Re: हिन्दी शायरी
हसरतों की निगाहों पे सख्त पहरा है
ना जाने किस उम्मीद पे दिल ठहरा है
तेरी चाहत की कसम ऐ दोस्त
अपनी दोस्ती का रिश्ता प्यास से भी गहरा है
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जो सत्य विषय हैं वे तो सबमें एक से हैं झगड़ा झूठे विषयों में होता है।
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जिनके घर शीशो के होते हे वो दूसरों के घर पर पत्थर फेकने से पहले क्यू नहीं सोचते की उनके घर पर भी कोई फेक सकता हे -------------------------------------------- Gaurav Soni
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