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rajnish manga 25-06-2018 11:44 PM

Re: इधर-उधर से
 
नवाब वाजिद अली शाह (1822-1887) की प्रसिद्ध ठुमरी :

बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाये,
बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाये

चार कहर मिल मोरी डोलिया सजावें,
मोरा अपना बेगाना छूटो जाये।
बाबुल मोरा नैहर छूटो जाये

अंगना तो पर्बत भयो और देहरी भयी बिदेस,
ले बाबुल घर आपनो मैं चली पिया के देस,
बाबुल मोरा नैहर छूटो जाये...

पंडित भीमसेन जोशी, बेगम अख्तर, गिरिजा देवी और शोभा गुर्टु, किशोरी अमोनकर से लेकर कुन्दन लाल सहगल, जगजीत सिंह- चित्रा सिंह ने राग भैरवी की इस ठुमरी को अपने स्वर दिए | कहते हैं .. ठुमरी और कत्थक के जन्मदाता नवाब वाज़िद अली शाह इसी को गाते हुए अवध रियासत से निर्वासित हुए थे | वही दर्द और पीड़ा इन पंक्तियों में है ...

rajnish manga 28-06-2018 07:46 PM

Re: इधर-उधर से
 
अभिमान और नम्रता
------------------
एक बार नदी को अपने पानी के प्रचंड प्रवाह पर घमंड हो गया नदी को लगा कि ...
मुझमें इतनी ताकत है कि मैं
पहाड़, मकान, पेड़, पशु, मानव आदि सभी को बहाकर ले जा सकती हूँ
एक दिन नदी ने बड़े गर्वीले अंदाज में समुद्र से कहा ~ बताओ ! मैं तुम्हारे लिए क्या-क्या लाऊँ ?
मकान, पशु, मानव, वृक्ष जो तुम चाहो, उसे ...मैं जड़ से उखाड़कर ला सकती हूँ.
समुद्र समझ गया कि ...
नदी को अहंकार हो गया है
उसने नदी से कहा ~यदि तुम मेरे लिए कुछ लाना ही चाहती हो, तो ...थोड़ी सी घास उखाड़कर ले आओ.
नदी ने कहा ~ बस ... इतनी सी बात. अभी लेकर आती हूँ. नदी ने अपने जल का पूरा जोर लगाया पर ... घास नहीं उखड़ी नदी ने कई बार जोर लगाया*,लेकिन ...असफलता ही हाथ लगी आखिर नदी हारकर ... समुद्र के पास पहुँची और बोली ~ मैं वृक्ष, मकान, पहाड़ आदि तो उखाड़कर ला सकती हूँ. मगर जब भी घास को उखाड़ने के लिए जोर लगाती हूँ, तो वह नीचे की ओर झुक जाती है और मैं खाली हाथ ऊपर से गुजर जाती हूँ.
समुद्र ने नदी की पूरी बात ध्यान से सुनी और मुस्कुराते हुए बोला ~ जो पहाड़ और वृक्ष जैसे कठोर होते हैं,
वे आसानी से उखड़ जाते हैं.किन्तु ...घास जैसी विनम्रता जिसने सीख ली हो,
उसे प्रचंड आँधी-तूफान या प्रचंड वेग भी नहीं उखाड़ सकता।

जीवन में खुशी का अर्थ
लड़ाइयाँ लड़ना नहीं,
... बल्कि ...
उन से बचना है कुशलता पूर्वक पीछे हटना भी अपने आप में एक जीत है
... क्योकि ...
अभिमान* ~ फरिश्तों को भी शैतान बना देता है,
... और ...
नम्रता ~ साधारण व्यक्ति को भी फ़रिश्ता बना देती है।

rajnish manga 04-07-2018 01:15 PM

Re: इधर-उधर से
 
पासवर्ड

एक 'अजनबी' एक आठ साल की बच्ची से स्कूल के बाहर मिला और उससे बोला - "तुम्हारी माँ एक मुसीबत में है इसलिये तुम्हें लाने के लिए मुझे भेजा है, मेरे साथ चलो।" उस बच्ची ने बिना झिझके पूछा -

"ठीक है। पासवर्ड क्या है??"

इतना सुनते ही वह आदमी निरुत्तर होकर वहाँ से खिसक लिया!

दरअसल माँ बेटी ने एक पासवर्ड तय किया था जो आपातकाल में माँ के द्वारा भेजे गये व्यक्ति को मालूम होता।

बात छोटी सी है, परन्तु नन्हीं सी सूझ-बूझ बड़ा संकट टाल सकती है।।

अभिभावक, बच्चों को विद्यालयों में 'मोबाईल' नहीं दे सकते, मगर 'पासवर्ड' तो दे ही सकते हैं।

rajnish manga 30-01-2024 01:49 PM

Re: इधर-उधर से
 
सभी दोस्तों का शुक्रिया.


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