Re: पता नहीं बेटा
प्रवासी भारतीय पिता जी!हाँ, बेटा? पिता जी! अभी दो दिन पहले प्रधानमंत्री मनीला में भारतीय समुदाय के लोगों से कह रहे थे कि मैं भारत को ऐसा बना दूंगा कि आपको यहाँ आ कर गर्व होगा. हाँ, बेटा. वे सभी प्रवासी भारतीयों से यही कहते हैं. उन्हें अपने प्रयासों पर पूरा भरोसा व विश्वास है. तो पिता जी, क्या विदेशी पर्यटकों से मारपीट, महिला असुरक्षा, प्रदूषित पर्यावरण या एक फिल्म को ले कर हो रही गुंडागर्दी व मरने-मारने की धमकियों के समाचार सुन कर उन भारतीयों का सिर शर्म से नहीं झुक जायेगा? यह तो वक़्त ही बताएगा, बेटा. भारत के समाचार तो उन तक भी पहुँचते होंगे, पिता जी. पता नहीं, बेटा. |
Re: पता नहीं बेटा
भारत की क्रेडिट रेटिंग
पिता जी? हाँ, बेटा! कहो. पिता जी, अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने भारत की रेटिंग बेहतर कर दी है. यह विदेशी निवेशकों द्वारा भारत में निवेश के लिए सकारात्मक संकेत है. हाँ, यह तो है, बेटा. लेकिन पिता जी! दूसरी और कुछ समाज विरोधी तत्व 'पद्मावती' फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली तथा दीपिका पादुकोण का सिर काट कर लाने वाले को 5 करोड़ और 10 करोड़ रूपए का ईनाम देने की खुले आम घोषणा कर रहे हैं. तो ऐसे तत्वों द्वारा विदेशी निवेशकों को क्या संकेत मिल रहा होगा? पता नहीं, बेटा. |
Re: पता नहीं बेटा
गुजरात विधानसभा के चुनाव
पिता जी! हाँ, बेटा ? क्या गुजरात विधानसभा के चुनाव बगैर मुद्दों के लड़े जायेंगे, पिता जी ? तुम ऐसा क्यों कह रहे हो बेटा ? पिता जी, सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियाँ रोज नये नये हथकंडे अपना रहे हैं. राजनैतिक एजेंडा लापता है और ऊल-जलूल वाद-प्रतिवाद उछाले जा रहे हैं. लगता है नेता लोग चुनाव जीतने के अभियान में शिष्टता भूल गए हैं. बेटा, अच्छे खासे मुद्दे हैं- जैसे विकास, गरीबी उन्मूलन, किसानों के मसले, बेरोजगारी, उद्योगों में मंदी, महंगाई आदि. या राम मन्दिर, मंदिर दर्शन, सोमनाथ मंदिर के आगंतुक रजिस्टर में दर्ज एंट्री, जनेऊधारी हिन्दू, राहुल गाँधी की ताजपोशी, गोधरा के लिए माफ़ी, नीच आदमी आदि आदि? पता नहीं, बेटा!! |
Re: पता नहीं बेटा
विशेष अदालतें और नेताओं के केस
पिता जी! हाँ, बेटा? पिता जी, आज चारा घोटाले वाले एक केस में फ़ैसला आ गया जिसमे पटना की एक विशेष अदालत द्वारा लालू जी को दोषी पाया गया है. 3 जनवरी को सजा सुनाई जायेगी. बेटा, कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं. कोई कितना भी शक्तिशाली हो क़ानून की नज़र में सब एक है. तो पिता जी, सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा ए. राजा तथा कनिमोझी समेत 2g घोटाले के सभी अभियुक्त क्यों छोड़ दिए गए?? और मुंबई के आदर्श सोसाइटी मामले में अशोक चौहान को भी निर्दोष मान कर छोड़ दिया गया. ऐसा क्यों पिता जी?? कहीं इन लोगों को जान बूझ कर तो नहीं फसाया गया था?? पता नहीं बेटा!! |
Re: पता नहीं बेटा
बैंकों के बड़े घपले
पिता जी! हाँ, बेटा? विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विक्रम कोठारी के बाद अब भूषण स्टील के मालिक ब्रिज भूषण सिंगल से भी केन्द्रीय एजेंसियाँ उनके बैंक लोन के इस्तेमाल के बारे में पूछताछ कर रही हैं. एक साथ इतने केस कहाँ से आ गए, पिता जी? बेटा, जब बैंक वालों की नज़र में कोई गड़बड़ी आती है तभी वे इसकी रिपोर्ट रिज़र्व बैंक या पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा या सीबीआई से करती हैं. दरअसल, ये इन सभी खातों में एक दो बैंक नहीं बल्कि अनेक बैंकों की भागेदारी है. जब सभी बैंक इन खातों को खराब घोषित करते हैं, तभी इनके विरुद्ध कार्यवाही शुरू की जाती है. यह इत्तेफाक ही है कि एक साथ इतने बड़े खाते सामने आये हैं. पिता जी, ऐसा लगता है कि अब बैंकों की सख्ती के कारण और भी केस जो किनारे पर बैठे थे सामने आयेंगे और हजारों करोड़ रूपए की वसूली का मसला खड़ा हो जाएगा? पता नहीं बेटा! |
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