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abhisays 20-10-2011 06:06 PM

From Russia with Love
 
From Russia with Love
(फॉर्म russia विथ लव)


abhisays 20-10-2011 06:17 PM

Re: From Russia with Love
 
रूस ने मुझे शुरू से अपनी और आकर्षित किया है. रूस की विरासत, इसके महान नेता, १९१७ की क्रांति, साम्यवाद, अंतरिक्ष और परमाणु विज्ञान में नए खोज, इसके विश्वविख्यात वैज्ञानिक और उनकी खोजे, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के दौरान इरोडोव के भौतिकी की किताब, शतरंज की दुनिया में दबदबा, शीत युद्ध का दौरान अमेरिका के साथ वर्चस्व की लड़ाई. ऐसी कई बातें है जो मन ही मन मुझे रूस की और आकर्षित करती है और रूस के बारे में और जानने की जिज्ञासा पैदा करती है. तो चलिए इस सूत्र में हम लोग रूस (भूतपूर्व सोवीएत यूनियन ) के समाज, इतिहास, राजनीति, भूत और भविष्य की चर्चा करेंगे. आशा है जिन सदस्यों को रुसी संस्कृति में रूचि होगी वो भी इसमें अपना योगदान देंगे. :-)

abhisays 20-10-2011 10:46 PM

Re: From Russia with Love
 
आइये पहले जरा रूस के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त कर ले.

रूस पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित विश्व का सब्से बड़ा देश है। इसका कुल शेत्रफल १,७०,७५,४०० किमी२ है. आकार की दृष्टि से रूस भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है।

abhisays 20-10-2011 10:46 PM

Re: From Russia with Love
 
रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया, और उत्तर कोरिया।

रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना।

वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है।

abhisays 20-10-2011 10:48 PM

Re: From Russia with Love
 
रूस का इतिहास.

http://www.hubertlerch.com/images/Lenin5.jpg

abhisays 20-10-2011 10:49 PM

Re: From Russia with Love
 
रूस का इतिहास पूर्वी स्लाव जाति से शुरू होता है। स्लाव जाति जो आज पूर्वी यूरोप में बसती है का सबसे पुराना गढ़ कीव था जहाँ ९वीं सदी में स्थापित कीवी रुस साम्राज्य आधुनिक रूस की आधारशिला के रूप में माना जाता है । कीवि रुसों को मंगोलों के महाभियान में १२३० के आसपास परास्त किया गया लेकिन १३८० के दशक में मंगोलों का पतन आरंभ हुआ और मॉस्को (रूसी भाषा में मॉस्कवा) का उदय एक सैन्य राजधानी के रूप में हुआ । १७वीं से १९वीं सदी के मध्य में रूसी साम्रज्य का अत्यधिक विस्तार हुआ । यह प्रशांत महासागर से लेकर बाल्टिक सागर और मध्य एशिया तक फैल गया । प्रथम विश्वयुद्ध में रूस को ख़ासी आंतरिक कठिनाइयों का समना करना पड़ा और १९१७ की बोल्शेविक क्रांति के बाद रूस युद्ध से इलग हो गया । द्वितीय विश्वयुद्ध में अपराजेय लगने वाली जर्मन सेना के ख़िलाफ अप्रत्याशित अवरोध तथा अन्ततः विजय प्रदर्शित करन के बाद रूस तथा वहाँ के साम्यवादी नायक जोसेफ स्टालिन की धाक दुनिया की राजनीति में बढ़ी । उद्योगों की उत्पादक क्षमता और देश की आर्थिक स्थिति में उतार चढ़ाव आते रहे । १९३० के दशके में ही साम्यवादी गणराज्यों के समूह सोवियत रूस का जन्म हुआ था । द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद शीत युद्ध के काल के गुजरे इस संघ का विघटन १९९१ में हो गया ।

abhisays 20-10-2011 10:50 PM

Re: From Russia with Love
 
प्राचीन काल और मॉस्को का उदय


कीवि रूसों के मूल के बारे में अनेक मत हैं । स्कैंडिनेवी वाइकिंग लोगों ने स्तेपी में पहले से अवस्थित ख़ज़ार लोगों को विस्थापित करके कीव (आधुनिक यूक्रेन) में अपनी राजधानी बनाई । यहीं से रूसी साम्राज्य का इतिहास आरंभ होता है । यह कीवि साम्राज्य अगले ३०० सालों तक अस्तित्व में रहा । इस साम्राज्य ने उत्तरी यूरोप तथा मुस्लिम अब्बासी ख़िलाफत के बीच संपर्क का काम किया । हाँलांकि यह खज़ार लोगों द्वारा स्थापित व्यापार मार्ग का अनुकरण मात्र था । ख़जर लोगों ने आठवीं सदी में यहूदी धर्म को अपना लिया था । नौवीं सदी में रुसों ने इस्लाम को राजधर्म को लागू करने की बात भी शुरु की थी । इसका कारण ये था कि इस्लाम में कई पत्नियों को रखने की इजाजत थी जिससे कि तत्कालीन राजकुमार व्लादिमीर बहुत आकर्षित हुआ था । पर इस्लाम में शराब की सख़्त मनाही की वजह से उसने इस्लाम अपनाने का विचार छोड़ दिया और सन् ९८८ में रूसी साम्राज्य ईसाईयत में संस्कृत हुआ ।

abhisays 20-10-2011 10:51 PM

Re: From Russia with Love
 
मंगोल आक्रमण

सन् १२०० के बाद मंगोलों की शक्ति में अत्यधिक वृद्धि हुई । मंगोलिया के ख़ान तेमुज़िन (चंगेज़ ख़ान) के अनुसरण में मंगोल सेना संगठित हुई और सन् १२३० के दशक में तातर आक्रमणों की वजह से कीव का रुसी साम्राज्य बिखर गया । लेकिन १३८० में मास्कवी राजकुमार दिमित्री दॉन्सकॉय ने कुलिकोवो के मैदान में तातरों के खिलाफ़ एक निर्णायक जीत हासिल की । इसके बाद से रूस के इतिहास में मॉस्को का नाम आता है । मॉस्को नए रूसी साम्राज्य की राजधानी बना ।

abhisays 20-10-2011 10:52 PM

Re: From Russia with Love
 
रूसी साम्राज्य का विस्तार

इवान तृतीय, जिसे महान की उपाधि से भी संबोधित किया जाता है, ने रूसी साम्राज्य का विस्तार यूरोप में किया। सबसे पहले उसने लिथुआनिया के शासक को हराया और अंततः उसका साम्राज्य तीन गुणा फैल गया । इसके बाद इवाम चतुर्थ आया जिसे इवान भयंकर कहकर भी याद करते हैं । उसने सामंतों के खिलाफ़ सख़्ती दिखाई और जो लोग उसके खिलाफ होते उसे मार भी दिया गया । इवान चतुर्थ के बाद आराजकता का माहौल रहा । उसके बेटा संतानहीन मर गया और कई वर्षों तक सत्ता अनेक हाथो में जाती रही । इसके बाद मिखाइल रोमानोव को शासक बनाया गया । रोमानोव के वंश ने अगले ३०० सालों तक रूस पर राज्य किया ।

abhisays 20-10-2011 10:52 PM

Re: From Russia with Love
 
१६१३ में रोमानोव के शासक बनने के बाद सत्ता में स्थिरता तो आई पर पश्चिमी यूरोप में हुए औद्योगिक क्रांति तथा वैज्ञानिक खोजों की वजह से रूस फिर भी पिछड़ा हुआ रहा । इसके बाद पीटर के शासनकाल में इसमें सुधार आया । पीटर ने पश्चिमी यूरोप का दौरा छद्मवेष में किया और इस तरह यूरोप की प्रगति पर निगाह डालता रहा । इस क्रम में, कहा जाता है कि, उसने एक बार हॉलैंड की किसी जहाज कंपनी में बढ़ई का काम भी किया । लौटने के बाद पीटर ने भी रूस का आधुनिकीकरण आरंभ किया । पीटर ने सैन्य सुधार, वेष-भूषा सुधार तथा कैलेंडर में सुधार करवाए । उसने स्वेड लोगों को हराकर बाल्टिक सागर के पत्तनों पर अधिपत्य जमाया और इस तरह व्यापार के नए अवसर मिले । साम्राज्य को जीर्णता से उबारने के लिए उसने १७०३ में साम्राज्य की नई राजधानी का निर्माण कराया जिसे आज सेंट पीटर्सबर्ग कहते हैं ।


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