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-   -   बेचारा दिल जो धड़कता था.... (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=3098)

Dr. Rakesh Srivastava 24-07-2011 01:54 PM

बेचारा दिल जो धड़कता था....
 
इक हसीं हादसे से , इस कदर दो - चार हुआ ;
बेचारा दिल , जो धड़कता था , तार - तार हुआ .
दिल के आईने में , पहले भी , तुम्ही तुम थे बस ;
जितने टुकड़े किये , सबमें तू नमूदार हुआ .
हुस्न के दर पे , शहादत का यकीं है सबको ;
काफिला इश्क का , फिर भी सदा गुलज़ार हुआ .
खुद अपने क़त्ल की , परवाह भला है किसको ;
फ़िक्र तेरी , तेरा दामन , जो दागदार हुआ .
कितने जज़्बात ले के ,दिल में , दर ब दर भटका ;
मगर अफ़सोस ,एक भी न खरीदार हुआ .
बड़े ही सब्र से ,जो पत्थरों को गढ़ लेते ;
उन्ही के दम पे , मोहब्बत का कारोबार हुआ .
ज़िक्र होता जो , हुस्नो इश्क का , हरदम साझा ;
इश्क ही क्यों , सरे बाज़ार , गुनहगार हुआ .
तरस रहे हैं , मेरे कान , ये सुनने के लिए ;
कभी तो बोलेगा , तू खुद से शर्मसार हुआ .
कल तलक आईना , जिनको ख़ुदा बताता था ;
आज उनकी नज़र में , आईना गद्दार हुआ .
इश्क इक सोंच , अमर रूह सा , भटका है सदा ;
हुस्न बस जिस्म है , ये खुद फ़ना हर बार हुआ .


रचनाकार~~ डॉ. राकेश श्रीवास्तव
लखनऊ , इंडिया .
( शब्दार्थ ~~ नमूदार = प्रकट , फ़ना = नष्ट )

YUVRAJ 24-07-2011 04:03 PM

Re: बेचारा दिल जो धड़कता था....
 
वाह ... गजब का लिखते हैं आप ... मिज़ाज मस्त हो जाता है ...:clap:

sach_mishra 24-07-2011 04:34 PM

Re: बेचारा दिल जो धड़कता था....
 
वाह क्या बात है .....बहुत अच्छा लिखते है आप .....कुछ और इंतज़ार है .....

Nitikesh 27-07-2011 05:49 AM

Re: बेचारा दिल जो धड़कता था....
 
वाकई में आप हमारे फोरम के नगीना है.
अभी अटक आपकी सारी कविता मुझे पसंद आई है.
धन्यवाद

Bhuwan 27-07-2011 10:49 PM

Re: बेचारा दिल जो धड़कता था....
 
Quote:

Originally Posted by Nitikesh (Post 95611)
वाकई में आप हमारे फोरम के नगीना है.
अभी अटक आपकी सारी कविता मुझे पसंद आई है.
धन्यवाद

बिलकुल सही कहा नितिकेश जी, और सारी कविताएँ एक से बढ़कर एक हैं.
तारीफ के काबिल.:bravo::bravo:

MANISH KUMAR 03-08-2011 06:51 PM

Re: बेचारा दिल जो धड़कता था....
 
Quote:

Originally Posted by Dr. Rakesh Srivastava (Post 95592)
इश्क इक सोंच , अमर रूह सा , भटका है सदा ;
हुस्न बस जिस्म है , ये खुद फ़ना हर बार हुआ .

:iloveyou::iloveyou::iloveyou::iloveyou:
यहाँ अच्छी खासी महफ़िल जमी है, हम पता नहीं कहाँ भटक रहे हैं.
:bravo::bravo:


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