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-   -   मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2415)

saajid 06-04-2011 04:48 PM

मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
भइया बड़ी कुत्ती चीज है, यह एच०टी०एम०एल० का खेला, यह तो पूरी हाकी है , इसमें क्रिकेट बाई चांस एंड विन बाई लक की कोई ग़ुंज़ाइश नहीं लहा सकते, भाय ! यह हाकी नहीं,कि पदो भी अउर जीतो भी ! :crazyeyes:

khalid 06-04-2011 05:02 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
आगे क्या हुआ फैज भाई कुछ और ज्ञान दे

saajid 06-04-2011 05:52 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
दरअसल हुआ यह कि कुछ विद्ध्वंसकारी तत्व हमारे फोरम को अपहृत करने में कामयाब हो गये , गूगल बाबा खौखिया कर दौड़े ‘ यू हैव नो एडमिनिस्ट्रेटिव राइट्स ! ‘ हेल्प में गये तो उनको लगा कि बहुत दिन बाद कोई फंसा है, रात भर हमको रगड़ते रहे, कभी इहाँ- कभी उहाँ ! चंद्रकांता संतति की तरह एक लिंक से दूसरे फिर तीसरे फिर अनगिनत लिंक पर दौड़ाते रहे, बार बार रुक कर पूछ भी लेते ‘आर यू सैटिस्फाइड ?’

saajid 06-04-2011 05:53 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 71260)
आगे क्या हुआ फैज भाई कुछ और ज्ञान दे

लिख रहा हूँ मालिक पर प्रतिकिर्या का अकाल है:bang-head:
यहाँ और हम भी पुरे बेशर्म हैं :elephant:

और इस सूत्र को अन्यथा न ले :banalama:

saajid 06-04-2011 05:55 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
पर फिलहाल हमरे फोरम को रोटी कपड़ा वही देते रहे हैं सो कसमसा कर झेलते रहे उनकी पिंगल ! करइ बिचार करौं का भाई की तर्ज़ पर मेरा सोच विचार दो तीन दिन चलता रहा फिर तय किया कि अपना स्वयं का डोमेन होना चाहिये। सो, पड़ताल में लग गया

Nitikesh 06-04-2011 07:46 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
आगे भी लिखो बंधू........सो गए का

khalid 06-04-2011 08:33 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
Quote:

Originally Posted by thefaiz246 (Post 71318)
लिख रहा हूँ मालिक पर प्रतिकिर्या का अकाल है:bang-head:
यहाँ और हम भी पुरे बेशर्म हैं :elephant:

और इस सूत्र को अन्यथा न ले :banalama:

ओए प्राजी हम हैँ तो क्या गम हैँ
लगे रहो प्रतिक्रिया हम देँगे आप को

saajid 06-04-2011 08:52 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 

लेकिन कोई पट्ठा 15-1600 रुपये साल से कम में राज़ी होके न दिया । दूसरे यह भी डर था कि माते ने कहीं आडिट में पकड़ लिया तो यह कम्प्यूटरवा भी सीज़ हो जायेगा । लिहाज़ा तय किया चलो एक गुहार मदद की लगायी जाय ताकी सनद रहे

saajid 06-04-2011 08:54 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
ई ल्लेयो ! एकदम चुप्पी छा गयी जइसे हमने गब्बर दिखाय दिया फोरम वासियों को , पंद्रह कोस में पसरा सन्नाटा ! और भी भकुए हैं फोरमन में-हमारे सिवा गुनता गुनगुनाता बरहा पर टाइमपास कर रहा था कि हम होंगे कामयाब दिख गये, बस ठान लिया खुद्दै बनायेंगे हैकरसेफ

saajid 06-04-2011 08:56 PM

Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
 
अपने ‘फोरम को , कोसिस करने से का नहिं होता ! ई एचटीएमएल सरवा कौनो हौव्वा थोड़े है ? बिगड़ेगा तो बिगड़ जाय, कुछ दिन नहीं लिखेंगे अउर का ! अइसे भी तुमको पढ़बे कौन करता है :bang-head:?


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