उस छुअन का एहसास आजतक क्यों है
चाँद आज अकेला अकेला सा क्यों है
हवाओं का रंग बदला बदला सा क्यों है जब उसके दिल में कुछ था ही नही मेरी खातिर तो मुझमें जिंदा ये प्यार आज तक क्यों है वैसे तो मेरी आँखों ने कई बार छुआ है तुझको मेरे ख्वाबो ने हमेशा ही सोचा भी है तुझको जो छुआ था एक रात तूने सपने में उस छुअन का एहसास आजतक क्यों है Here is my blog.... Pls view it. http:// _ _ _ _ _ (edited) |
Re: उस छुअन का एहसास आजतक क्यों है
बहुत सुन्दर!
इस फोरम पर आपका स्वागत है। लिखते रहिए अगली बार कृपया font size थोडा सा बढा दीजिए धन्यवाद (आपका ब्लॉग अवश्य पढेंगे) |
Re: उस छुअन का एहसास आजतक क्यों है
शुक्रिया sir ....
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Re: उस छुअन का एहसास आजतक क्यों है
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Re: उस छुअन का एहसास आजतक क्यों है
Theek hai rajnish ji....
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