिद्ध था कि वह ऐसा न्याय करते कि दूध और पानी अलग-अलग हो जाए। नगरी में एक किसान का एक खेत था। जिसमें उसने कई साग-सब्जी लगा रखी थी।

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:57 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
एक बार की बात है कि खेत में बड़ी अच्छी फसल हुई। पूरी जमीन पर तो खूब तरकारियां आईं, लेकिन खेत के बीचों-बीच थोड़ी-सी जमीन खाली रह गई। हालांकि किसान ने उस जमीन पर भी बीज डाले थे। लेकिन वहां कुछ नहीं उगा।

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:58 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
किसान ने वहां खेत की रखवाली के लिए एक मचान बना लिया। जब भी किसान मचान पर चढ़ता अपने आप चिल्लाने लगता- 'कोई है? राजा भोज को पकड़ लाओ और सजा दो। मेरा राज्य उससे ले लो। जाओ, जल्दी जाओ।'

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:59 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
सारी नगरी में यह बात आग की तरह फैल गई और राजा भोज के कानों में पहुंची। राजा ने कहा, 'मुझे उस खेत पर ले चलो। मैं सारी बातें अपनी आंखों से देखना और कानों से सुनना चाहता हूं।'

राजा भोज जब उस जगह पहुंचे तो उन्होंने भी वही देखा कि किसान मचान पर खड़ा है और कह रहा है- 'राजा भोज को फौरन पकड़ लाओ और मेरा राज्य उससे ले लो।

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 10:59 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
यह सुनकर राजा चिंतित हो गए। चुपचाप महल में लौटा आए। उन्हें रातभर नींद नहीं आई। सवेरा होते ही उन्होंने राज्य के ज्योतिषियों और जानकार पंडितों को इकट्ठा किया। उन्होंने अपनी गोपनीय विद्या से पता लगाया कि उस मचान के नीचे कुछ छिपा है। राजा ने उसी समय आज्ञा दी कि उस जगह को खुदवाया जाए।

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 11:00 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
खोदते-खोदते जब काफी मिट्टी निकल गई तो अचानक एक सिंहासन प्रकट हुआ। सिंहासन के चारों ओर आठ-आठ पुतलियां यानी कुल बत्तीस पुतलियां खड़ी थीं। सबके अचरज का ठिकाना न रहा। राजा को खबर मिली तो सिंहासन को बाहर निकालने को कहा, लेकिन कई मजदूरों के जोर लगाने पर भी वह सिंहासन टस-से मस न हुआ।

Dr.Shree Vijay 29-08-2013 11:00 PM

Re: महाराजा विक्रमादित्य जी से जुडी कथाये.................
 
तब एक पंडित ने कहा कि यह सिंहासन देवताओं का बनाया हुआ है। अपनी जगह से तब तक नहीं हटेगा जब तक कि राजा स्वयं इसकी पूजा-अर्चना न करें।

राजा ने ऐसा ही किया। पूजा-अर्चना करते ही सिहांसन ऐसे ऊपर उठ आया, मानो फूलों का हो। राजा बड़े खुश हुए।


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