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-   -   ग़ ज़ ल: दीवाना कर दिया है दिले बेकरार ने. (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=5174)

rajnish manga 10-11-2012 09:27 PM

ग़ ज़ ल: दीवाना कर दिया है दिले बेकरार ने.
 
कई रोज़ मेरी जानिब देखा न यार ने.
दीवाना कर दिया है दिले बेकरार ने.

तेरी दोस्ती पे हमें बड़ा ऐतबार था,
हमें सब सिखा दिया है तेरे ऐतबार ने.

आज की बात का तेरा कल पे टालना,
जीना मुहाल कर दिया है इस उधार ने.

इस सिम्त मेरा दिल है, उस सिम्त ज़माना,
इन दोनों से लड़ना है मेरे शहसवार ने.

हर बार रकीबों ने ‘शरर’ जाल बिछाये,
हर बार बचाया है मुझे रूह-ए-यार ने.

---- रजनीश कुमार मंगा “शरर” नजीबाबादी बकलम खुद

Dark Saint Alaick 11-11-2012 12:05 AM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
बहुत अच्छे !

omkumar 11-11-2012 08:06 AM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
good one.. boss.. :cheers::cheers::cheers::cheers::cheers:

Ranveer 11-11-2012 09:16 AM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
मँगा जी ,
आपकी रचनाएँ काफी अच्छी हैं ।
यदि आप अपनी रचनाओं का शीर्षक दिया करेंगे तो और भी सुंदर लगेंगी ।

rajnish manga 11-11-2012 12:17 PM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
सेंट अलैक जी, ओंकार जी व रणवीर जी, आप सभी महानुभाव का ग़ज़ल की प्रशंसा करने एवं सम्मति देने के लिये हार्दिक धन्यवाद. रचनाओं का शीर्षक देने सम्बन्धी सुझाव के लिये मैं रणबीर जी का आभारी हूँ और भविष्य में ध्यान रखूँगा.

rajnish manga 11-11-2012 12:38 PM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
Quote:

Originally Posted by omkumar (Post 178933)
good one.. boss.. :cheers::cheers::cheers::cheers::cheers:

ग़ज़ल पसंद करने के लिये शुक्रिया. आपकी प्रतिक्रिया के साथ ‘चीयर्स’ के ग्राफिक्स देख कर मुझे असगर गोंडवी साहब का एक शे’र याद आ गया. मुलाहिज़ा कीजिये:
काजू प्लेट में हैं तो व्हिस्की गिलास में.
उतरा है लोकतंत्र विधायक निवास में.
:cheers:

Dark Saint Alaick 11-11-2012 12:52 PM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 179188)
ग़ज़ल पसंद करने के लिये शुक्रिया. आपकी प्रतिक्रिया के साथ ‘चीयर्स’ के ग्राफिक्स देख कर मुझे असगर गोंडवी साहब का एक शे’र याद आ गया. मुलाहिज़ा कीजिये:
काजू प्लेट में हैं तो व्हिस्की गिलास में.
उतरा है लोकतंत्र विधायक निवास में.
:cheers:

यह स्वर्गीय अदम गोंडवी की रचना है मित्र ! :cheers:

abhisays 11-11-2012 01:08 PM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
बहुत बढ़िया रजनीश जी, आपकी रचनाये काफी अच्छी हैं। :cheers:

rajnish manga 11-11-2012 01:34 PM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
Quote:

Originally Posted by dark saint alaick (Post 179204)
यह स्वर्गीय अदम गोंडवी की रचना है मित्र ! :cheers:

गलती सुधार कर आपने मुझे एक महान रचनाकार के प्रति अनायास हो गए पाप से बचा लिया. स्व. अदम के सम्मुख भी क्षमाप्रार्थी हूँ. धन्यवाद.

Dark Saint Alaick 11-11-2012 09:37 PM

Re: ** *ग़ ज़ ल
 
Quote:

Originally Posted by rajnish manga (Post 179243)
गलती सुधार कर आपने मुझे एक महान रचनाकार के प्रति अनायास हो गए पाप से बचा लिया. स्व. अदम के सम्मुख भी क्षमाप्रार्थी हूँ. धन्यवाद.

यह पाप नहीं है, मित्र ! विस्मृति का शिकार कोई भी हो सकता है ! यह आपका बड़प्पन है कि आपने इसे पाप की संज्ञा दी ! मैं आपके इस जज्बे को सलाम करता हूं ! इस तरह की ग़लतियां मैं अक्सर तत्काल सुधारने के पक्ष में इसलिए हूं कि ऐसा नहीं किए जाने पर अन्य लोग उसे उद्धृत करने लगते हैं और अंततः वह झूठ बार-बार उद्धृत होकर सच का रूप धारण कर लेता है ! मेरी टिप्पणी को सहृदयता से अन्यथा नहीं लेने के लिए आपका आभार !


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