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-   -   कुछ प्यारी कविताये बच्पन की (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2248)

sagar - 09-03-2011 03:43 PM

कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
दोस्तों इस सूत्र में बच्पन की कविताये पेश की जायेगी जिन से हमे अपने बचपन की याद को ताजा करेगे !

sagar - 09-03-2011 03:44 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जायेगी
बाहर निकालो मर जायेगी।

sagar - 09-03-2011 03:46 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
पोशम्पा भाई पोशम्पा,
लालकिले मे क्या हुआ
सौ रुपये की घडी चुराई।
अब तो जेल मे जाना पडेगा,
जेल की रोटी खानी पडेगी,
जेल का पानी पीना पडेगा।
थै थैयाप्पा थुश
मदारी बाबा खुश।

sagar - 09-03-2011 03:47 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
झूठ बोलना पाप है,
नदी किनारे सांप है।
काली माई आयेगी,
तुमको उठा ले जायेगी।

sagar - 09-03-2011 03:48 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
आज सोमवार है,
चूहे को बुखार है।
चूहा गया डाक्टर के पास,
डाक्टर ने लगायी सुई,
चूहा बोला उईईईईई।

Sikandar_Khan 09-03-2011 03:49 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
सागर जी
एक बेहतरीन सूत्र के लिए आपको दिली मुबारकबाद
आपने बचपन के दिन याद दिला दिए
आपकी इस कोसिस को मेरा सलाम

sagar - 09-03-2011 03:55 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
Quote:

Originally Posted by Sikandar (Post 57926)
सागर जी
एक बेहतरीन सूत्र के लिए आपको दिली मुबारकबाद
आपने बचपन के दिन याद दिला दिए
आपकी इस कोसिस को मेरा सलाम

बच्पन की यादे भुलाये नही भूलती सिकन्दर भाई
वो दिन भी क्या दिन होते थे वो दिन भी क्या दिन होते थे अपनी ही मस्ती में रहते थे ना कोई चिंता होती थी ना ही कोई जिमेदारी होती थी !
कोई लोटा दे मेरे बीते हुए दिन :cryingbaby::cryingbaby:

sagar - 09-03-2011 03:57 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
तितली उडी, बस मे चढी।
सीट ना मिली,तो रोने लगी।।
ड्राइवर बोला आजा मेरे पास,
तितली बोली " हट बदमाश "।

sagar - 09-03-2011 04:05 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
आलू-कचालू बेटा कहा गये थे,
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।

sagar - 09-03-2011 04:09 PM

Re: कुछ प्यारी कविताये बच्पन की
 
चन्दा मामा दूर के,
पूए पकाये भूर के।
आप खाएं थाली मे,
मुन्ने को दे प्याली मे...


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