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-   -   निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकान (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2845)

Suvigya Vicky Mishra 19-05-2011 06:32 PM

निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकान
 
इस्तकबाल,

कई लोग हैं, जिनका मानना है कि धर्म और आस्था चर्चा का विषय नही है , अपितु केवल विश्वास का विषय है ,
ऐसे लोगों से निवेदन है यहाँ न आयें, आप के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है ....

अन्यों के लिए,

यदि आप मेरे जैसे चंचल मस्तिष्क से ग्रसित रोगी हैं, आप ने भी स्वयं से और बाहर जगत में भी यह प्रश्न कई बार पूछा होगा कि क्या कोई भगवत सत्ता है ...

पूजा गृहों को देखकर, अपना रिजल्ट आने के कुछ समय पहले और कुछ पाने की लालसा या खोने के बड़े डर को यदि निकाल दें, तो मेरे ख़याल से ९० प्रतिशत श्रद्धा का दि एंड हो जाएगा ....

अभी मैं अपनी फिलोसोफी को विराम लगाता हूँ, बस एक प्रश्न छोड़कर ,

तार्किक और गैर वैयक्तिक चर्चा को उत्सुक आस्तिकों, नास्तिकों और तटस्थों का यहाँ पर स्वागत है और फ्री में चाय पकौड़ी है ... :banalema:,


यदि आप किसी खास रंग के झंडे से बाहर नही आना चाहते तो यहाँ न पधारने का कष्ट करें,

यदि कुछ समय तक किसी का रेस्पोंस नही आया, तो भाई मिश्र जी की मसला चाय दुबारा हाज़िर होगी मेरी फिलोसोफी के साथ ......
आपका

विक्की

jitendragarg 19-05-2011 07:54 PM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकान
 
मेरी चाय किधर है? :threatenlumber:

prashant 19-05-2011 07:59 PM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकान
 
चर्चा को आगे बढाओ तो मैंने भी एक दो तीर लगा दूँ/

prashant 19-05-2011 08:00 PM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकाê
 
Quote:

Originally Posted by jitendragarg (Post 87478)
मेरी चाय किधर है? :threatenlumber:

आपकी चाय अभी पाक रही है/
विक्की भाई का इंतजार करें/
ले कर आते होंगे/:giggle:

ndhebar 20-05-2011 05:23 PM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुका&
 
भगवान को मानना तो जाने कब से छोड़ दिया है
पर मंदिर के सामने बिना कुछ सोचे ही सर झुक जाता है
कम्बख्त कुछ आदतें लाख चाह के भी नहीं बदलतीं

_ _ _ _ _ _

अब जल्दी से एक चाय इधर भी

khalid 20-05-2011 06:53 PM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुका&
 
Quote:

Originally Posted by ndhebar (Post 87678)
भगवान को मानना तो जाने कब से छोड़ दिया है
पर मंदिर के सामने बिना कुछ सोचे ही सर झुक जाता है
कम्बख्त कुछ आदतें लाख चाह के भी नहीं बदलतीं

_ _ _ _ _ _

अब जल्दी से एक चाय इधर भी

थोडा ठहरिए आसाम से पत्ती लेकर आते होँगे चाय दुकानदार

jitendragarg 20-05-2011 07:13 PM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकान
 
मैं किस्सा पूरा सुनाऊ, तो चाय की पूरी दूकान ही मेरे घर आ जायेगी! :giggle:

prashant 21-05-2011 05:34 AM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकाê
 
Quote:

Originally Posted by jitendragarg (Post 87717)
मैं किस्सा पूरा सुनाऊ, तो चाय की पूरी दूकान ही मेरे घर आ जायेगी! :giggle:

कहीं आपको चाय पिलानी ना पड़ जाए इसीलिए आपने कहानी नहीं सुनाई/:tomato:

YUVRAJ 21-05-2011 07:04 AM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुकाê
 
भाई मिश्रा जी ...:)
एक पैग इधर भी भिजवा दें ....मसाला वाली चाय ...

YUVRAJ 21-05-2011 07:08 AM

Re: निर्मोही नुक्कड़ ... नास्तिक की चाय की दुका&
 
अहा हा हा हा हा .....:lol:
नहीं खालिद भाई ...."फस्ट फ्लस" वाली आसाम वाली :nono: ...
Quote:

Originally Posted by khalid1741 (Post 87711)
थोडा ठहरिए आसाम से पत्ती लेकर आते होँगे चाय दुकानदार



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