नए साल की ताल
रह गए हैं अब कुछ पल इस साल के अंत के
होने वाली है नई सुबह सपनो के संसार की दूर गगन तारों की लड़ी , टिक टिक करती ये घडी सुना रही धड़कन मानो अंतिम सांसो के इस साल की खुश है मानव मन खुश है हर जीवन आने वाला नया साल है अरमानो के पंख लगे हैं उड़ना अब है यहीं , ये खुला आसमान है हो रहे हैं कई जश्न यहाँ और खोई खोई सी शाम है कही है मधुर संगीत तो कहीं मृदंग की ताल है। नाच रहे हैं जोड़ी बांधे करतल ध्वनि का श्रृंगार है अनुपम ये दृश्य सजा है हर किसी को नए साल का इंतज़ार है नए साल की खुशियों संग कर लेना ख़ुद से वादा तुम करना है कुछ ऐसा की जीत ले दूजों के ग़म , अधिक ना हो सकेगा तो कुछ ही सही ख़ुशियाँ बाटेंगे हम कह रही है हम सबसे जैसे की , जैसे दिया स्नेह इस साल में देना स्नेह ऐसा ही सबको तुम , गर कोई रूठे या फिर आ जाये कोई ग़म सहला कर अपने मन को बरबस थोड़ा सा हंस लेना तुम दर्द पड़े हैं करोडो इस दुनिआ में इंसानी दुखों का पार कहाँ खुद के सुख से कुछ पल दे दो दुखियों को , फर्क पड़ेगा क्या तुम्हे यहाँ गर लगेगी किसीके दिल से निकली छोटी सी भी दुवा तुम्हे वारे न्यारे हो जायेंगे तेरे ऐसा है ईश्वर ने भी कहा। . |
Re: नए साल की ताल
Quote:
आपको भी नव वर्ष 2019 की अनेक अनेक शुभकामनाये. |
Re: नए साल की ताल
ji bhai naye varsh ka ullas sabke man me hota hai kintu is naye varsh me khushiyon se vanchit rahne valon ke liye bhi yadi kuchh achha har koi sochne lage to kahin koi gham na ho ... bahut bahut dhanywad sah hardik abhar bhai .
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