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-   -   "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २ (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=16015)

Deep_ 10-08-2015 09:47 PM

"अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
कोई नवलकथा किसी की मनपसंद क्युं हो सकती है? कोई नवल कथा सेंकडो दिलों पर क्युं छा जाती है? क्युं होलीवुड में नोवेल पर से पुरी फिल्म बनती है? क्युं नोवेल पर से बनाई गई फिल्में ज्यादातर हीट होती है? आखिर क्या होता है वह सस्ते कागज़, काली स्याही, धागे और लेह से बने सपनों में?

'अकेला बादल'
एक मित्र के बड़े भाई से मुझे मिली थी। मुझे पता नहीं था की यह नोवेल मुझे ईतनी पसंद आएगी की वह मैं लोटाउंगा ही नहीं! अभी तक वह ना लौटाई हुई नोवेल मेरे पास रखी हुई थी...संभाल कर। लेकिन अधिक संभाल कर रख देने के बाद अब मुझे दो महिने से वह नोवेल मिल ही नहीं रही! जब भी मुझे मिलेगी मै जरुर कुछ हिस्से पोस्ट करुंगा ।

ईस सुत्र के किसी भी हिस्से को में कभी भी एडिट/अपडेट करता रहुंगा।

Deep_ 10-08-2015 09:51 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
अकेला बादल
लेखकः राजहंस
http://oi63.tinypic.com/313mxb5.jpg
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Deep_ 10-08-2015 09:52 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
http://hdwallpaperhub.net/wallpapers...ork_m80816.jpg
वसंत एक धनाढ्य बिझनस मेन है जो अपने अकेलेपन से उब चुका है। वह किशोरावस्था में अपने मा-बाप खो चूका है और अपने पिता का बिझनस संभाल कर उसको आगे बढाता है।
लेकिन वह बहुत संवेदनशील ईन्सान है। तनहाईयों से बचने के लिए क्लब जोईन कर के रखा है जहां ढेर सारे मित्र बना कर रखें है। लेकिन फिर भी उसे संतोष नहीं मिल रहा। कई बार रातो को नींद से जाग जाता है और अपने आप से सवाल-जवाब करता रहेता है।
सफल बिझनस मेन होने के कारण क्ल्ब में ई लडकीयां उस से दोस्ती-शादी के सपने पाले हुए है, लेकिन वसंत सबसे बच कर रहता है।

rajnish manga 10-08-2015 09:54 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
उक्त भूमिका से बहुत जिज्ञासा बन रही है. इंतज़ार रहेगा, दीप जी.

Deep_ 10-08-2015 09:59 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
वसंत कितना भावुक है ईसका पता तब लगता है जब कहानी में एक पात्र उजागर होता है....वसंत का पुराना दोस्त। वह एक खुद्दार टेक्सी ड्राईवर है जो बसंत की कोई मदद नहीं लेना चाहता। दोनों बचपन के मित्र होने के कारण आत्मीयता गहरी है। वसंत कभी अपने आप से थक कर उससे मिलने को चला जाता है। वहां उसकी मां के हाथो का खाना बड़े चाव से खाता है।


https://i1.sndcdn.com/artworks-00000...5-t200x200.jpghttp://www.google.co.in/url?sa=i&sou...39312118695745http://images.8tracks.com/cover/i/00...ax&w=200&h=200
(एक धनवान की एसी ही मनवांछना फिल्म ' जब वी मेट ' के नायक की थी। होलिवुड की कई फिल्मों में भी एसे ही भावुक लोग दिखाई दिए है जो कहने को तो सफल और धनवान है लेकिन उनकी चाहतें आम आदमी जैसी होती है। '५० शेड्स ओफ ग्रे' में भी बिझनस मेन 'क्रिश्चीयन ग्रे' एक सामान्य लडकी से आकर्षित होता है। 'ट्विलाईट' में एक धनाढ्य वेम्पायर फेमिली का राजकुमार एक सामान्य लडकी से प्रेम कर बैठता है। )

Deep_ 10-08-2015 10:02 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
http://www.abc.net.au/news/image/643...x2-940x627.jpg
एक दिन बहुत बारिश हो रही थी और वसंत को बिझनस मिटींग में जाना था। एसे में बारिश की वजह से उसकी कार रास्ते मैं ही खराब हो गई। संयोग से उसका वही पुराना टेक्सी ड्राईवर वहां से गुज़रा और वसंत को देख कर रुक गया।
कार को चेक करने पर लगा की बात बनेगी नहीं। वसंत का कोट गिला हो चुका था और कार चैक करने के चककर में शर्ट भी जरा बिगड गई थी। वसंत को मिटींग में जाना था, वह अपने दोस्त की टेक्सी ड्राईव कर के आगे बढ गया।
अंधेरा होने को था, बारिश भी बढती जा रही थी।

Deep_ 10-08-2015 10:05 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
http://www.registeredrunaway.com/wp-..._Thielker1.jpg

बारिश की मोटी चादर के बीच से एक चहेरा दिखाई दिया । वह लडकी था उठा कर टेक्सी रोक रही थी। वसंत ने अनायास ब्रेक लगा दिये। लडकी दरवाजा खोलने लगी तो वसंत ने पुछा कहां जाना है?
लडकी झुंझला जाती है। कहती है की पहले टेक्सी में बैठने तो दो!
बसंत मुक्सुरा कर दरवाजा खोलता है। वह लडकी वसंत को टेक्सी ड्राईवर जो समज़ लेती है! वह बसंत को थोडी खरी-खोटी भी सुना देती है। वसंत उसे एक ड्राईवर की तरह ही उसके बताए हुए पते पर ड्राईव करने लगता है।
बसंत को यह संयोग अच्छा लगता है। बेक-व्यु मिरर में वह उस लडकी को ध्यान से देखता है। वह वाकई में सीदी-सादी और सुंदर लग रही थी।

http://oi67.tinypic.com/1433z8m.jpg

Deep_ 10-08-2015 10:09 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
http://i.ytimg.com/vi/O9doe15TVXQ/hqdefault.jpg

रास्ते में अचानक टेक्सी पंचर हो जाती है। ओर कोई टेक्सी न मिलने के कारण बसंत भीगते हुए पहिया चेन्ज करने लगता है। बसंत को भीगते हुए काम करते देख कर लडकी को थोडी हमदर्दी होती है। उसे अपने खरी-खोटी सुनाने पर शायद अफसोस भी होता है।

गाडी ठीक कर के फिर से वह आगे बढते है। एक तंग गली के बाहर लडकी गाडी रोकने को कहती है। अब मज़े की बात यह थी की बसंत को मीटर देखना नहीं आता था और जेब में खुल्ले पैसे होने का तो सवाल ही नहीं था!

लडकी उतर कर मीटर देखते हुए किराया पुछती है। बसंत ने ईधर-उधर ढुंढ कर रेट-कार्ड निकाला। फिर एसे ही कुछ रकम कह दी। लडकी ने नोट निकाला थो वसंत ने कहा की खुल्ले नहीं है! लडकी को परेशान होते हुए देखनें में उसे अच्छा लग रहा था!

बाद में वसंत ने कहा की वह बाद में पैसे दे देगा। लडकी ने उसे उसके स्कूल पर आने को कहा जहां वह पढाती थी। और कहा की गेटमेन से कहना की मिस. कामना को बुला ले। फिर वह चली गई।

Deep_ 10-08-2015 10:15 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
http://cdn.youthkiawaaz.com/wp-conte...s-in-India.jpg

दुसरे दिन वह अपने मित्र को मिलता है और टेक्सी मांगता है। ड्राईवर के कपडे पहन कर वह उसी स्कुल के आगे खडा हो जाता है। स्कुल छुट गया लेकिन कामना बहुत देर से बाहर आई।
तब तक बसंत कई अंदाजे लगा चुका था की वह स्कुल आई होगी या नहीं, बिमार तो नहीं हो गई वगैरह।
वह अपने चेन्ज ले कर चलने लगी तो बसंत ने पुछा की टेक्सी में नहीं चाहिए?
कामना ने कहा की वह बस से आती जाती है, कल तो बारिश की वजह से टेस्की में जाना पडा।
ईस पर बसंत को निराशा होती है। कामना आगे बढ जाती है। बसंत का दिल डुबने लगता है!

Deep_ 10-08-2015 10:20 PM

Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २
 
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एसे में अचानक कामना के पांव में मोच आ जाती है। वह कराह उठती है। बसंत धीरे से टेक्सी ले कर पास से गुजरता है। कामना उसे रोकती है। दरअसल मोच बडी दर्दनाक थी। बसंत भी उसला दर्द देख कर मचल जाता है। वह उसे टेक्सी में बैठा कर ले चलता है।
रास्ते में बसंत कहता है की उसे थोडे दिन टेक्सी में ही जाना चाहिए तो कामना मान जाती है। बसंत खुशी से झुम उठता है!


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