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Dr.Shree Vijay 10-01-2014 07:54 PM

Re: गैजेट :.........
 

कैसे बचे Gmail पर अनचाही मेल से :.........
http://i9.dainikbhaskar.com/thumbnai.../10/3717_4.jpg
* गूगल ने एक नया फीचर शुरू किया है :.........

सेन फ्रांसिस्को.
अपना बचाव करते हुए गूगल ने कहा है कि इस सुविधा का प्रयोग करते समय 'गूगल प्लस' प्रयोग करने वाले यूजर्स का ई-मेल एड्रस पता नहीं चलेगा।

गूगल ने कहा कि 'गूगल प्लस' के जरिए अनजान लोगों से अपने वाले मेल एक स्पेशल सेक्शन में जाएंगे। ऐसे मेल को प्राप्त करने वाला यूजर्स यदि कोई रिप्लाई नहीं देता है, तो जी-मेल आगे से उस व्यक्ति द्वारा भेजे जाने वाले अन्य ई-मेलों को ब्लॉक कर देगा :.........


Dr.Shree Vijay 12-01-2014 04:22 PM

Re: गैजेट :.........
 

REVIEW: जानें, NOKIA का आशा 503 कैसा है ? :.........
http://i7.dainikbhaskar.com/thumbnai.../10/4685_0.jpg

* जानें, NOKIA का आशा 503 के बारे में
Rs.6683 की कीमत में कैसा है ? :.........

हाल ही में नोकिया ने अपना लो बजट स्मार्टफोवन आशा 503 भारतीय स्टोर्स पर उपलब्ध कराया है। यह फोन 6,683 रुपए में भारतीय यूजर्स को मिलेगा। आशा रेंज के इस नए सदस्य में कई खूबियां हैं तो कुछ खामियां भी हैं। यह फोन खास तौर पर भारत जैसे बढ़ते बाजारों के लिए ही डिजाइन किया गया है। इस फोन की बॉडी कलरफुल है और लुमिया जैसी प्रोफाइल में इसे डिजाइन किया गया है। नोकिया आशा 503 टेक साइट cnet ने 5 में से 3 स्टार दिए हैं। आपको बताते चलें की 7 जनवरी को नोकिया लुमिया 1320 और लुमिया 525 भी भारत में लॉन्च किए गए हैं जिनका रिव्यू जल्द ही पब्लिश किया जाएगा।

अपने इस खास रिव्यू के जरिए आपको बताने जा रहें है -
नोकिया आशा 503 के बारे में, कैसे हैं इसके फीचर्स और क्या खास है इसमें साथ ही क्या है खामियां इस फोन में।

डिजाइन-
नोकिया आशा 503 का लुक नोकिया लुमिया फीचर फोन की तरह ही है। बाहर की तरफ क्रिस्टल कवर है। इस क्रिस्टल कवर के कारण फोन की बॉडी काफी आकर्षक लगती है। फोन का बैक कवर अलग किया जा सकता है। इसके बाद ही सिम और बैटरी फोन से निकाली या डाली जा सकती है। इसमें 3 इंच का स्क्रीन साइज है जो इसे आज के बड़े स्क्रीन वाले फोन से काफी पीछे खड़ा कर देता है। फोन का वजन 110 ग्राम का है। हालांकि, नोकिया आशा 503 आजकल आने वाले आम स्मार्टफोन से काफी मोटा है। इसकी विड्थ 12.7 mm की है। तो अगर डिजाइन को देखें तो नोकिया आशा 503 को कुछ हद तक आकर्षक फोन कहा जा सकता है।

डिस्प्ले-
3 इंच की डिस्प्ले स्क्रीन के साथ नोकिया आशा 503 में 320*240 पिक्सल का रेजोल्यूशन मिलता है। इतना कम रेजोल्यूशन एक लो बजट स्मार्टफोन के हिसाब से भी काफी कम है। कम रेजोल्यूशन इंटरनेट ब्राउजिंग, टेक्स्ट मैसेज पढ़ते समय, फोटो या वीडियो देखते समय यूजर को थोड़ी परेशानी हो सकती है। कम रेजोल्यूशन के कारण धूप में भी इस फोन का इस्तेमाल करना यूजर के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। एक तरह से देखा जाए तो डिस्प्ले फीचर्स इस फोन में कुछ खास नहीं कहे जा सकते हैं।

कैमरा-
नोकिया आशा 503 में 5 मेगापिक्सल का कैमरा है। इसी के साथ LED फ्लैश भी है। बजट को देखा जाए तो उस हिसाब से नोकिया आशा 503 का कैमरा काफी अच्छा कहा जाएगा। 5 मेगापिक्सल कैमरा पावर और LED फ्लैश के अलावा फोन के साथ कई तरह के कैमरा ऐप्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फोन में जो खराब बात है वो है फ्रंट कैमरा की कमी। वीडियो कॉलिंग फीचर इस फोन में नहीं है।

बैटरी लाइफ-
1200 mAh बैटरी वाला नोकिया आशा 503 यूजर को शायद कम लगे। नोकिया कंपनी ने इसकी बैटरी के बारे में कहा है कि यह 4.5 घंटों का टॉकटाइम 3G डाटा ब्राउंजिंग के समय देती है। फुल एचडी फोन अपने बैटरी खींचने वाले पावरफुल क्वाड-कोर प्रोसेसर के साथ भी इससे ज्यादा बैटरी पावर देते हैं। इसी के साथ नोकिया आशा में 35 दिनों का स्टैंडबाय टाइम मिलता है। अब अगर आप फोन का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करें तब ही इसकी पावर बचा सकते हैं। तो बैटरी के हिसाब से देखा जाए तो यह फोन शायद यूजर्स को निराश कर सकता है।

अगर आप किसी ऐसे फोन को लेना चाहते हैं जो सिर्फ कॉल रिसीव करने, टेक्स्ट मैसेज भेजने और इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए इस्तेमाल में आए तो नोकिया आशा 503 आपके काफी काम का फोन साबित हो सकता है। इसके अलावा कैमरा पावर भी ठीक-ठाक कही जा सकती है, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि फोन में आप गेमिंग के शौकीन हैं, हाई-डेफिनेशन ग्राफिक्स देखना चाहते हैं और ज्यादा से ज्यादा ऐप्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसी रेंज में दूसरे स्मार्टफोन भी अच्छे विकल्प बन सकते हैं :.........


dipu 14-01-2014 11:02 AM

Re: गैजेट :.........
 
very nice informatice thread

Dr.Shree Vijay 14-01-2014 03:18 PM

Re: गैजेट :.........
 
Quote:

Originally Posted by dipu (Post 445785)
very nice informatice thread


धन्यवाद दीपू जी..........


Dr.Shree Vijay 18-01-2014 10:46 PM

Re: गैजेट :.........
 

गूगल लेंस :.........
http://wscdn.bbc.co.uk/worldservice/...e_nocredit.jpg

* गूगल लेंस: अब आंसू देंगे ग्लूकोज़ का पता :.........

शरीर में ग्लूकोज़ स्तर का पता लगाने के लिए अब रोज़ शरीर में सुई चुभोने जैसी दर्दनाक प्रक्रिया से छुटकारा मिल सकता है. गूगल ऐसा लेंस बना रही है, जो आंसू में मौजूद ग्लूकोज़ की मात्रा नापेगा. इसका नाम है गूगल 'स्मार्ट कॉन्टेक्ट लेंस'.

स्मार्ट कॉंन्टेक्ट लेंस अपनी दो परतों के बीच लगी नन्ही वायरलेस चिप और छोटे ग्लूकोज़ सेंसर की मदद से आंसुओं में मौजूद ग्लूकोज़ की मात्रा का पता लगाएगा.

क्लिक करें गूगल इस लेंस में एक ऐसी एलईडी लाइट लगाने पर भी काम कर रहा है, जो ग्लूकोज़ की सीमा से ज्यादा होते ही जल उठेगी.

मगर कंपनी का यह भी मानना है कि रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए इस तकनीक के तैयार होने के पहले काफ़ी कुछ किया जाना बाकी है.

गूगल ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "यह तकनीक आने में अभी देर है. मगर हमने इससे जुड़े अधिकतर शोध पूरे कर लिए हैं. हमें विश्वास है कि एक दिन यह तकनीक डायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों के लिए क्लिक करें राहत लेकर आएगी."

उत्साहजनक तरक्की-
दुनिया भर की कई कंपनियां पहने जाने वाले (वियरेबल) क्लिक करें तकनीकी उत्पाद बाज़ार में अपने पांव जमाना चाहती हैं.

आने वाले सालों में उन्हें इस बाज़ार में काफ़ी संभावनाएं नज़र आती हैं.

अलग-अलग अनुमानों के आधार पर कहा जा सकता है कि वियरेबल तकनीक के क्षेत्र में अगले पांच साल में 10 अरब डॉलर से 50 अरब डॉलर तक की बढ़ोतरी की संभावना है.

इस क्षेत्र की कई कंपनियां आजकल विशेष रूप से सेहत से जुड़ी तकनीक पर काम कर रही हैं.

गूगल को उम्मीद है कि निकट भविष्य में स्मार्ट कॉन्टेक्ट लेंस के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने वाली है. इसलिए वह ज़ोर-शोर से इसे बनाने में जुटी है.

'अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज़ फ़ेडरेशन' के मुताबिक़ साल 2035 तक पूरी दुनिया में 10 में से एक इंसान को डायबिटीज़ होने की आशंका है.

ऐसे मरीज़ों को ग्लूकोज़ स्तर पर लगातार नज़र रखनी पड़ती है. ग्लूकोज़ की मात्रा में अचानक कमी या बढ़ोतरी सेहत के लिए गंभीर ख़तरे पैदा करती है. इसलिए नियमित जांच ज़रूरी है.

गूगल के मुताबिक़ अभी वह ग्लूकोज़ पर हर सेकेंड नज़र रखने वाले इन लेंसों के नमूनों की जांच कर रही है.

परामर्श कंपनी 'फ्रॉस्ट एंड सुलिवन' के प्रबंधक मनोज़ मेनन ने बीबीसी को बताया, "रोगनिरोधक स्वास्थ्य कंपनियों में हो रहा यह विकास उत्साहजनक है. उम्मीद है कि इस क्षेत्र में कई और नए अनुसंधान होंगे, जिनसे क्लिक करें वियरेबल उत्पादों के ज़रिए सेहत से जुड़ी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकेगी."


Dr.Shree Vijay 19-01-2014 04:15 PM

Re: गैजेट :.........
 

पांच तरकीब जो बदल देंगी आपकी दुनिया :.........

http://www.dw.de/image/0,,6453486_4,00.jpg

* आईबीएम वैसे तो आधुनिक कंप्यूटरों और तकनीक के लिए मशहूर है, लेकिन अब यह कंपनी पांच ऐसी नई तरकीब बाजार में ला रही है जिससे इंसान की जिंदगी बदल सकती है :.........


आईबीएम ने दिमाग में चल रहे विचारों को भांपने वाली मशीनों का आविष्कार किया है. इन मशीनों से पता लगाया जा सकेगा कि आप किस तरह के व्यक्ति से बात कर रहे हैं और उसके दिमाग में क्या चल रहा है. इस आविष्कार का नाम "आईबीएम 5 इन 5 है" और इसके लिए सामाजिक ट्रेंडों पर शोध किया गया है. 2017 से कंपनी अपने शोध के नतीजों का इस्तेमाल करना शुरू करेगी. "5 इन 5" का मतलब है, पांच ऐसे आविष्कार जो आने वाले सालों और महीनों में इंसान की जिंदगी बदल सकते हैं.

इनमें से पहला है पीपुल पॉवर. आईबीएम के वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्य के हिलने डुलने से बहुत सारी ऊर्जा पैदा होती है और भविष्य में इसका सही तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. अब कंपनी ऐसे तकनीक पर काम कर रही है जो किसी के चलने या काम करने से पैदा हो रही गर्मी को कहीं जमा कर सके ताकि उसका उपयोग बाद में किया जा सके.

दूसरी खोज के बारे में आईबीएम का कहना है कि स्काइवॉकर और एक्स मेन फिल्मों की तरह अब कंपनी ऐसी तकनीक बना रही है जिससे दिमाग को कंप्यूटर या स्मार्टफोन से जोड़ा जा सकता है. मिसाल के तौर पर आप अगर किसी को फोन करना चाहें, तो आपको केवल उसके बारे में सोचना होगा और फोन अपने आप कनेक्ट हो जाएगा. कंप्यूटर के स्क्रीन को भी आप अपनी सोच से नियंत्रित कर सकेंगे :.........


Dr.Shree Vijay 19-01-2014 04:18 PM

Re: गैजेट :.........
 

पांच तरकीब जो बदल देंगी आपकी दुनिया :.........

http://www.dw.de/image/0,,6094844_4,00.jpg

* आईबीएम वैसे तो आधुनिक कंप्यूटरों और तकनीक के लिए मशहूर है, लेकिन अब यह कंपनी पांच ऐसी नई तरकीब बाजार में ला रही है जिससे इंसान की जिंदगी बदल सकती है :.........


भविष्य में पासवर्ड की भी जरूरत नहीं होगी क्योंकि आंखों में रेटिना और आवाज से कंप्यूटर आपको पहचान लेगा. एटीएम से अगर आप पैसे निकालना चाहें, तो आपको बस मशीन के सामने खड़ा होना पड़ेगा. आपकी रेटिना को पढ़ कर कंप्यूटर अपने आप आपको पहचान लेता है और आपको पैसे निकालने में आसानी होती है.

तीसरी खोज पर एक बयान में कंपनी ने लिखा, "हूदीनी से लेकर स्काइवॉकर और फिर एक्स मेन, दिमाग को पढ़ना साइंस फिक्शन तक सीमित रह गया है, लेकिन कल्पना के फैंस की मन्नतें पूरी हो सकती हैं." हूदीनी एक मशहूर अमेरिकी जादूगर थे जो लोगों की भीड़ के बीचोंबीच से गायब होने और अपने आप को जंजीरों से छुड़ाने में अव्वल थे. अब माइंड रीडिंग एक आम बात होने वाली है.

आईबीएम ने अपने आविष्कारों में अमीरों को ही नहीं बल्कि समाज के हर स्तर के व्यक्ति को शामिल करने की कोशिश की है. दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिनके पास कंप्यूटर और यहां तक कि बिजली की सुविधा नहीं है. लेकिन कंपनी का कहना है कि आने वाले पांच सालों में दुनिया के 80 प्रतिशत लोगों के पास सेलफोन होगा और इससे बहुत सारे लोग वह सब काम कर पाएंगे जो वह इस समय नहीं कर पा रहे.

आईबीएम के 5 इन 5 में पांचवीं खोज आपके ईमेल इनबॉक्स में आपकी पसंद के संदेश लाएगी. बेकार के संदेश अब आपके ईमेल इनबॉक्स को भरेंगे नहीं. इंटरनेट में आपकी पसंदों को मापा जाएगा और उसके मुताबिक आपको संदेश भेजे जाएंगे :.........


Dr.Shree Vijay 26-01-2014 04:51 PM

Re: गैजेट :.........
 

कैसे बच सकते हैं आप मार्केटिंग कॉल्स से ? :.........

http://wscdn.bbc.co.uk/worldservice/...24x351_afp.jpg

* अजनबी फ़ोन नंबरों से हर दिन आपको न जाने कितने कॉल आते होंगे, ‘दो मिनट’ बात करने के लिए, जिनसे आप झुंझलाते भी होंगे. बच निकलने की कोशिश भी करते होंगे. एक बार फ़ोन काटने पर भी दोबारा कॉल आता है :.........


हर रोज़ ढेर सारी छोटी-बड़ी कंपनियों के कॉलर सेवाएं या उत्पाद बेचने के लिए कॉल करते हैं.

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (टीआरएआई) की हाल में छपी रिपोर्टों के मुताबिक़ मोबाइल इस्तेमाल करने वाले भारतीयों की संख्या पिछ्ले 10 सालों में 20 लाख से बढ़ कर लगभग 87 करोड़ हो गई है.

मोबाइल पर सजे इस नए बाज़ार से फायदा उठाने के लिए कई तरह की कंपनियां काम कर रही हैं.

सिर्फ दिल्ली शहर में ही 900 से ऊपर टेलीकॉम कमर्शियल कम्पनियां टीआरएआई में रजिस्टर्ड हैं. और वो अनगिनत कंपनियां जो रजिस्टर्ड नहीं हैं..? आप अंदाज़ा लगा सकते हैं इस भीड़ का....शायद नहीं!

कैसे बच सकते हैं मार्केटिंग कॉल से?.....

अपने मोबाइल पर मार्केटिंग कॉल आने से रोकने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप अपना नंबर डीएनडी यानी ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ में रजिस्टर करवाएं. एसएमएस के ज़रिए आप डीएनडी ऐसे ऑन कर सकते हैं.

1. सारी सुविधाएँ बंद करने के लिये मैसेज बॉक्स में “START 0” दबाएँ और 1909 पर भेज दें.

2. विकल्पों में अभी सात कैटेगरी हैं: बैंकिंग, इंश्योरेंस, निवेश करने के माध्यम/उपकरण, क्रेडिट कार्ड, रीयल एस्टेट, शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, उपभोक्ताओं को लुभाने वाले उपकरण, और भ्रमण (यानी ‘टूरिज़्म’ पैकेज वाली कम्पनियां). अपनी पसंद के अनुसार इनमें से उन विकल्पों को चुनिए जिनसे जुड़े एसएमएस आप पाना चाहते हैं, बाकियों को खारिज कीजिए.

3. इस रजिस्ट्रेशन के सात दिन बाद तक आपको टीआरएआई की ओर से एक मैसेज मिल जायेगा, इसके बाद भी आपको अगर ऐसे फोन कॉल तंग करते हैं, तो आप बाकायदा शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

ऐसा करके आप पूरी तरह टेलीमार्केटिंग तो नहीं रोक पाएंगे लेकिन बार-बार कॉल करके परेशान करने वालों के खिलाफ शिकायत ज़रूर कर पाएंगे.

बाज़ार में कैसे पहुंचते हैं हमारे नंबर?.....

विज्ञापनों के इस अतिक्रमण के लिये कुछ हद तक हम भी ज़िम्मेदार हैं.

किसी मॉल या शोरूम में जा कर उनकी ‘गेस्ट बुक’ भरना, या किसी अच्छे रेस्त्रां में खाने के बाद उनको ‘फीड बैक’ देना – यह सब करके हम अपने सम्पर्क सूत्र, यानी मोबाइल नंबर, ई-मेल, जन्म-तिथि इत्यादि सार्वजनिक ही तो कर रहे हैं.

फेसबुक या ऐसी ही कितनी ही अन्य वेबसाइट्स भी ये विवरण मांगते हैं. उदाहरण के तौर पर एक जींस खरीदने पर भी हम अपना नाम, फोन नंबर और ई-मेल आसानी से लिख देते हैं.

ऐसा करने से बचकर हम कुछ हद तक इस समस्या से निजात पा सकते हैं :.........

स्रोत :.........


Dr.Shree Vijay 26-01-2014 04:57 PM

Re: गैजेट :.........
 

कैसे बच सकते हैं आप मार्केटिंग कॉल्स से ? :.........

http://wscdn.bbc.co.uk/worldservice/...p_nocredit.jpg

* अजनबी फ़ोन नंबरों से हर दिन आपको न जाने कितने कॉल आते होंगे, ‘दो मिनट’ बात करने के लिए, जिनसे आप झुंझलाते भी होंगे. बच निकलने की कोशिश भी करते होंगे. एक बार फ़ोन काटने पर भी दोबारा कॉल आता है :.........


कौन बेच रहा है हमारे नंबर ?.....

हमारे ये नंबर इनको मिलते कैसे हैं? क्या टेलीकॉम कंपनी का ही कोई कर्मचारी कुछ रुपयों के लिये अपना ‘डेटाबेस’ बेच देता है? या फिर कई टीमें हैं जो बाकायदा ऐसे मॉल और होटलों में जा कर, पैसे देकर हमारा लेखा-जोखा हासिल कर लेती हैं?

भारत जैसे देश में जहां लाखों नौजवान पढ़ाई पूरी करने के बाद भी नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं, उनका ऐसे कामों में लग जाना नामुमकिन नहीं. यह एक ‘ब्लैक-होल’ जैसी स्थिति है – जो छोटी कंपनियां इसमें पूरी तरह या 'पार्ट टाइम' लगी हैं, वो अपने आंकड़े बताने को तैयार नही होती.

असमय फोन करने वाले अनजान लोग भारत की मशहूर टेलीकॉम क्रांति के उधार के सिपाही हैं. इनकी फौज के हम पर लगातार बढ़ते हमलों के दो कारण हैं.

पहला यह कि पिछले एक दशक में भारतीय उपभोक्ता की मानसिकता में एक ग़ज़ब की जागरुकता आई है. पैसे, और उसके ख़र्च करने के विकल्पों ने, इस भूख को और बढ़ाया है.

चाहे वह दिल्ली के आस-पास यहां-तहां उगे चले आ रहे फ्लैट हों या पिज़ा बेचने वाली कंपनियों के नए प्रयोग, आम आदमी (जिसमें बिजली ठीक करने वाला भी शामिल है और उसका दुरुपयोग करने वाला भी) – इन वैभव के प्रतीकों के प्रति उत्सुक है.

दूसरी तरफ, अकल्पनीय तेज़ रफ्तार से फैली मोबाइल संपर्क क्रांति, समाचार और विज्ञापन लोगों तक पहुंचाने का सरल और सस्ता तरीका बन गया है :.........

स्रोत :.........


Dr.Shree Vijay 28-01-2014 04:52 PM

Re: गैजेट :.........
 

बच्चों के लिए नया एजुकेशनल टैबलेट एड्डी :.........

http://www.themobileindian.com/image...65/KID-TAB.jpg

* नई दिल्ली :.........

मेटिस ने बच्चों के लिए बाजार में एजुकेशनल टैबलेट उतारने की योजना बनाई है। इसका नाम एड्डी रखा गया है। यह टैबलेट चीन में बनाया गया है जो 2 से 10 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त है। यह 20 फरवरी तक बाजार में आ जाएगा।

9,999 रुपये की कीमत में मिलने वाले टैबलेट एड्डी में काफी ऐसे कंटेंट डाले गए हैं जो बच्चों को कुछ न कुछ सीखने में मदद करेंगे। दूसरे शब्दों में यह पूरी तरह लर्निग एप्स से भरा मिलेगा। कंपनी के अनुसार इस टैबलेट में ऐसे गेम्स डाले गए हैं जो बच्चों को सीखने में मदद करेंगे। इसमें करीब 150 गेम डाले गए हैं और इसे स्कूल के सिलेबस से भी जोड़ा गया है।

बच्चे इस पर गेम खेल सकते हैं, किताबें पढ़ सकते हैं तथा दुनिया को जान समझ सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर से पैरेंट्स इसमें अतिरिक्त एप्प भी जोड़ सकते हैं। इसके अलावा इस टैब में किड्स राडार नामक एप्प है जो बच्चों के लिए उपयुक्त सर्च इंजन है। इस टैबलेट में पैरेंट्स बच्चों के लिए टाइम भी सेट कर सकते और साथ ही विषय भी।

ताकि उनके बच्चे कितने समय तक टैबलेट का उपयोग करें और किस विषय पर ज्यादा फोकस करें यह उनके माता पिता को निश्चित कर सकें।

1024 गुणा 600 पिक्सल रिज्योलूशन वाले इस 7 इंची स्क्रीन के टैबलेट में 0.3 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा व 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है। साथ ही इसमें 3200 एमएएच की बैटरी भी है जो एक फुल चार्ज पर 4 घंटे का टॉकटाइम देने का दावा करती है।

इसके अलावा इसमें 1.6जीएचजेड डुअल कोर प्रोसेसर, 1 जीबी रैम और एंड्रायड 4.2 जेली बिन ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें 8जीबी का इंटर्नल मेमोरी है जिसे माइक्रो एसडी कार्ड के सहारे 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।

भारतीय बाजार में बच्चों के लिए इंटेल भी इसी प्रकार का गेम प्ले लांच करने की कोशिश कर रहा है वहीं चिप मेकर ने भी इसी तरह का एंड्रायड आधारित एजुकेशन टैबलेट विद्यार्थियों के लिए लांच किया है :.........

साभार :.........



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