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-   -   अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो ! (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=3572)

dailybazaar 03-02-2016 12:53 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 557283)
लखनऊ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के ऐतिहासिक तथा अत्यंत खूबसूरत नगरों में से एक है. मुझे भी वहाँ जाने और भ्रमण करने का तीन तीन बार सौभाग्य मिला है.

व्यासायिक स्थलों में हज़रतगंज प्रमुख है. रेलवे स्टेशन की इमारतों से ले कर छोटा इमामबाड़ा, बड़ा इमामबाड़ा जहाँ भूलभुलैया भी स्थित है. देखने के काबिल हैं. वहाँ की भाषा और तहज़ीब तो जगत प्रसिद्ध है ही. धन्यवाद.


Excellent explanation of the beauty of India. I completely agree with you.

rajnish manga 25-11-2017 09:25 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
नमक हराम की हवेली (चांदनी चौक, दिल्ली)


Namak Haram Ki Havel was possessed by Bhawani Shankar, one of the most reliable partners of Jaswant Rao an excellent Maratha enthusiast. Bhawani Shankar later abandoned him and went over to the British side. Thus he was known as a traitor and hence, the unusual name for his haveli.

rajnish manga 26-11-2017 08:42 AM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
नमक हराम की हवेली (चांदनी चौक, दिल्ली)

चांदनी चौक उस सूखे नारियल के समान है जिसे जितना छिलो कुछ नया ही मिलता जाएगा !! घुमक्कड़ी के क्रम में कई फतेहपुरी मस्जिद के पास कई दुकानदारों से पूछने के बाद जब इस हवेली का पता न लगा तो मन निराश होने लगा तभी फतेहपुरी मस्जिद के पास एक सज्जन ने नमक हराम की हवेलीका सही पता ठिकाना दिया !

आप हवेली का नाम पढ़कर अवश्य चौंक गए होंगे न !! जाहिर सी बात है, हवेलियों के नाम उसके मालिक के नाम पर या कोई सुकून बख्स भाव लिए ही होता है !

फतेहपुरी मस्जिद से दायें मुख्य सड़क से पहले कट से जा रही जिस गली से हमें दायें होना था व इतनी संकरी थी कि दिखी ही नहीं ! खैर, वापस आकर उस गली से अन्दर गए कुछ दूर आगे बढे. अब हम 154 - कूचा घासी राम, “ नमक हराम की हवेली के स्थानीय दुकानों से निकलने वाले धुंए के कारण काले पड़ चुके प्रवेश द्वार पर थे. हवेली के मुख्य द्वार के साथ लगे कमरे में मिठाई तैयार की जा रही थी तो तस्वीर में मेरे साथ खड़े सज्जन दौड़कर, स्नेह व आदरपूर्वक एक दोने में कई तरह की मिठाई ले आये.

हवेली के परिवर्तित रूप में हवेली के पुराने निर्माण को इंगित करने में में वहां उपस्थित लोगों ने हमारा पूर्ण सहयोग किया. हवेली के प्रथम तल पर कई किरायेदार हैं और किराया !! वही सत्तर के दशक के आसपास तय.... मात्र 5-10 रूपया !

अब मूल विषय पर आता हूँ. साथियों, मुग़ल काल के अंतिम दौर में मुग़ल स्थापत्य से बनी ये हवेली भवानी शंकर खत्री की थी, भवानी शंकर खत्री और मराठा योद्धा जसवंत राव बहुत अच्छे दोस्त थे और दोनों इंदौर के मराठा महाराजा यशवंत राव होल्कर के यहाँ सेवाएं देते थे, 1776 में जन्मे महाराजा होल्कर की वीरता पर इतिहासकार एन.एस ईमानदार ने उन्हें भारत का नेपोलियन भी कहा है. महाराजा होल्कर ने अंग्रेजों को कई युद्धों में हराया था और एक बार तो 300 अंग्रेज सिपाहियों की नाक काट दी थी. उनकी वीरता व प्रचंडता से भयभीत अंग्रेज उनको परास्त करने के लिए दूसरे राजाओं को अपने पक्ष में कर योजनायें बनांते रहते थे.

11 सितम्बर 1803 को मराठों ने सिंधिया के नेतृत्व में दिल्ली पटपडगंज इलाके में अंग्रेजों और मराठों का द्वितीय युद्ध हुआ. भवानी शंकर ने मराठों से गद्दारी की और अंग्रेजों का साथ दिया, इतिहास में पटपडगंज युद्ध से प्रसिद्ध इस युद्ध में मराठा परास्त हुए और पुरस्कार के तौर पर भवानी शंकर को दिल्ली में जागीर और ये हवेली दी गयी.

जब 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दिल्ली के नागरिक अंग्रेजों के खिलाफ, बादशाह जफ़र के प्रति अपनी वफादारी जतला रहे थे तब स्थानीय लोगों ने इस हवेली का नाम नमक हराम की हवेली रख दिया जब भी भवानी शंकर गलियों से गुजरता लोग उसे नमक हराम होने का ताना देते .. तंग आकर कारण भवानी शंकर ने ये हवेली बेच दी थी.

ऐतिहासिक स्थान हमें कुछ न कुछ शिक्षा अवश्य देता है. इस हवेली और अन्य ऐतिहासिक दस्तावेजों से आसानी से इस निर्णय पर पहुंचा जा सकता है कि विदेशी आक्रमणकारी अपनी सैन्य शक्ति की अपेक्षा देश में रहने वाले गद्दारों के बल पर भारत को लूटने व यहाँ अपनी बादशाहत कायम रहे..

मैं इतिहासकार नहीं.. सम्बंधित स्थान पर रहने वाले लोगों और अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी को साझा करता हूँ.. उद्देश्य सिर्फ ये होता है कि हम अपने अतीत को जानें - समझें - सीख लें ..


(श्री विजय दियारा के ब्लॉग से साभार)

rajnish manga 04-12-2017 12:51 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
Kutta (Karnataka) कुत्ता (कर्नाटका)

Kutta is a small border town in the Kodagu (Coorg) district of Karnataka. Kutta is a destination that is a mix of forests and plantations in Coorg. A border town between Karnataka and Kerala, Kutta is part of Coorg, nestled deep inside the Western Ghats at the southern end of the coffee country. Yet for the usual visitors to Coorg in monsoons, it rarely fits into their tourist itinerary, leaving it a virtually unexplored territory.

A decade ago, we were driving from Mysore and had decided to take the longer route through the Nagarhole forest to reach Madikeri. Kutta greeted us on the way and we fell so much in love with the pretty nondescript town that we decided not to head any further.


rajnish manga 04-12-2017 12:59 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
Kutta (Karnataka) कुत्ता (कर्नाटका)


http://4.bp.blogspot.com/-r8ANWs_Xjs...meen+Ahmed.jpg
कुत्ता गाँव के नज़दीक राजीव गाँधी (नागराहोल, कर्नाटका) नेशनल पार्क जाने के रास्ते पर लगा बोर्ड

rajnish manga 04-12-2017 01:05 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
Kutta (Karnataka)
कुत्ता (कर्नाटका)


rajnish manga 04-12-2017 01:22 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
चुटिया (रांची, झारखंड)
CHUTIA (Ranchi, Jharkhand)


rajnish manga 04-12-2017 01:43 PM

Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
 
काला बकरा (भोगपुर, जालंधर)
Kala Bakra (Bhogpur, Jalandhar)

https://st2.indiarailinfo.com/kjfdsu...3313371941.jpg

Kala Bakra Railway Station is Located in Punjab, Jalandhar, Bhogpur. It belongs to Northern Railway, Firozpur Cant . Neighbourhood Stations are Alawalpur,Dhogri, Near By major Railway Station is Jalandhar City and Airport is Ludhiana Airport .


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