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-   -   जूते चप्पल थप्पड़ लात घूंसे (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=3711)

abhisays 25-11-2011 06:21 AM

जूते चप्पल थप्पड़ लात घूंसे
 
जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें

आजकल जहाँ देखो जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें राजनीति और आम जीवन में आ गए हैं. पता नहीं गाँधी के देश को क्या हो गया है. आइये देखते है इन घटनाओं को और जानने की कोशिश करते है ऐसा क्यों हो रहा है.

http://media2.intoday.in/indiatoday/...2411100641.jpg

abhisays 25-11-2011 06:29 AM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
इस तरह की घटनाओं की शुरुआत २००८ में हुई थी जब एक इराकी पत्रकार ने जोर्ज बुश पर जूता फेक कर मारा था.



जिस पत्रकार ने जूता फेक कर मारा था वो काफी प्रसिद्ध हो गया

http://en.wikipedia.org/wiki/Muntadhar_al-Zaidi

abhisays 25-11-2011 06:32 AM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
2009 में चिदंबरम पर भी जूते से हमला हुआ था.


Dark Saint Alaick 25-11-2011 07:06 AM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
एक श्रेष्ठ सूत्र के लिए बधाई स्वीकार करें अभिषेकजी ! ऎसी अनेक घटनाएं अपने देश में हुई हैं और इनका एक सबसे चिंताजनक पहलू मेरी नज़र में यह है कि हमें दिन-रात क़ानून अपने हाथ में नहीं लेने की सीख देने वाले तथाकथित नेतागण इसके बाद दोषियों पर सरे-आम लात-घूंसे बरसाते नज़र आए हैं ! इनमें कई तथाकथित राष्ट्रीय पार्टियों के महासचिव और मंत्री जैसे लोग भी शामिल देखे गए हैं ! यहां प्रश्न यह उठता है कि क़ानून की यह दुहाई क्या सिर्फ आम जनता के लिए ही है ! उस समय उन्होंने दंड देने का काम क़ानून को क्यों नहीं करने दिया और दोषी से इस तरह मार-पीट के लिए उन पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?

arvind 25-11-2011 09:55 AM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
Quote:

Originally Posted by dark saint alaick (Post 124433)
एक श्रेष्ठ सूत्र के लिए बधाई स्वीकार करें अभिषेकजी ! ऎसी अनेक घटनाएं अपने देश में हुई हैं और इनका एक सबसे चिंताजनक पहलू मेरी नज़र में यह है कि हमें दिन-रात क़ानून अपने हाथ में नहीं लेने की सीख देने वाले तथाकथित नेतागण इसके बाद दोषियों पर सरे-आम लात-घूंसे बरसाते नज़र आए हैं ! इनमें कई तथाकथित राष्ट्रीय पार्टियों के महासचिव और मंत्री जैसे लोग भी शामिल देखे गए हैं ! यहां प्रश्न यह उठता है कि क़ानून की यह दुहाई क्या सिर्फ आम जनता के लिए ही है ! उस समय उन्होंने दंड देने का काम क़ानून को क्यों नहीं करने दिया और दोषी से इस तरह मार-पीट के लिए उन पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?

सत्ता का नशा ही ऐसा होता है की वो कुछ भी करे ले, उनके लिए सब जायज है, और वही अगर आम जनता करे तो गलत। आजकल के नेता जितना गलत काम करे, वो अपने को उतना ही योग्य समझते है।

abhisays 27-11-2011 12:17 PM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
अभी कुछ ही दिन पहले पाकिस्तानी टीवी चैनल पर नेता लोग हाथा पाई किये थे.


abhisays 27-11-2011 12:19 PM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
अपने भारत में तो लोग संसद में काफी शांत रहते हैं.. कोरिया की संसद में देखिये क्या हो रहा है.



इस घटना पर किसी ने कहा है की

I wonder if South Korean members of parliament have to be black belts to be elected? You would have thought it would be tae kwon-do too! :)

abhisays 27-11-2011 12:22 PM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
अब कोरिया तक पहुच गए हैं तो उक्रेन की संसद में भी घूम लेते हैं.


abhisays 27-11-2011 12:24 PM

Re: जूते चप्पल थप्पड़ लात घुसें
 
हमेशा जहरीली बात करने वाले दिग्गी राजा लात मारने में भी उस्ताद हैं..



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