नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
नेता जी जब मरने के बाद यमपुरी पहुंचे : |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
एक बार एक नेता जी मरने के बाद यमपुरी पहुंच गए, वहां यमराज ने उसका भव्य स्वागत किया, यमराज ने कहा इससे पहले कि मैं आपको स्वर्ग या नरक भेजूं पहले मैं चाहता हूं कि आप दोनों जगहों का मुआयना कर लें कि आपके लिए कौन सी जगह ज्यादा अनुकूल होगी! यमराज ने यमदूत को बुलाया और कहा कि नेता जी को एक दिन के लिए नरक लेकर जाओ और फिर एक दिन स्वर्ग घुमाकर फिर से मेरे पास ले आना :......... साभार :......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
यमदूत नेता को नरक में ले गया और नेता जी तो नरक की चकाचौंध देखकर हैरान रह गया चारों तरफ हरी-भरी घास और बीच में गोल्फ खेलने का मैदान, नेता ने देखा उसके सभी दोस्त वहां शांति से बैठे हैं और कुछ गोल्फ खेलने का आनंद ले रहे हैं, उन्होंने जब उसे देखा, तो वे बहुत खुश हुए और सब उससे गले मिलने आ गए और बीते हुए दिनों की बातें करने लगे पूरा दिन उन्होंने साथ में गोल्फ खेला, और रात में शराब और मछली का आनंद लिया! :......... साभार :......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
अगले दिन यमदूत नेता को स्वर्ग लेकर गया, जैसे ही वे स्वर्ग के द्वार पर पहुंचे स्वर्ग का दरवाजा खुला, नेता ने देखा रोशनी से भरा दरबार था स्वर्ग का! सभी लोगों के चेहरे पर असीम शांति कोई भी एक-दूसरे से बात नहीं कर रहा था, मधुर संगीत बज रहा था, कुछ लोग बादलों के ऊपर तैर रहे थे। नेता ने देखा सभी लोग यहां तो अपने-अपने कार्यों में व्यस्त हैं, नेता उन सभी को गौर से देख रहे थे। नेता ने बड़ी मुश्किल से एक दिन काटा! सुबह जब यमदूत उन्हें लेकर यमराज के पास पहुंचे तो यमराज ने कहा हां, तो नेताजी आपने अपना एक दिन नरक में गुजारा और एक दिन स्वर्ग में, अब आप अपने लिए स्थान चुनिए जहां आपको भेजा जाए? नेता ने कहा वैसे तो स्वर्ग में बड़ा आनंद है, शांति है फिर भी वहां मेरे लिए समय काटना मुश्किल है, इसलिए आप मुझे नरक भेजिए वहां मेरे सभी साथी भी हैं, मैं वहां आनंद से रहूंगा। फिर क्या था यमराज ने उसे नरक में भेज दिया! :......... साभार :......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
यमदूत नेता जी को लेकर जैसे ही नरक पहुंचा, तो वहां का दृश्य देखकर नेता जी हैरान रह गए। वहां आग लगी थी, चारों ओर कूड़े-करकट का ढेर था, उसने देखा उसके सभी दोस्त फटे हुए गंदे कपड़ों में कबाड़ इकट्ठा कर रहे थे, वो थोड़ा परेशान हुआ और तभी यमदूत ने डरावनी हंसी हंसते हुए कहा, नेताजी क्या हुआ? :......... साभार :......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
नेता ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कल जब मैं यहां आया था, तो यहां खूबसूरत परियां घूम रही थीं आगे गया तो घांस के हरे-भरे मैदान थे और मेरे सभी दोस्त गोल्फ खेल रहे थे, फिर हमने सांथ बैठकर मछली खाई थी और खूब मस्ती की थी! आज यहां पर आग लगी है, कूड़े- करकट के ढेर हैं और मेरे दोस्तों का तो हाल ही बुरा है और न ही वो खूबसूतर परियां हैं ! यमदूत हल्की सी हंसी के साथ- 'नेताजी कल तो हम चुनाव प्रचार पर थे, आज आपने हमारे पक्ष में मतदान किया है!' :......... साभार :......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
बहूत खूब चुनाव प्रचार अच्छा रहा
|
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
Quote:
प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
कई दिनों बाद उनका नंबर आया। वे रिसेप्शन पर पहुंचे, लेकिन रिसेप्शनिस्ट गायब थी। वे अंदर चले गए। वहां एक बड़ा-सा कैबिन बना हुआ था, जिसके बाहर लटक रही नेमप्लेट पर लिखा हुआ था- चित्रगुप्त। महाशय सीट पर नहीं थे। अलबत्ता एसी ऑन था। सीटों से और भी कई लोग नदारद थे। किससे पूछें, सोच ही रहे थे कि सामने से एक सुंदर-सी अप्सरा आती दिखाई दी। मन में कुछ लालसा उठी, लेकिन दबाते हुए पूछा, ‘साहब, कब मिलेंगे?’ ‘अभी लंच है, दिखता नहीं क्या!’ अप्सरा ने रुखा-सा जवाब दिया। उन्होंने दायीं तरफ देखा तो एक टीवी-सा चलता नजर आया। उन्होंने सोचा, चलो कुछ देर टीवी पर टाइम पास करते हैं। लेकिन वह टीवी नहीं था, बल्कि उस पर धरती से लाइव टेलीकास्ट हो रहा था। वे पहचान गए। यह तो उनका ही शहर था, जिसके वे नेता हुआ करते थे। लेकिन एक हादसे में ऊपर पहुंच गए। कैमरे का फोकस उनकी पार्टी के दफ्तर पर था। उनकी बड़ी-सी फोटो पर फूलमाला लटकी हुई है, अगरबत्तियां जल रही हैं। कोने में उनके दो खास पट्ठे बैठे हुए थे, जिन्होंने राजनीति में उनकी नि:स्वार्थ भाव से सेवा की थी। ऐसा नेताजी का मानना था। ‘मेरे जाने के बाद दोनों जरूर मुझे मिस कर रहे होंगे और चुनाव को लेकर चिंतित हो रहे होंगे, यह सोचते हुए उन्होंने स्पीकर ऑन कर दिया। ‘बुढ़वू के जाते ही हवा अपने पाले में आ गई गुरु! सहानुभूति वोट मिलना तय है।’ पहले वाला बोला। ‘सही टाइम पर खिसक गया, नहीं तो जमानत जब्त होनी तय थी। अपने भी करियर की वाट लग जाती।’ दूसरा बोला। सुनते ही नेताजी का दिल धक्क रह गया। इस बीच, अब कैमरा उनके बंगले में पहुंच गया था। धर्मपत्नी रो रही थी। सालियां पास में ही बैठी हुई थीं, ‘दीदी, बहुत बुरा हुआ, अब आपका क्या होगा!’दीदी - ‘होनी को कौन टाल सकता है! वैसे भगवान ने सोच-समझकर ही किया होगा। उनके साथ मुझे भी सादगी दिखानी पड़ती थी। घर में फॉरेन ब्रांड्स की कितनी चीजें हैं, पर कुछ पहनने-ओढ़ने दें तब ना। विरोधियों की ज्यादा चिंता थी। मैं तो तंग आ गई थी।’ और फिर आंसू बह निकले। वैसे ही आंसू, जैसे नेताजी बहाते थे।तभी यमलोक का कैमरा बेटे की तरफ गया। उसे उनकी जगह टिकट मिल गया था। वह अपने खास मित्र से कुछ कह रहा था। ‘बप्पा जीते-जी विरासत छोड़ जाते तो क्या बिगड़ता! लेकिन कुर्सी से इतना मोह कि क्या बताएं! इसलिए मुझे ही कुछ करना पड़ा।’‘तो क्या, वह हादसा नहीं था?’मित्र अचरज से बोला। ‘नहीं भाई, राजनीति में सब जायज है।’बेटा मुस्कुरा दिया। नारे लग रहे थे- ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा, बप्पा तेरा नाम रहेगा।’ बेटा भी नारे लगाने वालों में शामिल हो गया था।और उधर यमलोक में नेताजी को रह-रहकर दौरे पड़ रहे थे :......... ए. जयजीत : दैनिक भास्कर के सौजन्य से :......... |
Re: नेता जी जब यमपुरी पहुंचे :.........
यमदूत एक नेताजी को अपने साथ ले जाने धरती पर पहुंचे। यमदूत : चल बेटे , तेरा समय खत्म हुआ ! नेताजी : नहीं , यमदूत जी अभी फेसबुक अपडेट कर रहा हूं! (थोड़ा रुक कर हंसकर ) अच्छा, आप तो बहुत दयालू हैं, क्या आप मेरी आखिरी इच्छा भी नहीं पूरी करेंगे ? यमदूत : अवश्य , बोल क्या है तेरी आखिरी इच्छा ? नेताजी : मैं चाहता हूं कि ऊपर चलने से पहले आप मेरे साथ एक बार पिज्जा खाएं और कॉफी पिएं। यमदूत : ठीक है। नेताजी ने चुपके से कॉफी में नींद की गोलियां मिला दीं, जिससे यमदूत को कॉफी पीकर नींद आ गई। फिर नेताजी ने फटाफट यमदूत की लिस्ट से अपना नाम ऊपर से हटा कर आखिर में जोड़ दिया। बाद में नींद से उठकर यमदूत बोले : पुत्र, तूने मुझे पिज्जा खिलाकर और कॉफी पिलाकर आज खुश कर दिया। अब मैं, अपनी लिस्ट ऊपर के बजाए नीचे से देखना शुरू करूंगा :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से :......... |
All times are GMT +5. The time now is 07:21 PM. |
Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.