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sombirnaamdev 02-02-2013 10:26 PM

वो आग लगा कर दिल में उसको हवा देते रह गये
 
वो आग लगा कर दिल में उसको हवा देते रह गये
नादान से बन कर हम दिल की आग बुझाने में निकल गये !!

1 उनकी जफ़ाओ के मारे हम दुनिया से निकल गए
हसीन चेहरे को देख कर थोड़े से बहल गए !

2 दिल की लगी कुछ इस तरह से उनको रास ज़रा ना आई
के महफ़िल से हमारी गैरों की मानिंद दबे पावों से निकल गए !

3 चोट पे चोट दी हैं इतनी जालिम तेरी बेरुखी ने मुझको
लगता है ये हमे जैसे की हम ग़मों से सांचे में ही ढल गये !

4 रोज देखते रहे ख्वाब नींदों में बसाकर दिनरात जिन्हें
लगता है हमसे आज वो बहूत दूर .. बहूत दूर. ..बहूत दूर ....निकल गये !

5 '''' नामदेव ''''यूँ ही बैठा गया था घनघोर घटा जुल्फों की छाँव में
जाने कहाँ कहाँ से कितने और जहरीले सांप निकल गये

सोमबीर ''' नामदेव '''

dipu 03-02-2013 06:56 PM

Re: वो आग लगा कर दिल में उसको हवा देते रह गये
 
Very good

bindujain 03-02-2013 07:58 PM

Re: वो आग लगा कर दिल में उसको हवा देते रह गये
 
आँखों में बस के दिल में समा कर चले गये
ख़्वाबिदा ज़िन्दगी थी जगा कर चले गये

रग-रग में इस तरह वो समा कर चले गये
जैसे मुझ ही को मुझसे चुराकर चले गये

आये थे दिल की प्यास बुझाने के वास्ते
इक आग सी वो और लगा कर चले गये

लब थरथरा के रह गये लेकिन वो ऐ "जिगर"
जाते हुये निगाह मिलाकर चले गये

-जिगर मुरादाबादी


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