गीत- दुख हम सहते हजारों
गीत- पल भी न मिलता आराम
__________________________ पल न कभी मिलता आराम दुख हम सहते हजारों इक ही ये जीवन हे राम दुख हम सहते हजारों जबसे जनम होता' दुख हम पाते दुख ही बिछाते कि दुख हम खाते दुख से ही रिश्ते हैं आम दुख हम सहते हजारों- इक ही ये जीवन हे राम दुख हम सहते हजारों दुख एक छोड़े कई आ घेरे छटते कहाँ धोर ये अंधेरे होते हैं हर पल नाकाम दुख हम सहते हजारों- इक ही ये जीवन हे राम दुख हम सहते हजारों हमको किनारा दिखाए कोई डूबे हुए हैं बचाए कोई है सूझे सुबह नहीं शाम दुख हम सहते हजारों- इक ही ये जीवन हे राम दुख हम सहते हजारों जीवन का' आधा समय अब बीता सुख के लिए मन अभी तक रीता आगे क्या होगा अंजाम दुख हम सहते हजारों- इक ही ये जीवन हे राम दुख हम सहते हजारों गीत- आकाश महेशपुरी ००००००००००००००००००००००००००००००० पता- वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर, पोस्ट- कुबेरस्थान, जनपद- कुशीनगर. (उत्तर प्रदेश) 9919080399 नोट- मात्रा पतन ' चिह्न द्वारा दर्शाया गया है। |
Re: गीत- दुख हम सहते हजारों
Quote:
एक सुंदर गीत जिसमे जन-मन की व्यथा और जीवन के अधूरेपन की टीस साफ़ साफ़ उभर कर सामने आती है. शब्दों का प्रयोग प्रभावशाली है. धन्यवाद. |
Re: गीत- दुख हम सहते हजारों
आपकी अनमोल प्रतिक्रिया हेतु अत्यंत आभार!
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