My Hindi Forum

My Hindi Forum (http://myhindiforum.com/index.php)
-   Debates (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=29)
-   -   MyHindiForum की बेडियाँ! (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2316)

khalid 30-03-2011 08:59 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by sagar - (Post 66167)
अभिजी जारी रखो.... ताकि दोनों पक्ष का सही -२ पता चल सके

वैसे सागर भाई फोरम हित कहे या हिन्दी प्रेम के लिए अभिषेक जी और जितेन्द्र जी दोनो दोस्त हैँ बगैर विवाद करे एक बार फिर मिलकर आपस मेँ बैठ कर मामले को यही खत्म कर ले तो बेहतर हैँ अगर दोनो ऐसा नहीँ कर सकते हैँ तो मुझे हैरत होगा दोनो इतने साल तक कैसे एक दुसरे के दोस्त रहे या दोस्त होने का स्वाँग रचाते रहे हमलोग एक अच्छे माहौल के वजह से फोरम पर आते हैँ ताकी देश दुनिया के अलग अलग क्षेत्रो के सदस्यो के साथ स्वस्थ बाते कर सके अगर ऐसे ही विवाद चलता रहा तो जैसे एक एक कर के बहुत गुणी सदस्य निकल गए वैसे एक दिन बाकी बाकी सदस्य भी निकल जाएंगे जरुरी नहीँ हैँ की हम सैनिक के रुप मेँ हीँ देश सेवा कर सकते हैँ देश की सेवा के लिए किसी भुमिका की जरुरत नहीँ हैँ क्योँ की हम अपने देश से प्रेम करते हैँ वैसे अगर फोरम से प्यार करते हैँ तो बगैर पद के भी हम सभी एक दुसरे के मदत से और अच्छा कर सकते हैँ

sagar - 30-03-2011 09:15 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 66203)
वैसे सागर भाई फोरम हित कहे या हिन्दी प्रेम के लिए अभिषेक जी और जितेन्द्र जी दोनो दोस्त हैँ बगैर विवाद करे एक बार फिर मिलकर आपस मेँ बैठ कर मामले को यही खत्म कर ले तो बेहतर हैँ अगर दोनो ऐसा नहीँ कर सकते हैँ तो मुझे हैरत होगा दोनो इतने साल तक कैसे एक दुसरे के दोस्त रहे या दोस्त होने का स्वाँग रचाते रहे हमलोग एक अच्छे माहौल के वजह से फोरम पर आते हैँ ताकी देश दुनिया के अलग अलग क्षेत्रो के सदस्यो के साथ स्वस्थ बाते कर सके अगर ऐसे ही विवाद चलता रहा तो जैसे एक एक कर के बहुत गुणी सदस्य निकल गए वैसे एक दिन बाकी बाकी सदस्य भी निकल जाएंगे जरुरी नहीँ हैँ की हम सैनिक के रुप मेँ हीँ देश सेवा कर सकते हैँ देश की सेवा के लिए किसी भुमिका की जरुरत नहीँ हैँ क्योँ की हम अपने देश से प्रेम करते हैँ वैसे अगर फोरम से प्यार करते हैँ तो बगैर पद के भी हम सभी एक दुसरे के मदत से और अच्छा कर सकते हैँ

सच पूछे तो मुझे काफी दुःख हुआ ये विवाद देख कर मन करता हे की फोरम पर आना ही बंद कर दू क्या हम यहा पर लड़ने आते हे ! क्यू लड़ते हे हम वो भी पद पाने के लिए
मेरी नजरो में जितेन्द्र भाई का दर्जा और उचा हो जाता अगर वो इस पद पाने की दोड का परित्याग करते !
वो भी इतने एक अच्छे दोस्त होते हुए क्या यही दोस्ती होती हे दोस्ती का नाम होता एक दूसरे पर जान दे देना ना की एक पद पाने के लिए लडना !
:cryingbaby::cryingbaby: ये केसी दोस्त ये केसा प्यार

Sikandar_Khan 30-03-2011 09:20 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by abhisays (Post 66158)
जीतेन्द्र गर्ग जी यानी प्रशाशक बनाना चाहते हैं. सही है. लेकिन क्यों?

अचानक क्या हो गया भाई.
  • फोरम पर तुमारे दर्शन तो होते नहीं हैं?
  • vbulletin , php , mysql , आदि पर तुमने कुछ खास काम किया है नहीं.
  • ना तो फोरम के सदस्यों के बीच तुम लोकप्रिय हो.
  • चौपाल पर आज तक तुमने ६-७ प्रविस्तिया की है.
  • तुमारे अधिकतर बनाये हुए सूत्र फ्लॉप ही हुए हैं.
सवाल है क्यों बनाया जाये तुम्हे प्रशाशक????????????

अभिषेक जी
इतनी खामियां गिनाकर आप इनके अच्छे काम को नही भूल सकते हैँ |
फोरम के गेम जोन मे इनका ही हाथ है |
जो कि काफी सराहनीय कार्य है |भविष्य मे इस गेम के कारण अधिक से अधिक सदस्य जोडे जा सकते है |

abhisays 30-03-2011 09:27 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
दोस्तों जल्द ही फैसला होगा, पर्दा जल्द ही उठेगा. कौन सही है कौन गलत इसका फैसला जनमत से होगा.

अब यह फोरम किसी एक व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं है,

सभी सदस्य यहाँ महत्वपूर्ण हैं.

अगर जीतेन्द्र गर्ग अपना पॉइंट prove कर दे तो मैं इस्तीफा देने के लिए तयार हूँ.

Sikandar_Khan 30-03-2011 09:31 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by abhisays (Post 66161)
बात निकल ही आई है तो चलिए कुछ बातें हो जाये..

१. फोरम पर सबसे ज्यादा पोस्ट करने वाले हमसफ़र यानी संतोष जी से पंगा इन्ही ने किया था.
२. युवराज जी भी काफी अच्छा चल रहे थे, जितेंद्रगार्ग के कारण ही वो विवाद में पड़े और उन्हें हमें ना चाहते हुए भी बैन करना पड़ा.

और भी कई कहानिया है, जल्द ही सब सबूत समेत यहाँ पर होंगी.

इसका मतलब आप सदस्योँ के द्वारा किए गए अनैतिक कार्योँ को सही करार देते हैँ अगर कोई भी सदस्य फोरम के नियम भंग करता है
वो चाहे हमसफर , युवराज या मै खुद तो मेरे लिए भी कोई अलग नियम नही है |
नियामानुशार मुझ पर भी कार्यवाही होगी |
हमसफर या युवराज को छोड़कर किसी अन्य सदस्य से जितेन्द्र जी का कोई पंगा नही हुआ है |मै भी पिछले पांच महीनोँ से फोरम पर हूं लेकिन आजतक मेरा जितेन्द्र जी के साथ कोई भी पंगा नही हुआ है |

abhisays 30-03-2011 09:32 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by sikandar (Post 66213)
इसका मतलब आप सदस्योँ के द्वारा किए गए अनैतिक कार्योँ को सही करार देते हैँ अगर कोई भी सदस्य फोरम के नियम भंग करता है
वो चाहे हमसफर , युवराज या मै खुद तो मेरे लिए भी कोई अलग नियम नही है |
नियामानुशार मुझ पर भी कार्यवाही होगी |
हमसफर या युवराज को छोड़कर किसी अन्य सदस्य से जितेन्द्र जी का कोई पंगा नही हुआ है |मै भी पिछले पांच महीनोँ से फोरम पर हूं लेकिन आजतक मेरा जितेन्द्र जी के साथ कोई भी पंगा नही हुआ है |

पंगा क्यों हो.

प्रबंधन के सदस्यों को पंगो से बचना चाहिए. और जीतेन्द्र भाई इस क्षेत्र में बिलकुल ही नाकाम रहे हैं.

abhisays 30-03-2011 09:33 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by sikandar (Post 66210)
अभिषेक जी
इतनी खामियां गिनाकर आप इनके अच्छे काम को नही भूल सकते हैँ |
फोरम के गेम जोन मे इनका ही हाथ है |
जो कि काफी सराहनीय कार्य है |भविष्य मे इस गेम के कारण अधिक से अधिक सदस्य जोडे जा सकते है |

बिलकुल गेम खेलने में इनका ही हाथ है. दिन भर जो गेम खेलते रहते हैं.

Sikandar_Khan 30-03-2011 09:35 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 66203)
वैसे सागर भाई फोरम हित कहे या हिन्दी प्रेम के लिए अभिषेक जी और जितेन्द्र जी दोनो दोस्त हैँ बगैर विवाद करे एक बार फिर मिलकर आपस मेँ बैठ कर मामले को यही खत्म कर ले तो बेहतर हैँ अगर दोनो ऐसा नहीँ कर सकते हैँ तो मुझे हैरत होगा दोनो इतने साल तक कैसे एक दुसरे के दोस्त रहे या दोस्त होने का स्वाँग रचाते रहे हमलोग एक अच्छे माहौल के वजह से फोरम पर आते हैँ ताकी देश दुनिया के अलग अलग क्षेत्रो के सदस्यो के साथ स्वस्थ बाते कर सके अगर ऐसे ही विवाद चलता रहा तो जैसे एक एक कर के बहुत गुणी सदस्य निकल गए वैसे एक दिन बाकी बाकी सदस्य भी निकल जाएंगे जरुरी नहीँ हैँ की हम सैनिक के रुप मेँ हीँ देश सेवा कर सकते हैँ देश की सेवा के लिए किसी भुमिका की जरुरत नहीँ हैँ क्योँ की हम अपने देश से प्रेम करते हैँ वैसे अगर फोरम से प्यार करते हैँ तो बगैर पद के भी हम सभी एक दुसरे के मदत से और अच्छा कर सकते हैँ

मै आपके विचारोँ से पूर्णता सहमत हूँ |
अब जो भी फैसला हो जनमत का हो |
क्योँ कि जनता जर्नादन होती है |

khalid 30-03-2011 10:01 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
Quote:

Originally Posted by sagar - (Post 66208)
सच पूछे तो मुझे काफी दुःख हुआ ये विवाद देख कर मन करता हे की फोरम पर आना ही बंद कर दू क्या हम यहा पर लड़ने आते हे ! क्यू लड़ते हे हम वो भी पद पाने के लिए
मेरी नजरो में जितेन्द्र भाई का दर्जा और उचा हो जाता अगर वो इस पद पाने की दोड का परित्याग करते !
वो भी इतने एक अच्छे दोस्त होते हुए क्या यही दोस्ती होती हे दोस्ती का नाम होता एक दूसरे पर जान दे देना ना की एक पद पाने के लिए लडना !
:cryingbaby::cryingbaby: ये केसी दोस्त ये केसा प्यार

अभी तो फोरम पर पैसा नहीँ हैँ तो यह हाल हैँ अगर विज्ञापन से धडाडर अगर रुपया आने लगे तो हाथोँ मेँ टीपु सुल्तान की तलवार आजाऐँगे एक दुसरे के खिलाफ आप फोरम पर आना क्योँ बंद करेँगे सागर भाई और नायक भाई पहले अगर दोनो मेँ दोस्ती थी या हैँ तो जितेन्द्र जी ने कितने सदस्य से कहा हैँ की हमारी दोस्ती जय वीरु जैसी हैँ अब दोस्ती दुश्मनी होने जा रहा हैँ तो सब बाते बाहर आरही हैँ आपलोग बिंदास रहे

bhoomi ji 30-03-2011 10:19 AM

Re: MyHindiForum की बेडियाँ!
 
जितेन्द्र जी
जैसा कि अभिषेक जी ने कहा है कि ये फोरम पर प्रशाशक बनना चाहते हैं...और इनके द्वारा बनाये गए इस सूत्र से तो यही लगता है लेकिन हम कहते हैं क्यों??
....ये हमेशा ऑनलाइन रहते हुए भी पता नहीं कहाँ खोये रहते हैं...?
...क्या प्रबधन के सदस्य से यही उम्मीद की जाती है कि वो ऑनलाइन रहे और गेम खेलने में व्यस्त रहे..उनकी जिम्मेदारी कौन देखेगा?
...फोरम के किसी सदस्य से इनका कोई मेल जोल नहीं है...ऐसे में कैसे को सदस्य फोरम पर बना रहना चाहेगा जहाँ के प्रबंधन के सदस्यों से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिलता...
..सूत्रों पर विवादस्पद प्रविष्टि करना तो जैसे इनकी आदत सी हो गयी है...लाख समझाया कि अपनी गलती मानकर माफ़ी मांगो...लेकिन नहीं ये जिद पर अड़े रह कि में तो सही हूँ दुनिया चाहे जो कहे....
...क्या इनका कोई ऐसा सूत्र है जो फोरम पर काफी लोकप्रिय ना हो,,,जबकि ये तो फोरम पर शुरुआत से हैं...चलो लोकप्रिय ना सही....इन्होने जितने भी सूत्र बनाये हैं क्या ये उन पर अब भी प्रविष्टियाँ करते हैं???
...सूत्र बनाकर और उस पर एक दो प्रविष्टि करना...क्या यही एक फोरम के प्रबधन सदस्य की पहचान है...
ऐसे में कैसे ये कह सकते हैं कि इन्हें प्रशाशक बनाया जाय??


All times are GMT +5. The time now is 02:14 PM.

Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.