Re: !! प्रसिद्द हिंदी कहानियाँ !!
रामचंद्र ने अचानक चुप्पी को भंग करते हुए पूछा, ''प्रमोद खा चुका?''
सिध्देश्वरी ने प्रमोद की ओर देखते हुए उदास स्वर में उत्तर दिया, ''हां, खा चुका।''
''रोया तो नहीं था?''
सिध्देश्वरी फिर झूठ बोल गई, ''आज तो सचमुच नहीं रोया। वह बडा ही होशियार हो गया है। कहता था, बडक़ा भैया के यहां जाऊंगा। ऐसा लडक़ा..''
पर वह आगे कुछ न बोल सकी, जैसे उसके गले में कुछ अटक गया। कल प्रमोद ने रेवडी ख़ाने की जिद पकड ली थी और उसके लिए डेढ घंटे तक रोने के बाद सोया था।
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