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-   -   अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें........... (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=9601)

parmindersinghaziz 05-11-2016 01:27 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
न जी भर के देखा, न कुछ बात की।
बड़ी आरज़ू थी मुलाकात की। (डा. बशीर बद्र)

parmindersinghaziz 05-11-2016 01:27 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 559562)
हमसफ़र आप जिसे अपना बना आये हैं
वो तो चाबी का खिलौना है चलेगा कितना

मुझको मिल जाये जो भगवान तो पूछूँ उससे
वो मुझे और परेशान करेगा कितना

(ज्ञानप्रकाश विवेक)


न जी भर के देखा, न कुछ बात की।
बड़ी आरज़ू थी मुलाकात की। (डा. बशीर बद्र)

rajnish manga 05-11-2016 06:48 PM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by parmindersinghaziz (Post 559791)

न जी भर के देखा, न कुछ बात की।
बड़ी आरज़ू थी मुलाकात की।
(डा. बशीर बद्र)


आपका स्वागत है, परमिंदर जी. आइये इस क्रम को आगे बढाते हैं:

कबीरा खड़ा बजार में, लिये लुकाठी हाथ
जो सर दे वे आपना, चले हमारे साथ

rajnish manga 17-07-2017 07:34 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by rajnish manga (Post 559798)
आपका स्वागत है, परमिंदर जी. आइये इस क्रम को आगे बढाते हैं:

कबीरा खड़ा बजार में, लिये लुकाठी हाथ
जो सर दे वे आपना, चले हमारे साथ

थकन को ओढ़ कर बिस्तर में जा के लेट गये
हम अपनी कब्र-ए-मुक़र्रर में जा के लेट गये

- मुनव्वर राणा

rajnish manga 03-12-2018 08:48 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
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Originally Posted by rajnish manga (Post 561453)
थकन को ओढ़ कर बिस्तर में जा के लेट गये
हम अपनी कब्र-ए-मुक़र्रर में जा के लेट गये

- मुनव्वर राणा

न ही कुछ ले के आये थे न ही कुछ ले के जाना है
ये मिट्टी का बदन भी तो यहीं पर छोड़ जाना है

(स्वरचित)

rajnish manga 05-12-2018 11:23 AM

Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 564303)
न ही कुछ ले के आये थे न ही कुछ ले के जाना है
ये मिट्टी का बदन भी तो यहीं पर छोड़ जाना है

(स्वरचित)

हर्फ़ लिखने से गए, शे'र सुनाने से गए
ऐसे हम तुझमें हुए गुम, कि ज़माने से गए

(अज्ञात)


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