Re: अनुरोध :- जाने अनजाने में साइबर क्राइम से ब&
साइबर कैफे मालिकों को अब कैफे में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों का डाटा मैन्यूअली स्टोर नहीं करना पड़ेगा। क्लिंक साइबर मैनेजर सॉफ्टवेयर से खुद ब खद डाटा स्टोर हो जाएगा। इससे न सिर्फ साइबर कैफे के मालिकों को मदद मिलेगी, बल्कि साइबर क्राइम को अंजाम देने वालों को ढूंढना पुलिस के भी आसान होगा।
देश में साइबर सॉल्यूशन के लिए माने जाने वाली कंपनी आइडिएक्ट इनोवेशन ने इसे बनाया है। ये सॉफ्टवेयर सभी कैफे मालिकों को मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। सोमवार को साइबर क्राइम के विषय पर कंपनी व लुधियाना पुलिस की तरफ से दयानंद अस्पताल के ऑडीटोरियम में सैमीनार का आयोजन भी किया गया। जिसमें शहर के 100 से अधिक साइबर कैफे मालिकों ने भी भाग लिया। इस सैमीनार में लुधियाना के डीसीपी प्रमोद बान ने कहा कि पिछले कुछ समय से साइबर क्राइम में बढ़ौतरी हुई है।
साइबर क्राइम से निपटने के लिए पंजाब में पहला साइबर इंनवेस्टिगेशन सेल वर्ष 2009 में बना था। उनका कहना है कि साइबर क्राइम करने वालों से निपटने के लिए पुलिस को कैफे मालिकों का सहयोग आवश्यक है। कैफे मालिक इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों का डाटा मैन्यूअली रिकार्ड करते हैं। लेकिन अब इस सॉफ्टवेयर की मदद से उन्हें ऐसी कोई दिक्कत नहीं आएगी। कंपनी के गुरविंदर सिंह का कहना है कि भारत में 47 प्रतिशत इंटरनेट का इस्तेमाल साइबर कैफे में होता है।
ऐसे में रिकार्ड मेनटेन करना कैफे मालिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। कंपनी की तरफ से डिवेलप इस सॉफ्टवेयर से कैफे मालिकों की ये समस्या खत्म हो जाएगी। ग्राहक की फोटो से लेकर उसका सारा डाटा खुद ब खुद स्टोर किया जाएगा। इंटरनेट के इस्तेमाल से पहले ग्राहक को अपनी सारी जानकारी देनी होगी। ये सॉफटवेयर कंपनी की तरफ से मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। इस मौके पर एडीसीपी हर्ष बंसल ने भी सैमीनार को संबोधित किया।
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