उपन्यास: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
हत्यारी पिस्तौल की तलाश अक्टूबर 1973 में अमरीका के महानगर सान फ्रांसिस्को में हत्याओं का जो क्रम शुरू हुआ वह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. सारे अमरीका में इन घटनाओं का आतंक छा गया था. अपने समय की इन सनसनीखेज हत्याओं की तह तक पहुँचने के लिए पुलिस अधिकारियों तथा जासूसों द्वारा क्या हथकंडे अपनाए गये और कैसे वह अपने लक्ष्य तक पहुँच पाये, यही सबकुछ रोंगटे खड़े कर देने वाली इस निम्नलिखित सच्ची रहस्य-कथा में बताया गया है. |
Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
हत्या की पहली वारदात 20 अक्टूबर 1973 को घटी थी. शाम का समय था और कोहरा नर्म, भीगी हुई रुई की तरह, प्रशांत महासागर से उठा तथा सान फ्रांसिस्को खाड़ी के दूसरी ओर स्थित ओकलैंड से जोड़ने वाले पुल और गोल्डन गेट, जो सान फ्रांसिस्को को मॉरीन काउंटी से जोड़ता है, को अपनी लपेट में लेने लगा था. आसपास के रिहायशी इलाके में इसने गुजरते हुये वाहनों की ध्वनि को जैसे दबा लिया था. परन्तु महानगर का शांत और अलसाया नॉर्थ बीच नामक जिला बिलकुल शांत नहीं था और चहल-पहल और गहमा-गहमी का अड्डा बना हुआ था. अपने छोटे-छोटे वस्त्रों वाली महिला कर्मचारियों से युक्त वहां के शराब-घर और पोर्नो-शॉप्स नमीं वाली रात के बावजूद अच्छा ख़ासा कारोबार कर रही थीं.
रात्रि 9.30 बजे से कुछ पहले, एक युवा विवाहित युगल जिनका नाम क्वायिटा और रिचर्ड हेग था और जो नॉर्थ बीच खंड के बाहरी किनारे पर रहते थे, अपना रात का खाना खत्म करने के बाद बाहर सैर पर जाने की तैयारी करने लगे. किनारे वाली शांत गलियों को तरजीह देते हए वे नॉर्थ बीच के निओन लाईटों के जंगल से निकल कर छोटे-छोटे रेस्त्राओं और बढ़ा दी गयी दुकानों के पास से गुज़रते हए वे वहां के वित्तीय जिले की ओर अग्रसर हए. वे अभी थोड़ी दूर ही गये होंगे कि उन्होंने कुछ आगे गहरे मटियाले रंग की एक वैन को सड़क के किनारे खड़े हए देखा. वैन के पास दो युवा नीग्रो, जिनमे से एक ने सिर मुंडाया हुआ था और स्पोर्ट्स शर्ट पहन रखी थी और दूसरे ने एक बढ़िया सूट पहन रखा था, लकड़ी के एक तख्ते से लग कर खड़े हए थे जबकि एक अन्य व्यक्ति वैन में बैठ कर इंतज़ार कर रहा था. जैसे ही हेग दंपत्ति वहां पहुंचे, गंजे वाले नीग्रो को अगली सीट से एक पिस्तौल थमाई गई. उसने इसे छिपा लिया. जैसे ही युवक और युवती वैन के करीब आये, वह आगे आया और उनका रास्ता रोक लिया. |
Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
“हमें तंग करने की कोशिश मत करना,” उसने रिचर्ड हेग से कहा, ”तुम और तुम्हारी पत्नि चुप-चाप हमारी गाड़ी में बैठ जाओ.” भयभीत हो कर क्वाईटा हेग मुड़ कर भागी.
“अच्छा होगा अगर तुम मुड़ कर आ जाओ,” गंजे आदमी ने उसे आवाज लगाते हए कहा, “मैं इसे (रिचर्ड को) मार दूंगा. मैं झूठ नहीं बोलता.” वह मुड़ कर आ गयी. किसी ने स्लाइडिंग दरवाजे को बंद कर दिया, और हेग दंपत्ति को वैन के अन्दर धकेल दिया गया जहां गुदड़े हए कपड़े और कार्ड बोर्ड की किनारियाँ रखी हुई थीं. क्वाईटा के हाथ उसकी पीठ की तरफ कस के बाँध दिये गये. उसका चेहरा फर्श की ओर दबा हुआ था. अन्धकार में कहीं निकट ही अगुवा करने वालों ने उसके पति को मार-मार कर बेहोश कर दिया था. वैन चली जा रही थी. यह मुख्य सड़क के एक ओर किसी जगह रुकी, दरवाजा झटके से खुला और क्वाईटा हेग को गाड़ी से बाहर खींचा गया. एक क्षण के उपरान्त एक भारी धारदार हथियार की सीटी जैसी आवाज हुई और उसका सिर धड़ से लगभग अलग हो गया. हत्यारा रुका, फिर उसने उसकी शादी की अंगूठी झटक कर उतार ली. इस बीच एक अन्य कार आ कर खड़ी हो गयी, जिसमे से कैमरे के फ्लेश की चमक व आवाज उत्पन्न हए. उस रात ठीक ग्यारह बजे, सान फ्रांसिस्को पुलिस को एक टैक्सी-चालक का टैलीफोन प्राप्त हुआ. उसने बताया कि उसकी टेक्सी में एक घायल सवारी है जिसे बुरी तरह मारा पीटा गया था और जो कहता था कि उसे अगुवा किया गया था. उसने कहा कि उसे मरा समझ कर छोड़ दिया गया था. उसकी पत्नि का अभी तक कुछ पता नहीं. |
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good start
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चाकू से उसे बुरी तरह गोद दिया गया था. रक्त-स्राव होता रहा, फिर भी रिचर्ड हेग किसी प्रकार बच गया. अभी वह पुलिस को अपना बयान दे पाने की स्थिति में नहीं था कि पुलिस ने उस जगह का ठीक ठीक पाता लगा लिया जहां हमला किया गया था. यह स्थान था पोर्ट रीरो जिले में स्थित एक सुनसान और उजाड़ रेलवे यार्ड. और वहां, जंग लगी हुई पटरियों के परे, उन्हें क्वाईटा हेग की लाश बरामद हो गयी. इस दृष्य को देख कर कठोर से कठोर ह्रदय वाले पुलिस अधिकारी भी द्रवित हए बिना न रहे और उन्होंने उधर से मुंह फेर लिया.
बाकी रात तेज कृत्रिम रौशनी में काम करने और फिर अगले दिन की कार्यवाही के दौरान गुप्तचरों ने सुबूत ढूंढने की असफल कोशिश की. रिचर्ड हेग ही उनका एकमात्र गवाह था, और वह यार्ड की ओर जाते हुये बेहोश ही रहा. इस पर भी उसने हमलावरों का एक धुंधला सा हुलिया बयां किया था. फिर भी सान फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में शायद ऐसे हजारों अश्वेत मिल जायेंगे जो उस हुलिए से मेल खाते थे. हत्यायें, वह भी क्वाईटा हेग की तरह निर्मम व क्रूर, सान फ्रांसिस्को के लिए कोई अनहोनी बात नहीं थी. पुलिस साल भर में औसतन करीब 120 हत्याओं की जांच करती थी. किन्तु निर्ममता के अतिरिक्त भी कुछ ऐसा था जिसने जासूसों को अन्य केसों की तुलना में अधिक उलझा दिया था. यह हत्या का एक ऐसा केस था जो पूर्वनियोजित नहीं कहा जा सकता था. सभी संकेत इसे एक आदत के वशीभूत किया गया कृत्य बता रहे थे. और आदत के वशीभूत किये गये काम को दुबारा किये जाने की संभावना भी बनी रहती है. गुप्तचरों को ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा. और इस बार एक नया किरदार अपना खूनी खेल शुरू करने वाला था – यह थी .32 केलिबर की स्वचालित बेरेटा पिस्तौल. |
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खतरनाक गिनती .
मुश्किल से एक माह गुजरा होगा कि 25 नवम्बर को सुबह 11 बजे, 53 वर्षीय फिलिस्तीनी दुकानदार सलीम ईराकत की उसके भोजनालय में ही हत्या कर दी गयी. उसके हाथ उसकी पीठ के पीछे बाँध दिये गये थे. उसे एक गोली मारी गयी थी, दाहिने कान के ऊपर, सजा देने वाले पुराने अंदाज में. लगभग 1000 डॉलर गायब था, पुलिस ने अनुमान लगाया कि यह डकैती का एक केस है. परन्तु अन्य गुप्तचर इतने विश्वास से नहीं कह सके. चश्मदीद गवाहों के विवरण से आशंका एक पुरातनपंथी पौशाक में एक अच्छे खासे अश्वेत की ओर होने लगी. उसका हुलिया एक आम लुटेरे से मेल नहीं खा रहा था. वहां तीन सबूत थे - .32 केलिबर की गोली जो सलीम ईराकात के मस्तिष्क से बाहर निकल गयी, .32 केलीबर की गोली का बाहरी खोल जो स्वचालित पिस्तौल के चलते ही गिर पड़ा, और दरवाजे के अन्दर वाले हैंडल पर एक हाथ के निशान. परन्तु हथियार के बिना, संदिग्ध व्यक्ति के बिना ये सबूत किसी काम के नहीं थे. कुछ दिन बीते कि तब दिसम्बर माह की 11 तारीख को रात 9.47 पर पॉल डैन्सिक नामक व्यक्ति दोराहे पर स्थित एक तैलिफोने बूथ में दाखिल हुआ. बूथ बिजली के बल्ब की रोशनी से प्रकाशित था. उसने कुछ सिक्के डाले और नंबर डायल करने लगा. दूसरी ओर से उत्तर मिलने पर बातचीत होने लगी. केकिन वह अपनी बात पूरी न कर पाया. एक के बाद तीन गोलियां चलीं और डैन्सिक वहीँ फुटपाथ पर ही ढेर हो गया. गोलियां उसकी छाती में मारी गयी थीं. क्षणभर में ही उसके प्राण पखेरू उड़ गये. खोजियों द्वारा फूटपाथ से गोलियों के तीन खोल बरामद कर लिए गये. ये सभी .32 केलिबर ऑटोमैटिक द्वारा छोड़े गये थे. जो डैन्सिक के शरीर से निकली गोलियों के बाहरी खोल थे. परीक्षणों द्वारा यह जल्द ही साबित हो गया कि गोलियां उसी पिस्तौल से दागी गयी थीं, जिसने सलीम ईराकात की इहलीला समाप्त कर दी थी. महत्वपूर्ण बात यह थी कि प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा हत्यारों का वर्णन दो सजे-धजे अश्वेतों के रूप में किया गया था. |
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दो दिन बाद, 13 दिसम्बर को, सान फ्रांसिस्को के दो अन्य नागरिक रात 8 और 10 बजे के बीच अकारण गोलियों से भून दिये गये. 31 वर्षीया मारियेटा डी गिरालेमो की छाती में .32 केलिबर की तीन गोलियां झोंक दी गयीं. वह उसी क्षण निर्जीव हो कर धरती पर गिर पड़ी. ऑर्थर एग्नौस, जिसे उसी रात पहले गोली मारी गयी थी, छाती में तीन तीन ज़ख्मों के बावजूद बच गया. इस बार भी हमलावरों का हुलिया और हथियार का वर्णन पूर्व की भांति ही पाया गया. परन्तु पुलिस द्वारा हमलावरों को पकड़ने की तमाम कोशिशों के बावजूद हादसे जारी रहे.
दिसम्बर 20, 81 वर्षीय ऐलेरियो बर्ट औक्सियो जैसे अशक्त और निरीह बूढ़े को बिलकुल नज़दीक से चार गोलियां दाग कर मार डाला गया. पोस्ट-मार्टम में .32 केलिबर की गोलियां बरामद हुयीं. हमलावरों का हुलिया – एक छरहरा, उत्तम वस्त्रधारी अश्वेत. दो घंटे पश्चात, टेरीज़ा डी मार्टिनी नामक एक स्त्री की छाती और पेट में तीन गोलियां झोंक दी गईं - .32 केलिबर ऑटोमैटिक द्वारा. किसी प्रकार वह बच जाती है. दिसम्बर 22, कौन जानता था कि 19 वर्षीय नील मोयनीहन के जीवन में अब क्रिसमस कभी नहीं आएगा. रात सवा आठ बजे अपनी गली में चहल-कदमी करते हए, उसकी गर्दन, छाती व चेहरे पर चार चार बार गोली चलाई जाती है. उसके हत्यारों ने इतने निकट से गोली चलाई थी कि उसकी त्वचा पर जलने के निशान उभर आये. इसके एक मिनट से भी कम समय पश्चात 65 वर्षीय मिल्ड्रेड होस्लर छाती पर चलाई गई .32 केलिबर की गोलियों के चार चार घावों के फलस्वरूप चल बसा. |
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दिसम्बर 24, शाम चार बजे एक लड़की अपने कुत्ते को समुद्र-तट पर घुमाने लायी तो उसने एक अजीब चीज देखी. उसने लहरों से करीब 12 मीटर दूर रेत पर एक सिर-विहीन, भुजा-विहीन और टांग-विहीन लाश को पड़ा देखा. धड़ वाले हिस्से को मोटे प्लास्टिक से लपेट कर ऊपर से रस्सी से बाँध दिया गया था. शिनाख्त असंभव थी. क्या इसका सम्बन्ध भी अन्य हत्याओं से जोड़ा जा सकता था? पुलिस के पास यह पाता लगाने का कोई ज़रिया नहीं था.
जनवरी 28, एक माह से अधिक की शान्ति के बाद, एक भयानक रात. कम से कम पांच व्यक्ति शहर भर में बन्दूक-धारियों का शिकार बन्ने वाले थे. ताना स्मिथ -32 वर्षीय सैक्रेटरी, हत्यारों का पहला शिकार बनी. वह बस-स्टॉप पर हुई गोली-बारी में मारी जाती है. कुछ मिनट पश्चात ही 69 वर्षीय पेंशनर विन्सेंट वोलिन गोलियों की बौछार में मारा जाता है. आज उसका जन्मदिन था. अगला शिकार है 80 वर्षीय बेघरबार जॉन बोम्बिक. वह .32 ऑटोमैटिक से मारा जाता है. उस समय वह कूड़ेदान में पड़ी चीजें टटोल रहा था. उसके बाद, 45 वर्षीया गृहणी जेन हौली को भी उस समय मौत के घाट उतार दिया जाता है जब वह सार्वजनिक सिक्का-चालित वस्त्र धुलाई केंद्र की कपड़े सुखाने वाली मशीन से अपने वस्त्रों को निकाल रही थी. इस रात का अंतिम शिकार बनती है रोक्सेन मैकमिलन जिसे अपने फ़्लैट में दाखिल होते समय रीढ़ पर गोली मारी गयी. एक आकर्षक युवती उम्र भर के लिये यूं लाचार हो जाएगी, किसे पाता था. कारण सर्वथा अज्ञात था. अगली सुबह तक अँधा-धुंध हमलों की ख़बरें संयुक्त राज्य अमरीका के कौने कौने में जा पहुँचती हैं. और सान फ्रांसिस्को महानगर जैसे आतंक के पंजों में जकड़ा हुआ शहर बन गया. शहर से बाहर की व्यापारिक संस्थाओं द्वारा बुलाये गये सम्मलेन एक के बाद एक ताबड़तोड़ अचानक रद्द कर दिये गये. सान फ्रांसिस्को के आमतौर पर खचाखच भरे रहने वाले रेस्तरां सुनसान रहने लगे. समझदार लोग घर में ही रहना पसंद करते. गृहणियों द्वारा अपनी दिनचर्या इस प्रकार बना ली गयी कि खरीदारी केवल दिन के उजाले में ही हो जाये. |
Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
nice story
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
प्रभावी कार्यवाही करने के लिए बढ़ती हुई मांग को देखते हए, मेयर जोज़फ़ ऐलियाटो ने शान्ति बनाये रखने के लिए एक अपील जारी की, और सान फ्रांसिस्को वासियों को यकीन दिलाया कि पुलिस यथा शक्ति हत्यारों की शिनाख्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है. इसके बावजूद इस प्रकार की अफवाहें सुनाई देने लगी थीं कि क्रुद्ध श्वेतों के समूह अपने आपको हथियारों से लैस कर रहे हैं अश्वेत लोगों से बदला लेने की योजना बना रहे हैं. (पुलिस रेडिओ नेटवर्क पर अंतिम और सबसे कम प्रयुक्त होने वाले बैंड- ज़ेड या ज़ेब्रा चैनल- को इस केस में इस्तेमाल किया गया ताकि पुलिस बल के विभिन्न विभागों के बीच संचार को गुप्त रखा जा सके. प्रेस द्वारा भी इस अक्षर को अपना लिया गया जिससे हमलों की चर्चा ज़ेब्रा शूटिंग्स के रूप में की जाने लगी).
वर्ष 1974 के फरवरी और मार्च महीनों में हमले थम गये. इस समय को पुलिस द्वारा अपने बलों को पुनर्गठित करने में इस्तेमाल किया गया. मार्च 22 को बुलाई गयी एक मीटिंग में, पुलिस प्रमुख डोनाल्ड स्कॉट ने हत्याओं की जांच कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों से मिल कर स्थिति का जायज़ा लिया. हत्यारों को पकड़ने की हरचंद कोशिशों के बावजूद – पुलिस यह पता लगा चुकी थी कि इन सभी हत्याओं के पीछे बंदूकधारियों का वही दल काम कर रहा था – लेकिन नतीजा शून्य था. वे इन हत्याओं की गुत्थी सुलझाने की दिशा में उतनी ही दूर जा पाए थे, जितना पहली घटना के बाद पहुंचे थे. यह स्पष्ट था कि उन्हें इन हत्याओं की जांच करने वाले एक कार्य-दल की जरूरत थी जो अन्वेषण को हर स्तर पर नियंत्रित कर सके, उसका समन्वय और मूल्यांकन कर सके. सामान्य परिस्थितियों में हत्या के किसी केस की जांच का काम दो इंस्पेक्टरों को सौंपा जाता है जो संयुक्त रूप से काम करते हैं. अब तक हत्याओं के 14 केस हो चुके थे जो जांच के लिए सौंप दिये गये थे जिसमे बहुत सी टीमें एक जैसे कामों पर पृथक पृथक काम कर रही थीं, अक्सर उनका आधार भी एक होता. यहां तक कि वे अपने उद्देष्यों के खिलाफ काम करते प्रतीत होते. नई टीम का नेतृत्व विभाग द्वारा हत्या मामलों के अपने दो सबसे अनुभवी विशेषज्ञ इंस्पेक्टरों को सौंपा गया. |
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